धुआं रहित तंबाकू भी बीड़ी, सिगरेट जितना ही खतरनाक, सेवन करने वालों को होता है ये रोग
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धुआं रहित तंबाकू भी बीड़ी, सिगरेट जितना ही खतरनाक, सेवन करने वालों को होता है ये रोग

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि धुएंरहित तंबाकू का सेवन भी सेहत के लिए उतना ही घातक है जितना घातक सिगरेट या बीड़ी का सेवन है. 

धुआं रहित तंबाकू भी बीड़ी, सिगरेट जितना ही खतरनाक, सेवन करने वालों को होता है ये रोग

कोटा (राजस्थान): स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि धुआं रहित तंबाकू का सेवन भी सेहत के लिए उतना ही घातक है जितना घातक सिगरेट या बीड़ी का सेवन है. धुआं रहित तंबाकू के दुष्प्रभाव को 56 वर्षीय विजय तिवारी की कहानी से समझा जा सकता है. करीब 12 साल की उम्र में तिवारी ने अपनी फैक्ट्री में बन रहे गुटखे का स्वाद लिया और फिर उन्हें इसकी लत लग गई. आठ साल पहले तिवारी के पैरों तले जमीन सरक गई जब डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें मुंह का कैंसर है. उत्तर प्रदेश के कन्नौज में रहने वाले तिवारी ने अपना सालाना करोड़ों रूपये का कारोबार समेट लिया.

असामान्य और अनियंत्रित रूप से विभाजित कोशिकाओं की वजह से शरीर के उत्तकों के नष्ट होने की इस बीमारी से अपनी जंग के बारे में तिवारी ने बताया ‘‘48 साल की उम्र में कैंसर होने की बात सुन कर मेरे होश उड़ गए. ’’उन्होंने कहा ‘‘12 साल की उम्र में फैक्ट्री में टेस्टिंग सेशन के दौरान गुटखा खाया था. तब पता नहीं था कि यह पहले लत और फिर कैंसर बन जाएगा. ’’

तिवारी ने हालांकि कैंसर से लड़ाई जीत ली लेकिन यह अपराध भावना उनके अंदर अभी भी है कि उनके गुटखे की वजह से न जाने कितनी जिंदगियां बर्बाद हुई होंगी.’’  विशेषज्ञों का कहना है कि तंबाकू को लेकर जागरूकता के बावजूद भारत में हर दिन करीब 2,739 लोगों की कैंसर से मौत होती है. डॉक्टरों का कहना है कि भारतीयों में यह आम धारणा है कि धुएं रहित तंबाकू से या चबाने वाले तंबाकू से सिगरेट और बीड़ी की तुलना में कम नुकसान होता है.

हर साल 31 मई को ‘‘वर्ल्ड नो टोबैको डे’’ मनाया जाता है
हर साल 31 मई को ‘‘वर्ल्ड नो टोबैको डे’’ मनाया जाता है. इस वर्ष की थीम ‘‘ टोबैको एंड हार्ट डिजीज़ ’’ है जो तंबाकू और हृदय रोग के बीच संबंध को रेखांकित करती है. वैसे भी हृदयाघात दुनिया भर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है. जोधपुर स्थित एम्स में ऑर्निथोलैरिंगोलॉजी विभाग के अमित गोयल ने बताया ‘‘तंबाकू से हृदय रोग का खतरा बढ़ने के बारे में सब जानते हैं लेकिन यह भी एक तथ्य है कि धुएंरहित तंबाकू भी उतना ही घातक होता है. 

तंबाकू का सेवन 7,000 से अधिक घातक रसायनों के मिश्रण के संपर्क में लाता है
तंबाकू किसी भी रूप में खाया जाए , यह शरीर के किसी भी हिस्से दुष्प्रभाव ही डालता है.’’ जयपुर के एसएमएस अस्पताल में ईएनटी के सर्जन पवन सिंघल ने कहा ‘‘तंबाकू का सेवन 7,000 से अधिक घातक रसायनों के मिश्रण के संपर्क में लाता है और इनमें से कम से कम 70 मिश्रण तो कैंसरकारक ही हैं. ’’ 

इनपुट भाषा से भी 

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