AAP के 20 विधायकों की अयोग्यता: दिल्ली भाजपा ने शुरू किया प्लान, 20 सीटों पर कोर कमेटी की मीटिंग
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AAP के 20 विधायकों की अयोग्यता: दिल्ली भाजपा ने शुरू किया प्लान, 20 सीटों पर कोर कमेटी की मीटिंग

बैठक में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘‘उत्तर और दक्षिण दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे के साथ ही इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई.’’ 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा). (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा ने 20 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनावों की संभावना पर गंभीरता से चर्चा शुरू कर दी है. चुनाव आयोग द्वारा लाभ का पद धारण करने के लिए 20 आप विधायकों को अयोग्य घोषित करने की अनुशंसा के बाद यह चर्चा शुरू हुई है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा नेताओं ने शुक्रवार (19 जनवरी) रात पार्टी की कोर कमेटी के सदस्यों की बैठक में मुद्दे पर चर्चा हुई. बैठक में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘‘उत्तर और दक्षिण दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे के साथ ही इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई.’’

  1. आप के 20 विधायकों के कथित तौर पर लाभ के पद पर काबिज रहने का मामला.
  2. चुनाव आयोग ने आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की अनुशंसा की है.
  3. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद रद्द हो सकती है अयोग्यता.

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सत्तारूढ़ आप ने 2015 के विधानसभा चुनावों में 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी. तब से दिल्ली में दो उपचुनाव हुए हैं जिनमें सत्तारूढ़ दल और भाजपा को एक-एक सीट मिली है. पार्टी नेता ने बताया, ‘‘भाजपा को लगता है कि आप के 20 विधायकों को चुनाव आयेाग द्वारा अयोग्य ठहराने की अनुशंसा सत्तारूढ़ दल को कमजोर करने का एक मौका है.’’ चुनाव आयोग ने कल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अनुशंसा की थी कि आप के 20 विधायकों को लाभ के पद पर बने रहने के लिए अयोग्य घोषित किया जाए.

उल्लेखनीय है कि बीते 19 जनवरी को चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को आप के 20 विधायकों के कथित तौर पर लाभ का पद रखने को लेकर अयोग्य ठहराने की सिफारिश की थी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजी गई अपनी राय में चुनाव आयोग ने कहा कि संसदीय सचिव होने के नाते इन विधायकों ने लाभ का पद रखा और वे दिल्ली विधानसभा के विधायक के पद से अयोग्य ठहराए जाने के योग्य हैं. आप के 21 विधायकों के खिलाफ चुनाव आयोग में याचिका प्रशांत पटेल नाम के एक व्यक्ति ने दायर की थी. इन विधायकों को दिल्ली की आप सरकार ने संसदीय सचिव नियुक्त किया था. जरनैल सिंह के खिलाफ कार्यवाही समाप्त कर दी गई थी क्योंकि उन्होंने पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिये राजौरी गार्डन के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था.

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जिन 20 विधायकों को अयोग्य ठहराया जाना है उसमें आदर्श शास्त्री (द्वारका), अल्का लांबा (चांदनी चौक), अनिल बाजपेयी (गांधी नगर), अवतार सिंह (कालकाजी), कैलाश गहलोत (नजफगढ़), मदन लाल (कस्तूरबा नगर), मनोज कुमार (कोंडली), नरेश यादव (मेहरौली), नितिन त्यागी (लक्ष्मी नगर), प्रवीण कुमार (जंगपुरा) शामिल हैं. गहलोत अब दिल्ली सरकार में मंत्री भी हैं.

इनके अलावा राजेश गुप्ता (वजीरपुर), राजेश ऋषि (जनकपुरी), संजीव झा (बुराड़ी), सरिता सिंह (रोहतास नगर), सोमदत्त (सदर बाजार), शरद कुमार (नरेला), शिवचरण गोयल (मोती नगर), सुखबीर सिंह (मुंडका), विजेंद्र गर्ग (राजेंद्रनगर) और जरनैल सिंह (तिलक नगर) भी शामिल हैं.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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