B'day SPL: 14 साल की लड़की पर आ गया था अमजद खान का दिल, जानिए 'गब्बर सिंह' के दिलचस्प किस्से
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B'day SPL: 14 साल की लड़की पर आ गया था अमजद खान का दिल, जानिए 'गब्बर सिंह' के दिलचस्प किस्से

'शोले' में गब्बर सिंह के बाद अमजद खान ने 'मुकद्दर का सिकंदर' और 'दादा' फिल्म में भूमिका निभाई, जिसे आज भी याद किया जाता है.

शोले के किरदार 'गब्बर सिंह' ने एक्टर अमजद खान को लोकप्रिय बना दिया. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म शोले 'गब्बर सिंह' यानी अमजद खान अगर आज जिंदा होते तो 78 साल के हो जाते. 12 नवंबर 1940 को जन्मे एक्टर अमजद खान ने अपने बीस साल के करियर में 130 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. संजीव कुमार, अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी स्टारर फिल्म 'शोले' में गब्बर सिंह यानी अमजद खान की एक ऐसा नाम है जो जिसकी शानदार एक्टिंग और दमदार डायलॉग्स लोगों के सिर पर ऐसे छाए कि आजतक उन्हें कोई भुला नहीं सका है. फिल्म 'शोले' और 'मुक़द्दर का सिकंदर' ने अमजद को शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचा दिया. बड़े पर्दे पर अपने शानदार अभिनय से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाला यह एक्टर 27 जुलाई 1992 के दिन दुनिया को अलविदा कह गया. अपनी दमदार भूमिकाओं के चलते अमजद खान आज भी याद किये जाते हैं. आगे पढ़ें- अमजद खान से जुड़े कुछ अनसुने किस्से...

मुंबई के बांद्रा इलाके में रहने वाले अमजद खान की 1972 में शेहला खान से लव मैरिज हुई थी. एक इंटरव्यू में शेहला ने अपनी लव स्टोरी सुनाई. उन्होंने बताया, 'अजमद और मेरा परिवार आसपास ही रहते थे. मैं और अमजद एक ही स्पोर्ट क्लब में खेलने आया करते थे. जब मैं स्कूल में पढ़ती थी तो एक बार मेरी मुलाकात अमजद से हुई. उन्होंने मुझसे मेरे नाम (शेहला) का मतलब पूछा था. मैं जवाब न दे सकी तो उन्होंने ही बताया कि तुम्हारे नाम का मतलब है 'काली आंखों वाला शख्स'. इसी दौरान अमजद ने शेहला से उनकी उम्र भी पूछी. शेहला ने कहा, मैं 14 साल की हूं. यह सुनकर उन्होंने कहा, 'जल्द ही तुम बड़ी हो जाओ, क्योंकि मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं.' यह भी पढ़ें: मौत के बाद रिलीज हुई थीं 'शोले' के 'ठाकुर' की 10 फिल्में, कुछ ऐसी थी उनकी जिंदगी

मां को रिश्ता लेकर भेजा
बकौल शेहला, 'जब मैं 10वीं में पढ़ती थी तो अमजद ने अपनी मां को मेरे घर रिश्ता लेकर भेजा, लेकिन मेरे पिता ने साफ मना कर दिया था. हालांकि, चोरी-छिपे हमारी मुलाकातें होती रहीं और आखिरकार 1972 में हमने शादी कर ली.' इसके एक साल बाद 1973 में अमजद के बड़े बेटे शादाब का जन्म हुआ. इसी दिन उनको रमेश सिप्पी की 'शोले' फिल्म मिली. बता दें कि शादाब ने 1997 में एक्ट्रेस रानी मुखर्जी के साथ 'राजा की आएगी बारात' फिल्म से बॉलीवुड डेब्यू किया था. मगर यह फिल्म फ्लॉप हो गई और शादाब ने फिल्मी दुनिया से तौबा कर लिया.

जावेद नहीं चाहते थे अमजद खान बनें 'गब्बर'
शोले के गब्बर सिंह का रोल के लिए अमजद खान पहली पसंद नहीं थे. डायरेक्टर रमेश सिप्पी चाहते थे कि ये किरदार डैनी निभाएं. डैनी के पास उस समय इतना काम था कि उन्हें रोल करने से इनकार करना पड़ा. ऐसे में फिल्म के लेखक सलीम खान ने रमेश सिप्पी को गब्बर के किरदार के लिए अमजद खान का नाम सुझाया. यह भी पढ़ें: B'day Special: कभी इस एक्ट्रेस की बाथरूम की दीवारों से मिले थे लाखों रुपए, अब गुमनामी में जीने को हैं बेबस

किरदार को लेकर डर गए
रमेश सिप्पी जब स्क्रिप्ट लेकर पहुंचे तो अमजद खान अपना रोल पढ़ने पर डर गए. उन्हें ये किरदार बेहद चैलेंजिंग लगा. ऐसा किरदार उन्होंने पहले कभी नहीं निभाया था. वे डरे हुए थे कि रोल उनसे हो भी पाएगा या नहीं.

चैलेंजिंग था 'गब्बर सिंह' बनना
डाकू का किरदार निभाने के लिए अमजद खान ने तैयारी शुरू की तो उन्होंने डाकुओं पर आधारित किताबें भी पढ़ीं, जिससे उन्हें उनके रहन-सहन व तरीकों की जानकारी मिली. डायलॉग की बारी आई तो फिल्म के दूसरे लेखक जावेद अख्तर को अमजद की आवाज में दम नहीं लगा और उन्हें ड्रॉप करने की तैयारी होने लगी. लेकिन अमजद ने इसे चुनौती की तरह लिया और बार-बार प्रैक्टिस कर वो आवाज पाई जो आज भी फिल्म शोले देखने वाले हर शख्स के दिमाग में ताजा है.

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