निष्क्रिय जीवनशैली बच्चों के दिल के लिए घातक
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निष्क्रिय जीवनशैली बच्चों के दिल के लिए घातक

शारीरिक सक्रियता में कमी, कमजोर शारीरिक स्वास्थ्य और मोटापा बच्चों के दिल के लिए घातक साबित हो सकता है। एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। यूनिवर्सिटी ऑफ इस्टर्न फिनलैंड में छह से आठ वर्ष की उम्र के 512 बच्चों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई कि बचपन में स्वस्थ जीवनशैली अपना कर भविष्य में दिल के रोगों से बचा जा सकता है।

निष्क्रिय जीवनशैली बच्चों के दिल के लिए घातक

लंदन: शारीरिक सक्रियता में कमी, कमजोर शारीरिक स्वास्थ्य और मोटापा बच्चों के दिल के लिए घातक साबित हो सकता है। एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। यूनिवर्सिटी ऑफ इस्टर्न फिनलैंड में छह से आठ वर्ष की उम्र के 512 बच्चों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई कि बचपन में स्वस्थ जीवनशैली अपना कर भविष्य में दिल के रोगों से बचा जा सकता है।

स्कैंडिनेवियन जर्नल ऑफ मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स में प्रकाशित एक अध्ययन, 'द फिजिकल एक्टीविटी एंड न्यूट्रिशन इन चिल्ड्रन' (पैनिक) के जरिए शोधकर्ताओं ने जाना कि अपने समकक्षों की तुलना में शारीरिक रूप से अधिक स्वस्थ बच्चों की धमनियों के शारीरिक गतिविधि के दौरान फैलने की क्षमता बेहतर होती है।

शोध में यह भी पाया गया कि कमजोर स्वास्थ्य के साथ शरीर में वसा के उच्च प्रतिशत या कम शारीरिक सक्रियता के मेल वाले बच्चों की धमनियां अधिक कठोर थीं। शारीरिक रूप से सर्वाधिक सक्रिय बच्चों या सबसे स्वस्थ बच्चों की धमनियों में सर्वाधिक लचीलापन और सबसे अधिक फैलने की क्षमता देखी गई।

अध्ययन का एक अन्य परिणाम बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य और धमनियों के बेहतर स्वास्थ्य के आपसी संबंध की ओर भी इशारा करता है। साथ ही अध्ययन से स्पष्ट हुआ कि नियमित और उच्च तीव्रता का शारीरिक व्यायाम धमनियों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर हो सकता है।

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