करणी सेना ने अपना स्टैंड बदलते हुए कहा कि वह फिल्म मेवाड़ के राजघराने के लोगों को दिखाये और अगर उन्हें कोई विरोध नहीं हुआ तो वह फिल्म के विरोध में चल रहे अपने अंदोलन को वापिस ले लेंगे.
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नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' पर जमकर विरोध कर रही करणी सेना ने अब अपनी विरोध में थोड़ी ढिलाई बरती है. अभी तक फिल्म देखे बिना इसे रिलीज न होने देने की धमकी देने वाली श्री राजपूत करणी सेना ने यूटर्न लेते हुए कह दिया है कि उन्हें न सही तो यह फिल्म मेवाड़ के महाराजाओं को दिखा दी जाए. करणी सेना इस फिल्म की शूटिंग के समय से ही भंसाली के विरोध में रही है और पिछले साल जयपुर में फिल्म के सेट पर उनके ऊपर हमला भी किया गया था. करणी सेना इस फिल्म को पूरी तरह प्रतिबंधित करने की मांग कर रही थी. देश में हुए विरोध के बाद इस फिल्म की रिलीज टाल दी गई है, जो 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी.
बुधवार को करणी सेना ने अपना स्टैंड बदलते हुए कहा कि वह फिल्म मेवाड़ के राजघराने के लोगों को दिखाये और अगर उन्हें कोई विरोध नहीं हुआ तो वह फिल्म के विरोध में चल रहे अपने अंदोलन को वापिस ले लेंगे. अभी तक करणी सेना की मांग थी कि पहले उनके प्रतिनिधियों को ही यह फिल्म दिखायी जाए, तभी इस फिल्म को रिलीज होने दिया जाएगा.
'पद्मावती' को लेकर इस बात का विवाद है कि यह फिल्म राजपूत रानी पद्मावती के बारे में इतिहास को बिगड़ती है. 1303 में चित्तौड़ के घेराबंदी होने के दौरान पद्मावती ने अपने समुदाय के सम्मान की रक्षा के लिए जौहर कर लिया था.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार भंसाली को 'बार बार अपराध को दोहराने वाला व्यक्ति' बताते हुए कलवी ने कहा, "वह जो कहते हैं, ठीक उसके विपरीत करते हैं और जो भी कहते हैं, कभी नहीं करते. उन्होंने सेंसर बोर्ड के आवेदन फॉर्म में फिल्म की प्रकृति के स्थान को खाली क्यों छोड़ दिया? उन्हें पता था कि वह चाहे ऐतिहासिक लिखे या काल्पनिक, संकट हर हाल में आएगा."
बता दें कि संजय लीला भंसाली की इस फिल्म में दीपिका पादुकोण रानी पद्मिनी के किरदार में, शाहिद कपूर महारावल रतन सिंह के किरदार में और रणवीर सिंह अलाद्दीन खिलजी के किरदार में नजर आएंगे. यह फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी लेकिन अब इसकी रिलीज डेट टाल दी गई है. इस फिल्म के विरोध में दीपिका पादुकोण और संजय लीला भंसाली के पुलते तक जलाएं गए हैं.