छलका गोविंदा का दर्द, कहा- 'पिछले 9 सालों से मेरे खिलाफ षड़यंत्र रचा जा रहा है'
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छलका गोविंदा का दर्द, कहा- 'पिछले 9 सालों से मेरे खिलाफ षड़यंत्र रचा जा रहा है'

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा 20 कट लगाए जाने की खबर के बाद संवाददाता सम्मेलन में गोविंदा ने यह बात कही.

पहलाज निहलानी की फिल्म 'इल्जाम' से गोविंदा ने की थी अपने अभिनय की शुरुआत (फोटो साभारः इंस्टाग्राम, गोविंदा)

नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर गोविंदा ने उनकी फिल्म ‘रंगीला राजा’ में सेंसर बोर्ड द्वारा कैंची चलाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि फिल्म उद्योग में लोगों का एक समूह है, जो उनकी फिल्मों को रिलीज न होने देने के लिए षड़यंत्र रच रहा है. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा 20 कट लगाए जाने की खबर के बाद संवाददाता सम्मेलन में गोविंदा ने यह बात कही. इस फिल्म का निर्माण सीबीएफसी के पूर्व प्रमुख और फिल्मकार पहलाज निहलानी ने किया है. गोविंदा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह पिछले 9 साल से हो रहा है, यहां फिल्म उद्योग में लोगों का एक समूह मेरे खिलाफ षड़यंत्र रच रहा है और मेरी फिल्मों को किसी अच्छे मंच पर रिलीज नहीं होने दे रहा है.’’

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(फोटो साभारः इंस्टाग्राम, गोविंदा)

उन्होंने कहा ‘‘या तो मेरी फिल्में रिलीज न हों या फिर उन्हें अच्छे थिएटर या स्क्रीन न मिलें. इसका ताजा उदाहरण ‘फ्राइडे’ है जो कुछ ही सप्ताह पहले रिलीज हुई. इसे मीडिया से बेहतर रिव्यू मिला, लेकिन फिल्म थिएटरों से हटा ली गई.’’ बता दें, हाल ही में सेंसर बोर्ड के पूर्व प्रमुख और फिल्मकार पहलाज निहलानी ने बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के एक आदेश को चुनौती दी. सीबीएफसी यानी सेंसर बोर्ड ने अपने इस आदेश में निहलानी की जल्द ही रिलीज होने जा रही फिल्म ‘रंगीला राजा’ से 20 दृश्य हटाने को कहा था.

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(फोटो साभारः इंस्टाग्राम, गोविंदा)

निहलानी ने अपनी याचिका में कहा कि सेंसर बोर्ड का सुझाव सही ठहराने लायक नहीं है, क्योंकि उनका मानना है कि फिल्म किसी भी तरह से अश्लील नहीं है. फिल्मकार ने सेंसर बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष प्रसून जोशी पर भी निशाना साधा और कहा कि वह ‘‘राजनीतिक तौर पर प्रेरित हैं’’. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि जब एक फिल्म को प्रमाणन के लिए बोर्ड के पास भेजा जाता है तो बोर्ड की स्क्रीनिंग कमेटी ने फैसला करने में 21 दिन का वक्त लगता है, लेकिन इस मामले में फैसला करने में उसे 40 दिन लग गए. बीते दो नवंबर को कमिटी ने आदेश पारित कर फिल्म से कई दृश्य हटाने को कहा था. 

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(फोटो साभारः इंस्टाग्राम, गोविंदा)

बता दें, सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर निहलानी का कार्यकाल काफी विवादों में रहा था. कई फिल्मकारों ने उन पर आरोप लगाए थे कि वह उनकी फिल्मों में मनमाने तरीके से दृश्य हटाने को कहते थे. इस विवाद के बाद निहलानी को पद से हटाकर प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया गया था. ‘रंगीला राजा’ के जरिए करीब 25 साल बाद निहलानी और गोविंदा साथ काम कर रहे हैं. इससे पहले पहलाज निहलानी की फिल्म 'इल्जाम' से अपने अभिनय की शुरुआत करने वाले गोविंदा ने उनके साथ 'शोला और शबनम' और 'आंखें' में काम किया है और दोनों ही फिल्में सुपरहिट रहीं. (इनपुट भाषा से भी)

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