West Nile Virus: अफ्रीका से शुरू हुई मच्छर से फैलने वाली ये बीमारी, केरल में मचा आतंक; जानें किसे ज्यादा खतरा
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West Nile Virus: अफ्रीका से शुरू हुई मच्छर से फैलने वाली ये बीमारी, केरल में मचा आतंक; जानें किसे ज्यादा खतरा

What Is West Nile Virus: वेस्ट नाइल वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केरल राज्य सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है. हाल ही में इस इंफेक्शन के कारण एक महिला के मौत की खबर भी सामने आयी है. ऐसे में इसका खतरा ज्यादा किसे है और इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए आपको क्या करने की जरूरत है आप यहां जान सकते हैं. 

West Nile Virus: अफ्रीका से शुरू हुई मच्छर से फैलने वाली ये बीमारी, केरल में मचा आतंक; जानें किसे ज्यादा खतरा

वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus) मच्छर के काटने से फैलता है. इसका पहला केस 1937 में युगांडा के वेस्ट नाइल डिस्ट्रिक्ट में मिला था, जिसके आधार पर इस इंफेक्शन का नाम रखा गया. 1950 के दौरान इजराइल में इस संक्रमण का प्रकोप इतना बढ़ गया था कि इसे महामारी का दर्जा मिल गया था. अब इसके मामले केरल में तेजी से बढ़ रहे हैं. राज्य सरकार में इसे लेकर तीन जिलों में अलर्ट भी जारी कर दिया है. हालांकि 2011 में इसके संक्रमण के मामले पहले भी केरल में मिले चुके हैं.

वेस्ट नाइल वायरस से घोड़ों में भी कई बीमारियां होती है, जिसके रोकथाम के लिए वैक्सीन मौजूद है. लेकिन इंसानों के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं है. ऐसे में इससे बचने का एकमात्र तरीका मच्छरों से बचाना ही रह जाता है. खासतौर पर कुछ ऐसे लोगों के लिए जिनमें यह संक्रमण जानलेवा साबित होता है.

वेस्ट नाइल वायरस फैलाने वाला मच्छर

क्यूलेक्स जीन्स के मच्छरों को आम तौर पर डब्ल्यूएनवी का प्रमुख वाहक माना जाता है. इसमें विशेष रूप से सीएक्स, पिपियन्स मच्छर शामिल है. यह एक फीमेल मच्छर होती है. 

कैसे फैलता है वेस्ट नाइल वायरस

WHO के अनुसार,  इंसानों में वेस्ट नाइल वायरस ऐसे मच्छरों के काटने से फैलता है जो इस वायरस से इन्फेक्टेड बर्ड्स को काटते हैं. हालांकि यह इंफेक्शन ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, ब्रेस्ट मिल्क के जरिए मां से बच्चे में पहुंच सकता है. लेकिन अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है.

वेस्ट नाइल वायरस

लगभग 80% संक्रमित लोगों में डब्ल्यूएनवी का कोई लक्षण नहीं होता है.  जबकि WNV से संक्रमित होने वाले लगभग 20% लोगों में वेस्ट नाइल वायरस बुखार, सिरदर्द, थकान और शरीर में दर्द, मतली, उल्टी, कभी-कभी त्वचा पर चकत्ते (शरीर के धड़ पर) और सूजी हुई लिम्फ ग्रंथियां जैसे लक्षणों के साथ नजर आ सकता है.

क्या वेस्ट नाइल वायरस जानलेवा है?

CDC के अनुसार, गंभीर बीमारी से उबरने में कई सप्ताह या महीने लग सकते हैं. इस इंफेक्शन का कुछ प्रभाव सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर स्थायी होते हैं. जिसके कारण इस इंफेक्शन से ग्रसित 10 में से लगभग 1 व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है.

किन लोगों को है ज्यादा खतरा

वेस्ट नाइल वायरस 60 से ज्यादा उम्र वाले व्यक्तियों के लिए जानलेवा साबित होती है. इसके अलावा कैंसर, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, किडनी डिजीज और ऑर्गन ट्रांसप्लांट वाले लोगों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है. 

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क्या है वेस्ट नाइल वायरस का इलाज 

वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यू. एन. वी.) रोग का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है. मरीज को निगरानी में रखकर इसके लक्षणों को कम करने के लिए उपचार किया जाता है.
 
वेस्ट नाइल वायरस से बचने के उपाय

डब्ल्यू. एन. वी. संक्रमण को रोकने के लिए कोई टीका नहीं है. ऐसे में वेस्ट नाइल को रोकने का सबसे अच्छा तरीका मच्छर के काटने से खुद को बचाना है. मॉस्किटो रिपेलेंट का उपयोग करें, लंबी बाजू की शर्ट और पैंट पहनें, मच्छरों को घर के अंदर और बाहर नियंत्रित करने के लिए उपाय करें

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