समाज के अंतिम व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के मकसद से काम कर रही मोदी सरकार: राजीव प्रताप रूडी
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समाज के अंतिम व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के मकसद से काम कर रही मोदी सरकार: राजीव प्रताप रूडी

   'अ डॉयलॉग विद जेसी' शो में ज़ी रीजनल चैनल्स के सीईओ जगदीश चंद्र के साथ स्किल डेवलपमेंट और उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी.

'अ डॉयलॉग विद जेसी' शो में शिरकत करने आए स्किल डेवलपमेंट और उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी ने ज़ी रीजनल चैनल्स के सीईओ जगदीश चंद्र के सरल और धारदार सवालों का बेबाकी से जवाब दिया. 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार के सारण सीट से राबड़ी देवी को हराकर संसद पहुंचे राजीव प्रताप रूडी इससे पहले वाजपेयी सरकार में भी राज्यमंत्री रह चुके हैं. वाजपेयी सरकार में रूडी वाणिज्य-व्यापार और उड्डयन राज्यमंत्री थे. जगदीश चंद्र के साथ खास बातचीत में उन्होंने बताया कि मोदी सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति के फायदे के मकसद से काम कर रही है. पेश हैं इस बातचीत के मुख्य अंश-

सवाल- PM के स्किल इंडिया मिशन की दूसरी वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं, इस खुशी के मौके पर कैसा महसूस करते हैं?

जवाब- माननीय प्रधानमंत्री जी ने इस मंत्रालय का गठन ढाई वर्ष पहले किया था. तब से लेकर आज तक हमने एक अच्छी यात्रा तय की है. हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि इसका मानक क्या हो, कहां हो, किसके लिए हो, कैसे हो, करिकुलम क्या हो और उसका परीक्षण कैसा हो. इसकी एक व्यापक व्यवस्था का अभाव था. मुझे लगता है कि शॉट टर्म स्केलिंग और लॉंग टर्म इंडस्ट्रियल स्केलिंग में मोटे तौर पर पूरे भारत में एकरूपता आ चुकी है.

सवाल- क्या लगता है, इस मंत्रालय में आपका सबसे बड़ा योगदान क्या रहा होगा?

जवाब- प्रधानमंत्री जी का ये सपना है, उनका मानना है कि रोजगार सिर्फ सरकारी क्षेत्र में नहीं होगा. कौशल विकास के लिए औपचारिक ट्रेनिंग की व्यवस्था भारत में पहली बार की जा रही है.

सवाल- आपका टारगेट था कि 2018 तक 1 करोड़ लेबर स्किल क्रिएट करनी है. फिर नौकरी कैसे देंगे इतनी बड़ी संख्या को?

जवाब- कौशल विकास का मतबल ये है कि हम इम्पलॉयबिलिटी के लिए आपको कौशल दें. हम रोजगार उत्पन्न नहीं करते हैं, बाजार में जिस रोजगार के लिए आप लायक हैं उसके लिए तैयार करना है. आज हम जब भी जॉब की बात करते हैं तो या तो कॉरपोरेट सेक्टर में या गर्वमेंट सेक्टर. मगर इसके बाहर भी जो अनऑर्गनाइज अनफोर्स है उसे स्किल्ड करना बहुत बड़ी बात है. हम रोजगार लेने वाले नहीं देने वाले बने ये हमारा उद्देश्य है.

सवाल- अगले ढेड़-दो साल के लिए क्या विजन है क्या टारगेट है?

जवाब- प्रधानमंत्री जी के बहुत सारे लक्ष्य हैं. उनको भी पता है कि ये बहुत अनस्ट्रक्चर एरिया है, तो मुझे गुणवत्ता भी बनानी है, मुझे ट्रेनिंग के प्रोसीजियर्स भी बनाने हैं. हमारे सरकार का संकल्प है गरीब, किसान, मजदूर और वो लोग जिनकी आय 2 से 3 हजार रुपये है. ट्रेनिंग के बाद उनकी आय 8 हजार हो जाये तो मैं समझता हूं कि ये बहुत बड़ी उपलब्धि है. अगर ये प्रारंभिक तौर पर प्राथमिक या मध्य विद्यालय में सिखाया जाता तो 67 सालों बाद मुझे ये काम नहीं करने पड़ते. आज प्रधानमंत्री जी ने शिक्षा के पैरलर में कौशल का काम शुरू किया है. दो वर्ष में मुझे बहुत से काम करना है. इस काम में हम सीख भी रहें हैं. ये बड़ा काम है, ये दिखने वाला काम नहीं है थोड़ा वक्त लगेगा.

सवाल- आप की गिनती उन चुनिंदा मंत्रियों में होती है जिनको नरेन्द्र मोदी और अमित शाह का विश्वास प्राप्त है.

जवाब- हम सब संकल्प के साथ यहां काम करते हैं. मैं इतना मानता हूं कि इसमें काम अभी बहुत सारा करना है. ये शिक्षा की तरह है, ये ह्यूमनरिसोर्स डेवलपमेंट है जिसके परिणाम में थोड़ा समय लगेगा.

सवाल- महाराष्ट्र और केरल में कभी आपका पहले कोई संपर्क नहीं रहा, इसके बावजूद अमित शाह ने आपको जिम्मेदारी दी. महाराष्ट्र आपने जिताया?

जवाब- पार्टी मौका देती है कि आप वहां जाकर काम करें फिर उसका क्रेडिट लें. इस पार्टी में ऐसा नहीं है ये पार्टी काम देती है, आपको उसमें जीत का क्रेडिट भी मिल जाता है. केरल में भी अमित शाह जी जब भी कोई विषय होता है तो वो मुझे भेजते रहते हैं. पार्टी व्यवस्थित तरीके से जिम्मेदारी देती है और हम लोग उसे निभाते हैं और अच्छा लगता है.

सवाल- हाउ यू रेट मिस्टर नरेन्द्र मोदी ऐज ए प्राइम मिनिस्ट ऑफ दिस कंट्री?

जवाब- प्रधानमंत्री के रूप में हमसे ज्यादा जनता रेट करती है. पार्टी, सरकार और प्रधानमंत्री किसी हद तक धरती से जुड़ कर काम कर रहे हैं. हमें उस गरीब अंतिम व्यक्ति के लिए काम करना है तो हम बहुत क्लियर हैं कि हम किस दिशा में जाना चाहते हैं.

सवाल- जब आपने बिहार से अपना पॉलिटिकल करियर शुरू किया था तो क्या आपने सोचा था कि लालू यादव को हरायेंगे?

जवाब- हमेशा छपरा, सारन, बिहार जो पूरे भारत के लिए सबसे हॉट पॉलिटिकल बेल्ट है. मैं वहां से लड़ता रहा और जीतता रहा, हारता रहा उसी धरती से जुड़ा रहा, सांसद बना, लोकसभा में गया तो मैं कभी संघर्ष से भागता नहीं, लालू जी को कौन हराता है उनकी पत्नी को कौन हराता है 30 साल से. इस पर कोई चर्चा नहीं बनती. बिहार की 11 करोड़ की आबादी में बिहार के 4 करोड़ लोग बिहार से बाहर रहते हैं. बिहार में भ्रष्टाचार से, विकास से जाति ऊपर है. अगर आप उस पर फिट नहीं बैठते तो आप विकास कर रहे हैं उसका कोई मतलब नहीं है आप बस जाति के होने चाहिए. बिहार में परिवारवाद है, बिहार में जातिवाद और बिहार में तुष्टिकरण है और ये तीनों फिलॉस्फी बिहार में जीत के कारण बनते हैं तो जो राष्ट्र फिलॉस्फी है वो बिहार के बिल्कुल उल्टा चलता है.

सवाल- क्या होने वाला है बिहार में?

जवाब- होता है तो अच्छा होता लेकिन उस दिन फंस जाते हैं. सब लोग चुनाव से पहले अच्छी-अच्छी बातें करते हैं लेकिन बूथ पर वोट डालने के समय सब जाति में बदल जाता है.

सवाल- तेजस्वी ने कहा है कि मैं 12 मंत्रियों के साथ निकल जाऊंगा?

जवाब- बिहार में शासन तो है ही नहीं. सारी चीजें सत्ता, परिवार, जाति में ही चलती रहती हैं तो कोई बहुत आश्चर्य नहीं है कि कोई धमकी दे रहा है. लोकतंत्र में संख्या की बड़ी बहुमत है तो लालू और नीतीश में कुछ होता है तो ही परिवर्तन की गुंजाईश दिखती है.

सवाल- सुना है भाजपा को बाहर रखने के लिए?

जवाब- हम अंदर कहां हैं, हम तो बाहर ही हैं. बिहार की जो बदहाली है वो सब देख रहे हैं लेकिन आपके पास संख्या है हमारे पास संख्या नहीं है. अब जब जनता मौका देगी तो हम विचार करेंगे.

सवाल- लालू यादव के मंत्री कह रहे हैं एक साथ बाहर आएंगे और सरकार को बाहर से समर्थन देंगे?

जवाब- चलिए देखते हैं. क्या क्या होता है लेकिन कितना दुर्भाग्यपूर्ण है पहले भी लालू यादव सजायाफ्ता हो चुके हैं. वो चुनाव नहीं लड़ सकते इसलिए अपनी पत्नी को चुनाव लड़वाया. राबड़ी जी ने इस बार चुनाव लड़ा और जीता. एक हज़ार करोड़ के घोटाले में उनपर पाबंदी लगाई गई थी. इस बार जो घोटाला सामने आया है वो 10 हजार करोड़ का है. बिहार में लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. उनका कहना है हम अपने परिवार के लिए कुछ नहीं करें. अपने बच्चों के लिए कुछ नहीं करें. ये सब दिल्ली की सरकार करा रही है. आप रेल मंत्री हैं आपने ठेके दिए, शैल कंपनी बनाई. अपने को डायरेक्टर बनाया और बाद में अपने बच्चों को डायरेक्टर बना दिया. आप ये कहते हैं तब मेरे बच्चे छोटे थे लेकिन आपने तो उस पूरी संपत्ति पर दो साल पहले अपना अधिकार बनाया है. अब ये बात है कि बच्चों का क्या कसूर अगर पिताजी ने ही इतना बड़ा अपराध किया है. लेकिन बिहार में इस सबका कोई फर्क नहीं पड़ता. ये तो हमारा तंत्र है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रहा है. नहीं तो जब वो यूपीए सरकार में मंत्री थे उन्होंने कोर्ट तक के फैसलों को मैनेज करवा डाला था.

सवाल- सुशील मोदी का क्या होगा?

जवाब- सुशील मोदी जी हमारे नेता हैं, अच्छे नेता हैं, मेहनती हैं, ईमानदार हैं. उन्होंने लालू जी को चुनौती दी. ये जो मुद्दे आज उठ रहे हैं वो आज के नहीं हैं. सरकार में जो वरिष्ठ मंत्री हैं जब वो विपक्ष में थे तो उन्होंने इन मुद्दों को उठाया था. पूरे बिहार को इसका पता है लेकिन सिस्टम ने एक्शन नहीं लिया और अब जब कार्रवाई हो रही है तो हमें सिस्टम की प्रशंसा करनी चाहिए.

सवाल- मानसून सत्र में क्या होगा?

जवाब- GST की बड़ी उपलब्धि के साथ हम मॉनसून सत्र में जा रहे हैं. मेरे ख्याल से हम सभी मंत्रियों, सांसदों और बीजेपी के लाखों कार्यकर्ताओं ने तीन साल के कार्यकाल का लेखाजोखा देश के सामने रखा है कि हमने घोषणापत्र में ये कहा था और ये पूरा करके दिखाया है.

सवाल- आप नागरिक उड्डयन मंत्री भी रहे हैं सरकार विलय के बारे में सोच रही है आप इस फैसले को कितना सही ठहराते हैं.

जवाब- मुझे इस बारे में नहीं पता है, ये मेरे बाद का फैसला है. पीएम ने जो फैसला लिया है एयर इंडिया को दुरूस्त करने का और देश की जनता को 55 हजार करोड़ के बोझ से उबारने का ये कोई साधारण फैसला नहीं है.

सवाल- नागरिक उड्डयन मंत्रायल ने स्टेट्स को हवाई यात्रा के जरिये जोड़ने की शुरुआत की है इसे कैसे देखते हैं.

जवाब- सिविल एविएशन से मेरा खासा जुड़ाव है. पीएम ने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर ध्यान दिया है अभी शिमला जाने पर टेबल टॉप एयरपोर्ट पर उन्होंने रिजनल कनेक्टीविटी के बारे में बताया. सिविल एविएशन के क्षेत्र में सरकार जो फैसले कर रही है उसके परिणाम बड़े दूरगामी होंगे और इससे रोजगार बढ़ेगा. क्योकि मैं पायलट हूं और अभी भी विमान उड़ाता हूं, इसलिये मेरा मानना है कि सरकार के फैसलों के बाद सिविल एविएशन के क्षेत्र में रोजगार बढ़ेंगे.

सवाल-अभी आपने विमान उड़ाने की बात की आप रायपुर और अहमदाबाद विमान उड़ा कर ले गये कैसे कर पाते है मंत्री रहते हुए.

जवाब- मैं ए-320 विमान का कैप्टन हूं और मैं बड़े विमान उड़ाता हूं लेकिन ये कोई एमए बीए की डिग्री नहीं है जो एक बार ले ली और जीवन भर चलती रहे. आपको सीपीएल और टाइप रेटिंग ये फ्लाइंग में जरूरी है अगर आपको कैप्टन बनना है इसके लिये 39 मानक है जिनको आपको जिंदा रखना पड़ता है. आपको लाइसेंस को बचाने के लिए हर बार परीक्षा देनी पड़ती है. मै कोई वेतन नहीं लेता हूं लेकिन मैं 300 करोड़ का विमान खरीदकर उड़ा भी नहीं सकता, इसलिये मुझे कोई ना कोई विमान उड़ाकर Fadel log करना पड़ता है और DGCA से अनुमति लेनी पड़ती है तो ये एक व्यवस्था है. मैंने अपने सीनियर्स को बताया है की ये मैं करना चाहता हूं. हम काम भी करते हैं और अपना प्रोफेशन भी जिंदा रखते है. मैं हमेशा ध्य़ान रखता हूं कि मेरा काम प्रभावित नहीं हो. माननीय प्रधानमंत्री जी पूरा ध्यान रखते हैं कि उनका कौन मंत्री कहां है औऱ क्या काम कर रहा है और ये एक तरह से अच्छा है कि आपके काम को देखने वाला कोई है. ये सरकार की खासियत है कि इस सरकार के मंत्री बेहतर सादगी पसंद हैं जो दिखावे में यकीन नहीं रखते. जनता से जुड़ाव हमारी प्राथमिकता है. हममें कमियां हो सकती हैं लेकिन हम जनता के बीच जाने से नहीं बचते ये एक तरह का पैराडाइम शिफ्ट है. हम सांसद या मंत्री अगर चाहें भी तो पीएम मोदी की शख्सियत की बराबरी नहीं कर सकते. लेकिन वो हमारे सामने और देश के सामने एक रोल मॉडल की तरह हैं कि आपको ऐसा होना चाहिए.

सवाल- क्या लगता है 2019 में आप वापस लौट रहे हैं?

जवाब- निसंकोच, आप बिल्कुल मानकर चलें. ये मैं इसलिए नहीं कह रहा हूं कि मैं सत्ता में हूं बल्कि इसलिए क्योंकि धरती से जो आवाज आ रही है वो बहुत लोगों को दिखती नहीं. लेकिन हम देश के कोने-कोने में जाते हैं. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, गुजरात से असम तक अरुणाचल तक. आप आवाज सुनिए एक वाइब्रेशन सा है लोगों में और लोग चाहते हैं कि हम आगे बढ़ें, और काम करें और कमाल करें. ये वाइब्रेशन उत्तर प्रदेश की तरह दिल्ली में नहीं दिख रहे लेकिन उत्तर प्रदेश में पहले से ही वाइब्रेशन दिख रहे थे.

सवाल- उत्तर प्रदेश में सीएम योगी को सरकार बनाए 100 दिन हो गए हैं. क्या लगता है कामयाब होगा एक्सपेरीमेंट.

जवाब- योगी जी अच्छा कर रहे हैं. अनुभवी हैं, पुरानी विरासत में मिली चुनौतियां बहुत हैं. वो बहुत अच्छा कर रहे हैं.

सवाल- 2019 में चुनाव में जाएंगे वोट मांगने के लिए. अपने चुनाव क्षेत्र में आपने क्या बड़े काम किए हैं?

जवाब- बिहार में केंद्र की योजनाओं को चाहें वो राष्ट्रीय उच्च पथ हो, हमारे छपरा से मुजफ्फपुर का एनएच 19 जो पिछले काफी समय से बंद था उसे 250 करोड़ रुपये दिलवाकर फिर शुरू किया है. हमारा प्रशिक्षण का केंद्र है जहां बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाता है. पटना और छपरा के बीच गंगा रेल पुल सालों से यूपीए की सरकार में बन ही रहा था वो शुरू हो गया. मढ़ौड़ा रेल कारखाने में तीन हजार करोड़ का निवेश, जिसकी घोषणा बहुत साल पहले हुई थी अब किया गया है और अपने सांसद कोष से कई इलाकों में एंबुलेंस सेवा मुहैया कराई गई है. टोल फ्री नंबर पर छपरा में कहीं भी एंबुलेंस उपलब्ध है. हमारे यहां निशुल्क शव वाहन चलते हैं. मेरा चुनाव क्षेत्र सारण में 100 फीसदी विद्युतीकरण हो चुका है और ये अपने आप में रिकॉर्ड है क्योंकि ऐसा सिर्फ सारण में है. मेरे चुनाव क्षेत्र में 116 ऐसे गांव थे जहां आजादी के बाद से बिजली नहीं पहुंची थी यहां भी बिजली पहुंचाई गई. राज्य सरकार अगर अपनी हो ये जितना भी काम मैंने बताया जबसे मैंने होश संभाला मैं विपक्ष में रहा. बिहार की स्थिति बहुत खराब है. बिहार के बारे में देश के लोगों को अनुमान नहीं है लेकिन लोकतंत्र है. 

सवाल- तो अच्छे दिन कब आएंगे?

जवाब- बिहार के बारे में कुछ नहीं कह सकता. 

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