श्रद्धालुओं की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन कैमरे, डीएफएमडी, एचएचएमडी,, एक्स-रे, बंकर, के साथ RFID टैग और व्हीकल ट्रैकिंग चिप जैसे कई हाईटेक इक्यूपमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है.
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नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं का पहला जत्था गुरुवार (28 जून) की सुबह जम्मू और श्रीनगर से बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हो जाएगा. जम्मू से करीब 400 किलोमीटर की यात्रा कर बालटाल पहुंचने वाले इस पहले जत्थे में अब तक करीब 1560 श्रद्धालुओं ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. अनुमान है कि करीब 60 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में ढाई लाख श्रद्धालु अमरनाथ की पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे. इन श्रद्धालुओं की सुरक्षा इस साल सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बनी हुई है. हालात यह हैं कि जम्मू और कश्मीर (J&K) में सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन आल आउट से बौखलाए आतंकी संगठन अपने लड़ाकों की मौत का बदला अमरनाथ यात्रा पर जाने वाली श्रद्धालुओं से लेना चाहते हैं. जिसके लिए वह किसी भी कीमत पर अमरनाथ यात्रा के दौरान बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में लगे हैं.
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60 हजार जवानों की होगी तैनाती
आतंकियों के इन मंसूबों की भनक लगने के बाद सुरक्षाबलों ने भी अपनी कमर कस ली है. सुरक्षाबलों ने भी ठान लिया है कि किसी भी परिस्थिति में आतंकियों के मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा. अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए गृह मंत्रालय ने J&K पुलिस के साथ मिलकर करीब 60 हजार से अधिक जवानों की तैनाती यात्रा मार्ग में की है. एक अनुमान के तहत सुरक्षा एजेंसियां औसतन हर पांच श्रद्धालु की सुरक्षा में एक जवान की तैनाती कर रहे हैं. इसके अलावा, पहली बार अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक खास पहरेदार की थी तैनाती की है. यह खास पहरेदार है ड्रोन कैमरा. सुरक्षाबलों ने जम्मू से बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना होने वाले श्रद्धालुओं के हर जत्थे के साथ करीब 15 बटालियन फोर्स और 90 ड्रोन कैमरे तैनात किए जाएंगे. जिससे यात्रा के दौरान आतंकी साजिश का पता समय से लगाकर उन्हें नाकाम किया जा सके.
#IndianArmy Hon'ble Defence Minister Smt Nirmala Sitharaman reviewed the security situation and arrangements for the upcoming #AmarnathYatra today. @DefenceMinIndia @adgpi @PIB_India @SpokespersonMoD pic.twitter.com/V4tupAOxHO
— NorthernComd.IA (@NorthernComd_IA) June 25, 2018
पहली बार अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस वर्ष अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को तकनीक पर आधारित किया गया है. यात्रा के दौरान सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन कैमरे, डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर, हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर, एक्स-रे, बंकर, के साथ रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी (RFID) टैग और व्हीकल ट्रैकिंग चिप जैसे कई हाईटेक इक्यूपमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू और श्रीनगर से रवाना होने वाले हर जत्थे में श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर 10 से 15 बटालियन फोर्स को तैनात किया जाएगा. जिसमें हर बटालियन को 5 से 6 ड्रोन कैमरे दिए गए हैं. इस तरह एक जत्थे के साथ करीब 50 से 90 ड्रोन कैमरे उपलब्ध होंगे. उन्होंने बताया कि ड्रोन कैमरों के जरिए सुरक्षाबल यात्रा मार्ग सहित आसपास के इलाकों में होने वाली गतिविधियों पर पैनी निगाह रख सकेंगे.
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खतरों को पहचानने में सक्षम हैं ड्रोन के कैमरे
अमरनाथ यात्रा से जुड़े वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि ड्रोन कैमरों में एक खास फीचर इंस्टाल किया गया है. जिसके तहत ड्रोन यात्रा मार्ग पर दो भागों में विभाजित करेगा. पहला भाग ग्रीन जोन होगा और दूसरा हिस्सा रेड जोन होगा. सभी श्रद्धालुओं को ग्रीन जोन के दायरे में रखा जाएगा. यात्रा के दौरान रेड जोन में कोई भी गतिविधि होती है तो ड्रोन के कैमरे उस गतिविधि को स्वत: कैप्चर कर उसकी जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट के जरिए देंगे. उन्होंने बताया कि हर जत्थे के आगे सुरक्षाबलों का एक ग्रुप रवाना होगा. यह ग्रुप ड्रोन कैमरों के जरिए मार्ग और उसके इर्द-गिर्द के इलाकों में मौजूद खतरों की समीक्षा करेगा. सुरक्षाबलों की बम डिटेक्शन एण्ड डिस्पोजल टीम लैंड माइन जैसे खबरों की पड़ताल करेगा. इस दौरान अवांछित लोगों की मौजूदगी सहित कुछ भी संवेदनशील मिलता है तो सुरक्षाबल सबसे पहले खतरे को खत्म करेंगे, जिसके बाद श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने की इजाजत दी जाएगी.
Ganderbal Police reviewing arrangements in place for Shri Amarnath pilgrims at Baltal. Establishment of JPCR functioning 24×7. @JmuKmrPolice @spvaid @DIGCKRSGR @DpoGanderbal pic.twitter.com/XIgneOo1Lr
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) June 25, 2018
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए थ्री लेयर सिक्योरिटी
अमरनाथ यात्रा से जुड़े वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक, अमरनाथ यात्रा की थ्री लेयर सिक्योरिटी तैयार की गई है. पहले लेयर में सेना के कमांडो को तैनात किया गया है. सेना के कमांडो की जिम्मेदारी होगी कि जंगल की तरफ से आने वाले आतंकियों को यात्रा मार्ग की तरफ जाने से रोके और उन्हें जंगल के भीतर ही खत्म कर दें. दूसरे लेयर पर J&K पुलिस के जवान होंगे. तीसरा लेयर और सबसे आंतरिक लेयर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) के कमांडोज के जिम्मे होगा. जिसमें CRPF के कमांडोज भूमिका अग्रणी होगी. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए CRPF और J&K पुलिस के साथ BSF, ITBP की 28 कंपनी, CISF की 8 कंपनियों को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि बीते वर्ष करीब 40 हजार जवानों को अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में तैनात किया गया है. इस वर्ष खतरे को देखते हुए सुरक्षाबलों की 213 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया है.
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बीते चार सालों ने बाबा बर्फानी के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु
वर्ष - श्रद्धालुओं की संख्या
2013 – 353969
2014 – 372909
2015 – 352771
2016 – 220399
2017 – 260003