132 साल पुरानी कांग्रेस में अब तक बने 18 अध्यक्ष, 14 कार्यकाल नेहरू-गांधी परिवार के नाम
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132 साल पुरानी कांग्रेस में अब तक बने 18 अध्यक्ष, 14 कार्यकाल नेहरू-गांधी परिवार के नाम

कांग्रेस में लालबहादुर शास्त्री एवं मनमोहन सिंह दो ऐसे नेता हैं जो प्रधानमंत्री तो बने किन्तु वे पार्टी के अध्यक्ष नहीं बन पाये.

राहुल गांधी नेहरू-गांधी परिवार की 5वीं पीढ़ी के 5वें ऐसे व्यक्ति हैं जो कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रहे हैं.

नई दिल्ली: करीब सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस पार्टी में भले ही सोनिया गांधी सबसे अधिक समय तक अध्यक्ष पद पर आसीन रही हो, किंतु आजादी के बाद पार्टी का नेतृत्व करने वाले कुल 18 नेताओं में से 14 नेहरू-गांधी परिवार से नहीं हैं. राहुल गांधी नेहरू-गांधी परिवार की पांचवीं पीढ़ी के पांचवें ऐसे व्यक्ति हैं जो कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. यदि आजादी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नजर डाले तो जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री रहते समय पांच वर्ष, इंदिरा गांधी भी करीब पांच वर्ष, राजीव गांधी भी करीब पांच वर्ष तथा पीवी नरसिंह राव ने भी करीब चार वर्ष तक इस जिम्मेदारी को संभाला.

  1. जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री रहते समय पांच साल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे.
  2. इंदिरा गांधी ने भी करीब पांच सालों तक कांग्रेस की कमान संभाली,
  3. राजीव गांधी भी करीब पांच वर्ष, पीवी नरसिंह राव ने भी करीब चार वर्ष तक इस जिम्मेदारी को संभाला.

कांग्रेस में लालबहादुर शास्त्री एवं मनमोहन सिंह दो ऐसे नेता हैं जो प्रधानमंत्री तो बने किन्तु वे पार्टी के अध्यक्ष नहीं बन पाये. आजादी के बाद सोनिया जहां 19 वर्ष तक कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहीं, वहीं इस मामले में दूसरे स्थान पर उनकी सास इंदिरा गांधी रहीं जिन्होंने अलग-अलग बार कुल सात साल तक इस दायित्व को निभाया.

भारत की स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद पर आसीन रह चुके नेताओं के नाम वर्षवार इस प्रकार हैं : 1. आचार्य कृपलानी (1947-1948) 2. पट्टाभि सीतारमैया (1948-1950) 3. पुरुषोत्तम दास टंडन (1950-1951) 4. जवाहरलाल नेहरू (1951-1955) 5. यू. एन. धेबर (1955-1959) 6. इंदिरा गांधी (1959-1960 तथा 1978-84) 7. नीलम संजीव रेड्डी (1960-1964) 8. के. कामराज (1964-1968) 9. एस. निजलिंगप्पा (1968-1969) 10. पी. मेहुल (1969-1970) 11. जगजीवन राम (1970-1972) 12. शंकर दयाल शर्मा (1972-1974) 13. देवकांत बरुआ (1975-1977) 14. राजीव गांधी (1985-1991) 15. कमलापति त्रिपाठी (1991-1992) 16. पी. वी. नरसिंह राव (1992-1996) 17. सीताराम केसरी (1996-1998) 18. सोनिया गांधी (1998-2017) 

14 साल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे नेहरू-गांधी परिवार के 5 सदस्य
मोतीलाल नेहरू: गांधी परिवार से सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष बने संभाली मोतीलाल नेहरू ने. वे 1919 में 58 साल की उम्र में पहली बार कांग्रेस प्रेसिडेंट बने. 1928 में भी उन्हें इस पोस्ट के लिए चुना गया.

जवाहर लाल नेहरू: पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू ने सबसे कम 40 साल की उम्र में 1929 में कांग्रेस अध्यक्ष की पोस्ट संभाली. नेहरू 8 बार कांग्रेस अध्यक्ष बने.

इंदिरा गांधी: जवाहर लाल नेहरू के बाद इंदिरा गांधी परिवार की तीसरी सदस्य थीं, जो कांग्रेस अध्यक्ष बनीं. इंदिरा ने 1959 में 42 साल की उम्र में कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला. वे 5 बार इस पोस्ट पर चुनी गईं.

राजीव गांधी: इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी 1985 में 41 साल की उम्र में कांग्रेस अध्यक्ष बने. उन्होंने 1991 तक ये पोस्ट संभाली.

सोनिया गांधी: सोनिया गांधी परिवार की पांचवीं मेंबर थीं, जो कांग्रेस प्रेसिडेंट बनीं. सोनिया ने सबसे ज्यादा 19 साल तक इस पद की जिम्मेदारी संभाली. उन्हें 1998 में कांग्रेस प्रेसिडेंट चुना गया था.

राहुल गांधी: राहुल गांधी परिवार के छठे सदस्य हैं, जो कांग्रेस अध्यक्ष बने हैं. उनका कार्यकाल अभी शुरू होने वाला है.

राहुल का अब तक का राजनीतिक जीवन, नहीं रहा है सुर्खियों का मोहताज

नेहरू-गांधी परिवार के वारिस राहुल गांधी का अभी तक का राजनीतिक जीवन सुर्खियों का मोहताज नहीं रहा है, किंतु कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनकी असली परीक्षा चुनावी मंझधार में पिछले कुछ समय से पार्टी की डगमगाती नैया को विजय के तट तक सही सलामत पहुंचाने की होगी. राहुल को जब 2013 में पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था तो उन्होंने जयपुर में भाषण के दौरान अपनी मां एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की इस बात को बड़े भावनात्मक ढंग से कहा था कि ‘सत्ता जहर पीने के समान’ है. हालांकि, इसके ठीक पांच साल बाद अब उन्हें यह ‘विषपान’ करना पड़ेगा क्योंकि अब वह कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित हो चुके है. कांग्रेस की कमान संभालने जा रहे राहुल नेहरू-गांधी परिवार में पांचवीं पीढ़ी के नेता हैं. यह सिलसिला आजादी से पहले मोतीलाल नेहरू से शुरू हुआ था.

अध्यक्ष के तौर पर सोनिया के 19 साल के कार्यकाल के समापन के बाद देश की इस सबसे पुरानी पार्टी की कमान संभालना राहुल के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम साबित नहीं होगा. विपक्षी नेता पिछले कुछ सालों से उन्हें ‘‘शहजादा’’ और कई अन्य नामों से पुकार कर उनके महत्व को कम करने का कोई अवसर नहीं छोड़ते रहे हैं. राहुल अपनी दादी इंदिरा गांधी की 1984 में हत्या के बाद उनके अंतिम संस्कार के समय राष्ट्रीय टेलीविजन और अखबारों में छपी तस्वीरों में अपने पिता राजीव गांधी के साथ प्रमुखता से दिखाई दिये थे. उसके बाद उनके पिता राजीव गांधी की 1991 में हत्या के बाद उनके अंतिम संस्कार में राहुल लगभग पूरे देश की सहानुभूति के केन्द्र में रहे.

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