5वें दिन भी सबरीमाला मंदिर में महिलाएं नहीं कर सकीं प्रवेश, 4 को आधे रास्ते लौटना पड़ा
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5वें दिन भी सबरीमाला मंदिर में महिलाएं नहीं कर सकीं प्रवेश, 4 को आधे रास्ते लौटना पड़ा

. रविवार को आंध्र प्रदेश की रहने वाली चार महिलाएं रविवार को भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए सबरीमाला मंदिर की ओर जा रही थीं कि तभी गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोका और उन्हें वापस लौटा दिया.

5वें दिन भी सबरीमाला मंदिर में महिलाएं नहीं कर सकीं प्रवेश, 4 को आधे रास्ते लौटना पड़ा

सबरीमाला : सुप्रीम कोर्ट ने भले केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ कर दिया हो, लेकिन अब तक महिलाओं को मंदिर में प्रवेश मिल नहीं सका है. 5वें दिन भी महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकीं. रविवार को आंध्र प्रदेश की रहने वाली चार महिलाएं रविवार को भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए सबरीमाला मंदिर की ओर जा रही थीं कि तभी गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोका और उन्हें वापस लौटा दिया. सुबह 10 बजे एक पुरुष श्रद्धालु के साथ दो महिलाओं को प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा. श्रद्धालु पहाड़ी पर स्थित मंदिर के अपने सफर की शुरुआत करने के लिए मंदिर कस्बे के मुख्य मार्ग में प्रवेश करने के करीब थे कि तभी प्रदर्शनकारियों ने उन्हें घेर लिया. संकट बढ़ता देख पुलिस अधिकारियों ने दोनों महिलाओं के इर्द-गिर्द एक सुरक्षा घेरा बना लिया और वे उन्हें पांबा के पुलिस नियंत्रण कक्ष ले गए.

पुलिस महानिरीक्षक एस.श्रीजित ने संवाददाताओं को बताया कि दोनों महिलाओं का कहना है कि जब उन्होंने सुना कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी है, तो उन्होंने तीर्थयात्रा करने का फैसला किया. श्रीजित ने कहा, "ये महिलाएं आंध्र प्रदेश के तीर्थयात्रा समूह का हिस्सा हैं और केरल के विभिन्न मंदिरों की यात्रा कर रही हैं. जब उन्हें विरोध प्रदर्शन के बारे में बताया गया तो उन्होंने लौटने का फैसला किया और हमने उन्हें निलक्कल में खड़े वाहन तक पहुंचाया."

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पुलिस ने इससे पहले भी महिलओं को अपने घेरे में लेकर प्रवेश की काेशिश की है, लेकिन वह कामयाब नहीं हो सके. फोटो : पीटीआई

दोनों महिलाओं को वापस भेजने के तुरंत बाद प्रदर्शनकारियों ने एक अन्य महिला को मंदिर की ओर जाते हुए पाया. उन्होंने उसे भी रोका और वापस जाने को कहा. होहल्ला होते देख पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे. महिला के आधार कार्ड में उसकी उम्र 47 वर्ष देखने के बाद प्रदर्शनकारी भड़क गए.

हंगामे के बीच महिला ने बेचैनी महसूस की, जिसे क्लीनिक ले जाया गया. उसके बाद बिना दर्शन किए उसे वापस लौटना पड़ा. पहाड़ी की चोटी पर पालकी से जा रही चौथी महिला को प्रदर्शनकारियों ने मंदिर से करीब एक किलोमीटर दूर पहचान लिया. जैसे ही प्रदर्शनकारी महिला के पास पहुंचे, पुलिस ने महिला को बचा लिया और उसे वापस पांबा ले जाया गया. इस बीच भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष पी. एस. श्रीधरन पिल्लई ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए और केंद्र से अदालत के फैसले को रद्द कराने के लिए एक अध्यादेश लाने की सिफारिश करनी चाहिए.

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