ओवैसी ने मुस्लिमों से कहा, 'बकवास फिल्म है 'पद्मावत', इसे देखकर वक्त बर्बाद न करें'
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ओवैसी ने मुस्लिमों से कहा, 'बकवास फिल्म है 'पद्मावत', इसे देखकर वक्त बर्बाद न करें'

एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘‘ नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री) ने उस फिल्म के लिए 12 सदस्यों की एक समिति गठित की.. (लेकिन) किसी ने भी हमारे खिलाफ कानून (तीन तलाक खत्म करने) बनाते वक्त हमसे राय-मश्विरा नहीं किया.’’ 

 असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'मुस्लिम समुदाय को राजपूतों से सीखना चाहिए जो फिल्म को रिलीज नहीं होने देने के लिए एकजुट हैं.' (फाइल फोटो)

हैदराबाद: बॉलीवुड की विवादित फिल्म 'पद्मावत' को बकवास बताते हुए एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिमों से कहा है कि वह इसे देखने पर समय बर्बाद न करें.  हैदराबाद से लोक सभा के सदस्य ओवैसी ने बुधवार को वारंगल जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'फिल्म देखने न जाएं. ईश्वर ने आपको दो घंटे की फिल्म देखने के लिए नहीं बनाया है.'

  1. ओवैसी ने मुस्लिमों से कहा है पद्मावत फिल्म देखने न जाएं
  2. ओवैसी ने कहा बकवास फिल्म है पद्मावत
  3. 25 जनवरी को रिलीज होगी पद्मावत

मुस्लिम समुदाय को राजपूतों से सीखना चाहिए : ओवैसी
उन्होंने कहा, ‘‘ नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री) ने उस फिल्म के लिए 12 सदस्यों की एक समिति गठित की.. (लेकिन) किसी ने भी हमारे खिलाफ कानून (तीन तलाक खत्म करने) बनाते वक्त हमसे राय-मश्विरा नहीं किया.’’ ओवैसी ने कहा, ‘‘फिल्म बहुत बुरी और बकवास है..मुस्लिम समुदाय को राजपूतों से सीखना चाहिए जो फिल्म को रिलीज नहीं होने देने के लिए एकजुट हैं.’’ बता दें उच्चतम न्यायालय ने गुजरात एवं राजस्थान द्वारा फिल्म के प्रदर्शन पर लगायी रोक कल हटाते हुए पद्मावत को 25 जनवरी को पूरे भारत में रिलीज करने की इजाजत दे दी थी .

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पद्मावत का सीबीएफसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर तत्काल सुनवाई की अपील खारिज
इससे पहले शुक्रवार को  उच्चतम न्यायालय ने विवादास्पद फिल्म ‘पद्मावत’ को दिया गया सेंसर बोर्ड का प्रमाण पत्र रद्द करने की मांग करने वाली ताजा जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई की अपील ठुकरा दी. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़़ ने इस प्रतिवेदन को भी खारिज कर दिया कि फिल्म रिलीज किए जाने से जान-माल और कानून-व्यवस्था को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है.

पीठ ने वकील एम एल शर्मा द्वारा दायर ताजा याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा, ‘‘कानून व्यवस्था कायम रखना हमारी जिम्मेदारी नहीं है. यह सरकार का काम है. याचिका खारिज की जाती है.’’ वकील ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा‘पद्मावत’ को दिए गए यू/ए प्रमाण पत्र को सिनेमैटोग्राफ कानून के प्रावधानों समेत विभिन्न आधार पर रद्द किए जाने की मांग की है. पीठ ने कहा, ‘‘हमने कल एक तर्कसंगत आदेश पारित किया है.’’ उसने कहा कि सीबीएफसी द्वारा एक बार प्रमाण पत्र जारी किए जाने के बाद हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है.

'पद्मावत' फिल्म की कहानी 13वीं सदी में महाराजा रतन सिंह एवं मेवाड़ की उनकी सेना और दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध पर आधारित है. इस फिल्म में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणबीर सिंह ने अभिनय किया है. 

(इनपुट - भाषा)

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