मुंबई के चंदनवाड़ी कब्रिस्तान में दफनाया गया याकूब मेमन का शव
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मुंबई के चंदनवाड़ी कब्रिस्तान में दफनाया गया याकूब मेमन का शव

मुम्बई में 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के करीब 22 वर्ष बाद इस मामले में मौत की सजा पाने वाले एकमात्र दोषी याकूब मेमन को गुरुवार सुबह उसके 53वें जन्मदिन पर फांसी दे दी गई ।  गुरुवार सुबह 6 बजे कर 30 मिनट पर उसे नागपुर के सेंट्रल जेल में फांसी दी गई। गुरुवार शाम मुंबई के चंदनवाड़ी कब्रिस्तान में याकूब मेनन के शव को परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में दफना दिया गया।

मुंबई के चंदनवाड़ी कब्रिस्तान में दफनाया गया याकूब मेमन का शव

नागपुर:  मुंबई में 1993 के सीरियल बम धमाकों के सिलसिले में मौत की सजा पाने वाले एकमात्र दोषी याकूब मेमन को आज सुबह फांसी दे दी गई । गुरुवार सुबह 6 बजे कर 30 मिनट पर उसे नागपुर के सेंट्रल जेल में फांसी दी गई। याकूब की फांसी के वक्त 8 से 10 लोग मौजूद थे। फांसी के पहले याकूब ने आखिरी नमाज पढ़ी। फांसी की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई। इससे पहले गुरुवार तड़के सुप्रीम कोर्ट से राहत प्राप्त करने के उसके प्रयास विफल रहे और सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी।

याकूब ने मौत से पहले कोई भी आखिरी ख्वाहिश नहीं जाहिर की। फांसी से पहले सुबह नहाने के बाद याकूब को नए कपड़े पहनाए गए। डॉक्टरों ने उसकी मौत की पुष्टि कर दी है। याकूब के शव को उसके परिजनों को सौंपा जाएगा। परिजन उसके शव को लेकर मुंबई रवाना होंगे। जेल में भी शव का पोस्टमॉर्टम भी किया जाएगा। तयशुदा कार्यक्रम के तहत नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी की प्रक्रिया करीब 5 बजे शुरू हुई।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुरुवार तड़के अभूतपूर्व सुनवाई के बाद मौत के फरमान पर रोक लगाने की मांग करने वाली याकूब के वकीलों द्वारा पेश अंतिम याचिका खारिज किये जाने करीब दो घंटे बाद उसे फांसी दे दी गई और फिर मुंबई के चंदनवाड़ी कब्रिस्तान में दफना दिया गया। याकूब का आज 53वां जन्मदिन भी था।  बुधवार को तेजी से हुए घटनाक्रमों के एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया जब शीर्ष अदालत ने मौत के फरमान को बरकरार रखा और राष्ट्रपति ने सरकार की सलाह पर रात 11 बजे से थोड़ी देर पहले याकूब की दया याचिका को खारिज कर दिया था।

लाइव अपडेट्स

कड़ी सुरक्षा के बीच मुंबई के चंदनवाड़ी कब्रिस्तान में दफनाया गया याकूब मेमन का शव।

-हर जगह पर सुरक्षा चाक-चौबंद।

-500 कॉन्सटेबल की तैनाती।

-माहिम में कर्फ्यू जैसे हालात।

-याकूब मेमन के घर पहुंचा उसका शव।

-इस दौरान जिन-जिन इलाकों से याकूब मेनन का शव गुजरेगा उन इलाको के पुलिस स्टेशन्स को अपने इलाके में निगरानी करनी होगी।  

-मुंबई के मरीन लाइन्स के बड़े कब्रिस्तान पर 1 एडिशनल कमिश्नर और 2 डीसीपी पहले से मौजूद रहेंगे

-मुंबई के इस रूट मैप पर 3000 पुलिसकर्मी, 3 एडिशनल कमिश्नर और 5 डी सी पी तैनात रहेंगे ।

-हाजी अली के पास 1 एडिशनल कमिश्नर और 1 डीसीपी मिड पॉइंट संभालेंगे।

-याकूब मेमन को दफनाने के लिए मुंबई पुलिस ने माहिम से मरीन लाइन्स के बड़े कब्रिस्तान का रुट बनाया है।

-इस कॉन्वॉय में मुम्बई पुलिस कमांडो का एक दस्ता होगा।

-मुंबई पुलिस ने याकूब को दफनाने के लिए रूट मैप बनाया।

-फ्लाइट से मुंबई लाया याकूब का गया शव।

-पुलिस ने फोटोग्राफी पर लगाया बैन।

-याकूब का अंतिम संस्कार मुंबई में होगा।

-याकूब का शव उसके परिवार को सौंपा गया।

-याकूब का शव नागपुर सेंट्रल जेल से निकाला गया।

-एयर एंबुलेंस के रास्ते याकूब के शव को मुंबई ले जाया जाएगा।

-मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा आज विधानसभा में बयान दिये जाने की संभावना ।  

-याकूब का शव औपचारिकताओं के बाद परिवार को सौंपा जायेगा ।

-नागपुर जेल की सुरक्षा बढ़ाई गई।

-याकूब का शव घर ले जाया जाएगा।
 
-फांसी से पहले रात भर नहीं हो सका याकूब।

-याकूब के शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है।

-याकूब को शव को उसके परिजनों को सौंपा जाएगा।

-डॉक्टरों ने उसकी मौत की पुष्टि की ।

-फांसी से पहले उसने आखिरी नमाज पढ़ी।

- फांसी के वक्त 8 से 10 लोग मौजूद थे।

- याकूब को 6.30 बजे सुबह नागपुर जेल में फांसी दी गई।

इससे पहले बुधवार-गुरुवार की रात बचाव पक्ष की तमाम कोशिशों के बावजूद याकूब की फांसी टल नहीं पाई। उसकी फांसी को 14 दिन टालने की अर्जी पर सुनवाई के लिए आधी रात को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया। नागपुर, मुंबई समेत देश के तमाम बड़े शहरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। नागपुर सेंट्रल जेल के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई है।  मुंबई में याकूब मेमन के घर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई बम विस्फोट कांड में मौत की सजा पाने वाले एकमात्र दोषी याकूब अब्दुल रजाक मेमन को कल दी जाने वाली फांसी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। न्यायालय ने फांसी के फंदे से बचने की उसकी आखिरी गुहार को अस्वीकार कर दिया।

मुंबई में मार्च 1993 में हुए सीरियल बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल  हुए थे। टाडा कोर्ट ने 27 जुलाई 2007 को याकूब को आपराधिक साजिश का दोषी करार देते हुए सजा-ए-मौत सुनाई थी। इसके बाद याकूब ने बॉम्बे हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति तक के पास अपील की, लेकिन उसे राहत नहीं मिली।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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