सलमान खान के खिलाफ 2002 से जुड़े ‘हिट एंड रन’ मामले में घटना के दिन से लेकर मुंबई की अदालत की ओर से बुधवार को सुनाए गए फैसले तक का घटनाक्रम इस प्रकार है।
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मुंबई : सलमान खान के खिलाफ 2002 से जुड़े ‘हिट एंड रन’ मामले में घटना के दिन से लेकर मुंबई की अदालत की ओर से बुधवार को सुनाए गए फैसले तक का घटनाक्रम इस प्रकार है।
28 सितंबर 2002 : सलमान खान की सफेद रंग की टोयाकटा लैंड क्रूजर गाड़ी ने ब्रांदा में हिल रोड पर अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी में टक्कर मारी, हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गयी और चार अन्य घायल हो गये।
28 सितंबर : सलमान का रक्त का नमूना लिया गया।
28 सितंबर : बांद्रा पुलिस ने सलमान को गिरफ्तार किया, जमानत मिली।
एक अक्तूबर : सलमान के खिलाफ भादंसं के प्रावधानों, मोटर वाहन अधिनियम 1988 और बॉम्बे प्रोहिबिशन एक्ट 1949 के तहत मामला दर्ज किया गया।
अक्तूबर 2002 : मुंबई पुलिस ने भादंसं की धारा 304 (2) लगाई जिसके तहत गैर इरादतन हत्या के लिए 10 साल जेल की सजा का प्रावधन।
7 अक्तूबर 2002 : सलमान ने बांद्रा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया, गिरफ्तार किये गये।
21 अक्तूबर 2002 : मुंबई पुलिस ने बांद्रा मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
24 अक्तूबर 2002 : सलमान को जमानत मिली।
मार्च 2003 : सलमान ने मुंबई सत्र न्यायालय में भादंसं की धारा 304-2 के आवेदन को चुनौती दी।
मई 2003 : सत्र न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया, मजिस्ट्रेट अदालत को आरोप तय करने को कहा।
जून 2003 : सलमान बम्बई उच्च न्यायालय गये, जिसने भादंसं की धारा 304-2 के मामले में लागू नहीं होने की राय दी।
अक्तूबर 2003 : महाराष्ट्र सरकार ने बम्बई उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।
दिसंबर 2003 : उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया कि मजिस्ट्रेट अदालत भादंसं की धारा 304-2 लागू करने के बारे निर्णय ले सकती है।
अक्तूबर 2006 : सलमान खान के खिलाफ मजिस्ट्रेट ने आरोप तय किए।
3 अक्तूबर 2007 : पहली प्राथमिकी दर्ज कराने वाले पुलिस अंगरक्षक रविन्द्र पाटिल की टीबी से मौत।
अक्तूबर 2011 : सलमान खान पर कठोर धाराएं लगाये जाने की अभियोजन पक्ष ने मांग की।
23 दिसंबर 2013 : 17 गवाहों की गवाही के बाद अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वी एस पाटिल ने अभिनेता पर गैर इरादतन हत्या का आरोप तय किया और मामले को सुनवाई के लिए सत्र न्यायाधीश के पास भेज दिया।
24 जून 2013 : सत्र न्यायाधीश ने मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ सलमान की याचिका को खारिज कर दिया और गैर कहा कि इरादतन हत्या का आरोप लागू है।
27 अप्रैल 2014 : सत्र न्यायालय में नए सिरे से मुकदमा शुरू, पहले गवाह ने गवाही दी।
24 जुलाई 2014: सत्र न्यायालय ने सलमान के खिलाफ आरोप तय किये।
जुलाई 2014 : बांद्रा थाने से मामले की फाइल गायब। 63 गवाहों का वास्तविक बयान गुम। अदालत ने जांच का आदेश दिया।
12 सितंबर 2014 : फाइलें मिलीं और अदालत में पेश की गईं।
सितंबर 2014 : इस मामले में प्रदीप घराट को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया।
25 मार्च 2015 : 24 गवाहों की गवाही के बाद अभियोजन की गवाही समाप्त।
27 मार्च 2015 : अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी डब्ल्यू देशपांडे ने सीआरपीसी की धारा 313 के तहत सलमान खान का बयान दर्ज किया।
31 मार्च : सलमान खान के चालक अशोक सिंह ने बचाव पक्ष के गवाह के रूप में बयान दिया, कहा कार वह चला रहा था, सलमान नहीं।
एक अप्रैल : अभियोजन ने जिरह शुरू की।
10 अप्रैल : सलमान के वकील ने जिरह शुरू की।
20 अप्रैल : जिरह समाप्त।
21 अप्रैल : अदालत ने कहा कि वह छह मई को फैसला सुनाएगी।
06 मई, 2015 : मुंबई के सेशंस कोर्ट ने फैसला सुनाया, सलमान दोषी। पांच साल की सजा सुनाई।
-8 मई, 2015: बंबई हाईकोर्ट ने हिट एंड रन मामले में सलमान खान को पांच साल की सजा निलंबित की, जमानत मिली। सलमान से निचली अदालत में समर्पण करने और 30,000 रुपये का जमानत मुचलका भरने को कहा।