Explainer: बौखलाए आतंकी क्यों बना रहे राजौरी-पुंछ को निशाना? फेक नैरेटिव और प्रोपेगेंडा फैलाने में जुटा पाकिस्तान
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Explainer: बौखलाए आतंकी क्यों बना रहे राजौरी-पुंछ को निशाना? फेक नैरेटिव और प्रोपेगेंडा फैलाने में जुटा पाकिस्तान

Rajouri-Poonch Attack: जम्मू कश्मीर में राजौरी के थानामंडी इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच 20 दिसंबर देर शाम से चल रही मुठभेड़ आज तीसरे दिन भी जारी है. आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में सेना के चार जवान बलिदान हो गए और तीन जवान घायल बताए जा रहे हैं. 

Explainer: बौखलाए आतंकी क्यों बना रहे राजौरी-पुंछ को निशाना? फेक नैरेटिव और प्रोपेगेंडा फैलाने में जुटा पाकिस्तान

Rajouri-Poonch Terrorist Attack: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के पीर पंजाल इलाके में राजौरी-पुंछ सेक्टर को आतंकियों ने एक महीने के भीतर दूसरी बार निशाना बनाया है. राजौरी के थानामंडी इलाके में 20 दिसंबर देर शाम सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच शुरू मुठभेड़ शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी है. जानकारी के मुताबिक सुरक्षा बलों को इनपुट्स मिले थे कि राजौरी-पुंछ इलाके में 2-3 आतंकी छुपे बैठे हैं. जिसके बाद सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन चलाया. 

राजौरी-पुंछ इलाके में एक महीने में दूसरी बार सेना पर आतंकी हमला

घात लगाकर छिपे आतंकियों ने गुरुवार दोपहर को सर्च ऑपरेशन पर निकले सुरक्षाबलों के काफिले के दो वाहनों पर  हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि डेरा की गली - बफलियाज रूट पर घने जंगलों में छिपे आतंकियों ने अचानक सुरक्षा बलों की जिप्सी और ट्रक पर गोलीबारी शुरू कर दी. इस आतंकी हमले बाद सेना के चार जवान बलिदान और तीन जवान गंभीर रूप से घायल हो गए. सेना के काफिले पर हमले के बाद आतंकी घने जंगलों में भाग गए. उनका तलाश में सुरक्षा बलों का संयुक्त अभियान जारी है. इससे पहले 22 नवंबर को राजौरी के बाजीमाल इलाके में सुरक्षा बलों पर आतंकी हमले हुए थे. उस हमले में सेना के दो कैप्टन समेत पांच जवान शहीद हो गए थे.

PoK और LoC से सटे जम्मू के राजौरी-पुंछ को क्यों निशाना बना रहे आतंकी

जम्मू कश्मीर के इन इलाकों में साल 2023 में ही आतंकियों ने अब तक 6 हमले किए हैं. इस साल पूंछ-राजौरी सेक्टर में हुए मुठभेड़ों में सेना के 19 जवान वीरगति को प्राप्त हुए हैं. बीते दो साल में यह आंकड़ा 34 के पार पहुंच गया है. इन आतंकी हमलों के बाद सवाल है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और LoC से सटे जम्मू के राजौरी-पुंछ इलाके को आतंकी क्यों निशाना बना रहे हैं. वहीं, सेना के लिए यह इलाका क्यों चुनौती बन गया है? जबकि, सुरक्षा बलों ने लगभग पूरे जम्मू-कश्मीर में आतंकियों पर लगाम लगा दिया है.

राजौरी- पुंछ में सुरक्षा बलों ने एक साल में मार गिराए 27 आतंकी, बौखलाया पाकिस्तान

रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले एक साल से सुरक्षा बलों द्वारा राजौरी और पुंछ में चलाए गए ऑपरेशन में टॉप आतंकी कारी और मुनव्वर समेत 14 आतंकी हिंटरलैंड में और 13 आतंकी एलओसी क्रॉस करते हुए ढेर किए गए हैं. कुल मिलाकर 27 आतंकी मार गिराए गए हैं. ऐसे में आतंकी बौखलाए हुए हैं. कश्मीर में अपनी काली करतूतों को अंजाम देने में नाकाम होने के बाद पाकिस्तान और उसके समर्थन से चल रहे आतंकी संगठन जम्मू संभाग में राजौरी और पुंछ के इलाकों को निशाना बना रहे हैं. 

दुर्गम इलाके, घने जंगल, प्राकृतिक गुफाएं और लोकल मुखबिरों का फायदा उठाते आतंकी

जम्मू कश्मीर के इस सेक्टर में दुर्गम इलाके, घने जंगल और प्राकृतिक गुफाएं होने के कारण आतंकी इन इलाकों को निशाना बना रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, पीर पंजाल के पहाड़ी इलाकों यानी जम्मू के पुंछ, राजौरी और रेयासी और कश्मीर के कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग जिलों में 25 से 30 आतंकी एक्टिव हैं. ये सभी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से जुड़े PAFF या TRF से कनेक्टेड हैं. इन इलाके के 75-100 स्थानीय लोग भी उनके समर्थक और मुखबिर हैं. PAFF या TRF ने पिछले कुछ सालों में 'गुरिल्ला वॉर' टेकनिक का इस्तेमाल करके कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया है. इस टेकनिक में सुरक्षाबलों पर छोटी-छोटी ग्रुप में छिपकर और घात लगाकर हमला करते हैं. उसके तुरत बाद भागकर वापस घने जंगल में छिप जाते हैं. इन आतंकियों में कुछ के पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी ट्रेनिंग लेने की बात कही जाती है. कश्मीर घाटी से खदेड़े जाने के बाद आतंकियों ने इन घने जंगलों को अपना ठिकाना बनाया.  जंगल इतना घना है कि उसमें वाहनों के साथ घुसना आसान नहीं है. साल 2021 में भाटाधुलियां जंगल में सुरक्षा बलों पर हमले के बाद सर्च ऑपरेशन 21 दिनों तक चला था, लेकिम सारे आतंकी छिप गए.

चीन और पाकिस्तान की मिली-जुली आतंकी साजिश, भारतीय सुरक्षा बलों के सामने फेल

दूसरी ओर, मअपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. दोनों देश पुंछ-राजौरी में एक बार फिर आतंक को जिंदा करने की साजिश में जुटा है, ताकि भारतीय सेना का ध्यान जम्मू कश्मीर की ओर खींचा जाएऔर लद्दाख में उनकी तैनाती कम को जाए. वहां पिछले तीन साल से चीन और भारत के बीच सीमा विवाद चल रहा है. साल 2020 में भारत ने लद्दाख में चीनी पीएलए का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय राइफल्स की यूनिफॉर्म फोर्स को पुंछ सेक्टर से भेजा था. पाकिस्तान की अपनी माली हालत भी खराब है. अगले साल वहां आम चुनाव भी होने वाले हैं. ऐसी हालत में पाकिस्तान के कश्मीर को लेकर प्रोपेगेंडा चलाने की कोशिश लगातार फेल हो रही है. जिसके चलते पाकिस्तानी सेना और आईएसआई राजौरी पूंछ में आतंकी हमले करके अपने लोगों में झूठा नैरेटिव चलाना चाहती हैं, लेकिन भारतीय सुरक्षा बल पाकिस्तान और आतंकी संगठनों का ये प्लान लगातार फेल कर रहे हैं.

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