किस उम्र में टूटना चाहिए बच्चों का दूध का दांत, जानें इसके पीछे की बड़ी वजह
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किस उम्र में टूटना चाहिए बच्चों का दूध का दांत, जानें इसके पीछे की बड़ी वजह

आज के बहुत से बच्चों के दूध के दांत समय पर नहीं टूट रहे हैं, कुछ बच्चों के दूध के दांत समय से पहले टूट जाते हैं तो वहीं कुछ के दांत लेट से टूटते हैं. दूध के दांत का समय पर न टूटना ये एक बड़ी समस्या है. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस उम्र में बच्चों का दांत टूटना चाहिए.

किस उम्र में टूटना चाहिए बच्चों का दूध का दांत, जानें इसके पीछे की बड़ी वजह

आज के समय में जंक फूड और फास्ट फूड बच्चों को खोखला कर रहा है. आज के बहुत से बच्चों के दूध के दांत समय पर नहीं टूट रहे हैं, कुछ बच्चों के दूध के दांत समय से पहले टूट जाते हैं तो वहीं कुछ के दांत लेट से टूटते हैं. दूध के दांत का समय पर न टूटना ये एक बड़ी समस्या है, इससे बच्चे का जो नया दांत निकलेगा वो बराबर और ठीक तरीके से नहीं जमेगा. ऐसे में कई बार चेहरे का लुक खराब हो जाता है और साथ ही दांतों की सफाई करने में भी दिक्कत होती है.

आजकल ज्यादातर बच्चों में ये समस्या पाई जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस उम्र में बच्चों का दांत टूटना चाहिए. अगर परेशानी है तो इसे सुधारने के लिए रखने के लिए पेरेंट्स को क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.

किस उम्र में बच्चों के दूध के दांत नहीं टुटने चाहिए?

मायो क्लीनिक के अनुसार बच्चो के दूध के दांत आमतौर पर 7 साल पर हिलना शुरू कर जाना चाहिए और 13 साल तक में टूट जाना चाहिए. आसान शब्दों में कहें तो बच्चों के दूध के दांत को 7-13 साल के उम्र तक में टूट जाना चाहिए.

अब जिन बच्चों के दांत समय से पहले टूट जाते हैं उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि स्पेस मेंटेनर लगा देने से खाली जगह भर जाता है और दांत टेढ़े मेढ़े तरीके नहीं जमते हैं. आज के समय में बहुत कम लोगों के अक्लदाढ़ निकल रहे हैं और ज्यादातर लोगों के तो ये दांत आधे-अधूरे ही निकलते हैं. आज के समय में ज्यादातर लोगों के ये दांत अधूरा निकलता है और इन्फेक्शन का कारण बनता है. इसकी वजह से मसूड़ों और गालों में दर्द और सूजन की समस्या आती है.

क्या होता अक्लदाढ़ दांत?

18 से 22 वर्ष में अक्लदाढ़ दांत निकलते हैं. ये किसी भी इंसान का सबसे अंतिम दांत होता है.

पेरेंटस को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

बच्चों को खाने के बाद कुल्ला करने की आदत डालें.
रोज कम से कम सुबह ब्रश करने की आदत जरूर डालें.
मीठा और चाकलेट को कम से कम खाने को दें.
बच्चों को अंगूठा चूसने या उंगली चबाने जैसी आदतों को करने से रोकें.

 

Disclaimer: प्रिय पाठक, संबंधित लेख पाठक की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए है. जी मीडिया इस लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित समस्या के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

 

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