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नई दिल्ली: अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आज़मी ने रविवार को कहा कि तीन तलाक अमानवीय है और ये हर मुस्लिम महिला के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन करता है. अभिनेत्री और कार्यकर्ता शबाना आज़मी ने रविवार को कहा कि तीन तलाक अमानवीय है और ये हर मुस्लिम महिला के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन करता है.
मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना सरकार का दायित्व
उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना सरकार का दायित्व है और तीन तलाक प्रणाली को खत्म करने के मुद्दे पर कोई दो राय नहीं होनी चाहिए.
शबाना ने संवाददाताओं से कहा, 'तीन तलाक अमानवीय है और हर मुस्लिम महिला के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन करता है.' उन्होंने कहा, 'तीन तलाक प्रणाली पूरी तरह अमानवीय है और मुस्लिम महिलाओं को समानता या सशक्तिकरण के उनके अधिकार से वंचित करती है.'
पवित्र कुरान भी तीन तलाक की इजाजत नहीं देता है
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'यहां तक कि पवित्र कुरान भी तीन तलाक की इजाजत नहीं देता है.' देशभर में तीन तलाक पर बड़ी बहस चल रही है. तीन तलाक की संवैधानिक वैधता को चुनौती देती कुछ याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है.
इससे पहले, यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि समाज की प्रगति आंकने का एकमात्र सच्चा और सही तरीका ये देखना है कि वहां की महिलाएं कितनी सशक्त हैं. उन्होंने कहा, 'जो महिलाएं सशक्त हैं उन्हें अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास करने चाहिए. उन्हें अन्य सहायता समूहों का गठन करना चाहिए.'