भारतीय दूतावास ने बताया कि उसने नेपालगंज और सिमिकोट में अपने प्रतिनिधि तैनात किए हैं जो फंसे हुए प्रत्येक तीर्थयात्री के साथ व्यक्तिगत संपर्क में हैं.
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काठमांडूः तिब्बत के कैलाश मानसरोवर की तीर्थयात्रा से लौट रहे 1,500 भारतीय खराब मौसम और भारी बारिश के चलते नेपाल में फंस गए हैं. यहां स्थित भारतीय दूतावास ने एक बयान में बताया कि करीब 525 भारतीय श्रद्धालु हुमला जिले के सिमिकोट में , 550 हिलसा में और अन्य तिब्बत की तरफ ही फंसे हुए हैं. बयान में बताया गया कि दूतावास कैलाश मानसरोवर यात्रा (नेपाल के जरिए) के नेपालगंज - सिमिकोट - हिलसा मार्ग के पास स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है. मौसम खराब होने के चलते निकासी विमानों के परिचालन की संभावना बेहद कम है.
दूतावास ने बताया कि उसने नेपालगंज और सिमिकोट में अपने प्रतिनिधि तैनात किए हैं जो फंसे हुए प्रत्येक तीर्थयात्री के साथ व्यक्तिगत संपर्क में हैं. वे सुनिश्चित कर रहे हैं कि श्रद्धालुओं को खाने और रुकने की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो रही है. उन्हें कहा है कि वह हिलसा में स्थितियों से निपटने को पहली प्राथमिकता दें जिसकी अवसंरचना दूसरे इलाकों के मुकाबले ज्यादा झुकी हुई है.
We sent 230 people for Kailash Mansarovar Yatra via Nepal. Currently 70 people are at Simikot and 40 at Hilsa, they are being evacuated. 120 people who went via land route will return to Kathmandu later today: Yamini, Manager, Sankara Travel, Bengaluru pic.twitter.com/78VOMawHIe
— ANI (@ANI) July 3, 2018
साथ ही दूतावास ने सभी यात्रा संचालकों से कहा है कि वह ज्यादा से ज्यादा तीर्थयात्रियों को जहां तक संभव हो तिब्बत की तरफ रोकने का प्रयास करें क्योंकि नेपाल की तरफ चिकित्सीय और नगरीय सुविधाएं कम हैं.
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भारत ने भी फंसे हुए भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए नेपाल सरकार से सेना की हेलीकॉप्टर सेवाएं देने का आग्रह किया है.
(इनपुट भाषा से)