आपातकाल में आकाशवाणी को कांग्रेसवाणी बना दिया था : अमित शाह
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आपातकाल में आकाशवाणी को कांग्रेसवाणी बना दिया था : अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि आपातकाल के दौरान डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने 21 महीने जेल में बिताए थे और इसमें से 95 हजार लोग जनसंघ और स्वयं सेवक संघ के थे. 

आपातकाल की बरसी को बीजेपी काला दिवस के रूप में मना रही है

अहमदाबाद : आपातकाल की 43वीं बरसी को भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में काला दिवस के रूप में मना रही है. इस दिन बीजेपी के तमाम नेता और केंद्रीय मंत्री देश के अलग-अलग हिस्सों में जनसभाएं कर आपातकाल के दौरान हुई ज्यादतियों के बारे में बता रहे हैं. इसी क्रम में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अहमदाबाद में जनसंघ और संघ के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

अमित शाह ने कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर प्रहार किए. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी देश के लोकतंत्र के इतिहास में एक काला अध्याय है. बीजेपी ने ये दिन मनाने का निर्णय इसलिए लिया है ताकि इस दिन को देश की जनता कभी ना भूले, बार-बार उसका स्मरण करके एक ऐसी स्थिति का निर्माण करे की कभी कोई आपातकाल लगाने की हिम्मत इस देश में कर ना पाए  

अमित शाह ने कहा कि डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने अपने जीवन के 21 महीने जेल में बिताए थे और इस डेढ़ लाख में से 95 हजार लोग जनसंघ और स्वयं सेवक संघ के थे. संघ के लोगों ने आपातकाल के दौरान सबसे ज्यादा अत्याचार सहन किए थे. बीजेपी अध्यक्ष ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी की बात करने वाले अपने पुरखों की करतूतों को याद कर लेना चाहिए. इमरजेंसी में लोकतंत्र की बात करने वालों को जेल में ठूंस दिया जाता था. अखबारों पर प्रतिबंध लगा दिए थे. आकाशवाणी को कांग्रेसवाणी बनाकर रख दिया था. दूरदर्शन पर सिर्फ सरकार के गुणगान किए जाते थे. यहां तक कि उस समय किशोर कुमार के गाने सुनने पर प्रतिबंध था. 

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उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे पुराना लोकतांत्रिक देश है. हमारे देश में लोकतंत्र की जड़ें इतनी गहरी हैं कि एक तो क्या अगर 100 इंदिरा गांधी भी आ जातीं तो लोकतंत्री को खत्म करना संभव नहीं था. 

उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के समय में चाटुकारों का बोलबाला था. चाटुकारों ने इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा जैसे नारे लिखे थे. शाह ने कहा कि आज जो लोग अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं, उनको अपने ही पुरखों के द्वारा किए गए कार्यों का ध्यान नहीं है. राहुल गांधी को अपनी पार्टी का इतिहास याद करना चाहिए कि किस प्रकार उन्हीं की पार्टी की सरकार ने संविधान पर आपातकाल का बुलडोजर चलाकर देश की संवैधानिक संस्थाओं को ध्वस्त करने का काम किया था. 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सबसे पुरानी पार्टी होने के बाद भी समाप्त हो गई. पार्टी में अंदरूनी लोकतंत्र को खत्म करके वंशवाद की स्थापना की गई. उन्होंने कहा, 'मैं उस पार्टी का अध्यक्ष हूं जिसका हर तीन साल में चुनाव होता है और मेरा जैसा पोस्टर लगाने वाला कार्यकर्ता अध्यक्ष बन जाता है.'

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