ट्रेन ड्राइवर अरविंद कुमार ने अपने लिखित बयान में उस रात की पूरी घटना को सिलसिलेवार ढंग से बताया है.
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नई दिल्ली : पंजाब और रेलवे पुलिस ने शनिवार को अमृतसर में 60 लोगों को कुचलने वाली ट्रेन के चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. पंजाब पुलिस अधिकारियों का कहना है कि डीएमयू (डीजल मल्टीपल यूनिट) के ड्राइवर को लुधियाना रेलवे स्टेनशन से हिरासत में लिया गया और शुक्रवार रात को हुई इस घटना के संदर्भ में पूछताछ की गई. अब इस मामले में ड्राइवर का लिखित बयान सामने आया है. इसमें ड्राइवर ने उस रात हुए हादसे की पूरी कहानी को बताया है. ये लिखित बयान आधिकारिक रूप से ड्राइवर की ओर से आया है.
ड्राइवर अरविंद कुमार ने अपने बयान में लिखा है, जैसे ही मैने देखा कि ट्रैक पर सैकड़ों लोग मौजूद हैं, मैंने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए. इस दौरान में लगातार हॉन बजाता रहा. इसके बावजूद कई सारे लोग ट्रेन के नीचे आ गए. जैसे ही ट्रेन रुकी, लोगों ने उस पर पथराव कर दिया. इसके बाद मैंने ट्रेन के यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए ट्रैन को आगे बढ़ा दिया.
Saw a crowd of ppl around track. Immediately applied emergency brakes while continuously blowing horn. Still some ppl came under it.Train was about to stop when people started pelting stones & so I started the train for passengers' safety:DMU train's driver.#AmritsarTrainAccident pic.twitter.com/2dihtcO9Ri
— ANI (@ANI) October 21, 2018
अपने पत्र में अरविंद ने बताया, 'मैंने 19 अक्टूबर को शाम 5 बजे चार्ज लिया. जालंधर से चलकर मैं शाम 6:44 बजे मानांवाला पहुंचा. 6:46 बजे येलो सिग्नल और ग्रीन सिग्नल मिलने पर अमृतसर के लिए ट्रेन रवाना हुई. मानांवाला और अमृतसर के बीच गेट सं. 28 का डिस्टेंट और गेट सिग्नल ग्रीन पास किया. 'जैसे ही गाड़ी केएम-नं. 508/11 के आसपास पहुंची तो सामने से गाड़ी सं. 13006 डीएन आ रही थी. अचानक लोगों का हुजूम ट्रैक के पास दिखाई दिया तो मैंने तुरंत हॉर्न बजाते हुए इमर्जेंसी ब्रेक लगा दिया. इमर्जेंसी ब्रेक लगाने पर भी मेरी गाड़ी की चपेट में कई लोग आ गए. गाड़ी की स्पीड लगभग रुकने के करीब थी तो बड़ी संख्या में लोगों ने मेरी गाड़ी पर पथराव शुरू कर दिया. गाड़ी में बैठी सवारियों की सुरक्षा को देखते हुए ट्रेन को आगे बढ़ाया और होम सिग्नल की स्थिति में अमृतसर स्टेशन पर आ गया.'
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इससे पहले ड्राइवर के हवाले से दावा किया जा रहा था कि उसने ग्रीन सिग्नल दिया था और रास्ता साफ था, लेकिन उसे कोई अंदाजा नहीं था कि बड़ी संख्या में लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े हैं. इस दशहरा कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आयोजक अंडरग्राउंड हो गए हैं. रेलवे अधिकारी इस संदर्भ में जानकारियां जुटा रहे हैं. केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने शुक्रवार रात घटनास्थल का दौरा किया.
उन्होंने कहा कि घटना की जांच की जा रही है और यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. यहां और नई दिल्ली का रेल प्रशासन खुद का बचाव करता आया कि उन्हें इस स्थान पर दशहरे के कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। स्थानीय पुलिस ने लोगों को इस व्यस्त रेलवे ट्रैक पर आने से नहीं रोका.