रक्षा मुद्दों में कोई भी गलती कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी : मनोहर पर्रिकर
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रक्षा मुद्दों में कोई भी गलती कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी : मनोहर पर्रिकर

‘कई सारी चीजों’ का वादा करते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को गैरआक्रामक लेकिन मजबूत भारत के बहुविध दृष्टिकोण को रेखांकित किया और साफ किया कि रक्षा संबंधी मुद्दों में ‘गलती कतई बर्दाश्त’ नहीं होगी।

रक्षा मुद्दों में कोई भी गलती कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी : मनोहर पर्रिकर

गुड़गांव : ‘कई सारी चीजों’ का वादा करते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को गैरआक्रामक लेकिन मजबूत भारत के बहुविध दृष्टिकोण को रेखांकित किया और साफ किया कि रक्षा संबंधी मुद्दों में ‘गलती कतई बर्दाश्त’ नहीं होगी।

पर्रिकर ने यहां नौसेना के ‘सूचना प्रबंधन एवं विश्लेषण केन्द्र’ (आईएमएसी) के उद्घाटन के मौके पर नौसैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘एक चीज का मैं वादा करूंगा। मुझे एक काम सौंपा गया है। मैं भारत को मजबूत करने का अपना काम देखूंगा, ऐसी स्थिति जहां लोग भारत के साथ आंख मिलाने की हिम्मत नहीं करें.. हमारा आक्रामक होने को इरादा नहीं है।’

उन्होंने कहा कि भारत ने किसी अन्य देश पर शासन नहीं किया है और यह बात ‘संभवत: भारत और कुछ हद तक चीन के लिए अद्वितीय है।’ पर्रिकर ने कहा, ‘रामायण में भी, जब भगवान राम लंका गये तो उन्होंने वहां शासन नहीं किया। उन्होंने शासन के लिए इसे विभीषण को दे दिया। इस देश का अन्य देशों पर शासन करने का इतिहास नहीं है।’ पर्रिकर ने कहा कि सबसे बड़ी सुरक्षा मजबूत होना होता है।

उन्होंने कहा, ‘मैं वादा करता हूं कि मुझे जो काम दिया गया है, मैं उसे पूरा करूंगा.. आप बहुत सारी चीजों की उम्मीद कर सकते हैं।’

यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें क्या विशेष काम सौंपा है, पर्रिकर ने कहा, ‘रक्षा (मामला) ऐसा क्षेत्र है जिसमें बहुत गोपनीयता की जरूरत होती है।’ हालांकि पर्रिकर ने कहा कि जिम्मेदारी के तहत यह सुनिश्चित करना है कि रक्षा क्षेत्र को अपना बकाया हासिल हो और यह भारत को स्वावलंबी बनाने वाली मजबूत शक्ति बने।

उन्होंने कहा, ‘ऊर्जा सुरक्षा और आपकी अपनी सुरक्षा एक दूसरे पर निर्भर नहीं हो सकती। आप अपनी सभी खरीद के लिए कुछ देशों पर निर्भर नहीं हो सकते।’ पर्रिकर ने कहा कि रक्षा उपकरण 20 से 30 वर्ष के लिए खरीदे जाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘आप अचानक से खुद को ऐसी स्थिति में फंसा नहीं पा सकते कि जिस पक्ष ने आपको उपकरणों की आपूर्ति की, उसे संघर्ष क्षेत्र में आपूर्ति के लिए कुछ नाकेबंदी या कुछ प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है।’ पर्रिकर ने आईएमएसी की प्रशंसा की और कहा कि वह प्रणाली के ‘शीघ्र एवं तेज प्रतिपादन’ की तारीफ करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह पहले से पता लगाकर 2008 मुंबई आतंकी हमलों जैसी घटनाओं को ‘99.99 प्रतिशत’ रोकना सुनिश्चित करेगी।

उन्होंने रेखांकित किया कि ‘गलती को कतई बर्दाश्त’ नहीं किया जाना चाहिए। पर्रिकर ने कहा कि जिन देशों के पास अच्छी नौसेनाएं हैं, वे दुनिया पर शासन करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘आज संभवत: यही कारण है कि हमारे पड़ोसी देश हिन्द महासागर एवं अन्य क्षेत्रों में हर जगह अपनी नौसेनाओं की मौजूदगी दर्ज कराने का प्रयास कर रहे हैं।’ हाल के समय में, चीन की पनडुब्बियां श्रीलंका में मौजूद हैं जिस पर भारत ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि आईएमएसी सुनिश्चित करेगी कि नौसेना के पास बहुत डेटा उपलब्ध होगा।

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