खत्म हो सकता है अरविंद केजरीवाल का अनशन, IAS अधिकारियों से सुलह के आसार
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खत्म हो सकता है अरविंद केजरीवाल का अनशन, IAS अधिकारियों से सुलह के आसार

मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर मामले को सुलझाने के लिए आप सरकार के मंत्रियों और नौकरशाहों की बैठक बुलाने का अनुरोध किया. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली : सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना आठवें दिन भी जारी रहा. धरने में भूख हड़ताल पर बैठे डिप्टी सीएम मनीष सोसिदिया की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. सिसोदिया के मूत्र में कीटोन के स्तर में तेजी से वृद्धि के बाद उन्हें एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया. सिसोदिया से पहले स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन की हालत भी खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

सिसोदिया और जैन से अस्पताल में मुलाकात करने वाले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम धरना देंगे. धरने के समर्थन में 'आम आदमी पार्टी' कार्यकर्ताओं ने रविवार को मध्य दिल्ली में प्रदर्शन मार्च निकाला था. 'आप' के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि यह एक संदेश है कि परेशान किए जाने पर दिल्ली की जनता चुप नहीं रहेगी. 

इस बीच, दिल्ली सरकार और आईएएस अधिकारियों ने अपने सुर में नरमी लाने का संकेत दिया है और दोनों पक्ष गतिरोध दूर करने के लिए वार्ता को लेकर तैयार दिख रहे हैं. 

उधर, दिल्ली हाई कोर्ट ने 'आप' सरकार से पूछा कि उप-राज्यपाल के दफ्तर में केजरीवाल की अगुवाई में हो रहे धरने को किसने अधिकृत किया है. न्यायालय ने यह टिप्पणी भी की कि हड़ताल या धरना किसी के दफ्तर या आवास के भीतर नहीं बल्कि बाहर किया जाता है. आईएएस अधिकारियों के नरम रुख और कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यह चर्चा है कि केजरीवाल जल्द ही अपने अनशन को समाप्त कर सकते हैं.

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सिसोदिया ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर मामले को सुलझाने के लिए आप सरकार के मंत्रियों और नौकरशाहों की बैठक बुलाने का अनुरोध किया. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया था. अधिकारियों ने उनकी सुरक्षा के बारे में केजरीवाल के आश्वासन का स्वागत किया और कहा कि वे इस मामले पर मुख्यमंत्री के साथ औपचारिक बातचीत के लिए स्वतंत्र हैं.सिसोदिया के पत्र के बाद, केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘मुझे उम्मीद है कि इस मुद्दे के समाधान के लिए उपराज्यपाल जल्द से जल्द बैठक बुलाएंगे.’ 

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'आप' ने सोमवार को दिल्ली सरकार में आईएएस अधिकारियों से अपनी हड़ताल खत्म करने को कहा. पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री का उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन एक अच्छा कदम है और अब इस पर समुचित प्रतिक्रिया देने की बारी केंद्र एवं नौकरशाह बिरादरी की है.

एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) कैडर के अधिकारियों की एसोसिएशन ने कहा कि वे पूर्ण समर्पण और उत्साह के साथ काम करना जारी रखेंगे. अनिल बैजल को अपने पत्र में सिसोदिया ने कहा है, ‘चूंकि सुरक्षा और सेवा का मामला आपके अंतर्गत आता है इसलिए हम चाहते हैं कि बैठक आपकी अध्यक्षता में हो ताकि हमें जो भी आश्वासन देना होगा देंगे और आपके अंतर्गत जो आता है, आप देंगे.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि आप जल्द से जल्द सभी पक्षों को बुलाएंगे और इस गतिरोध का समाधान निकालेंगे.’ 

अरविंद केजरीवाल अपने सहयोगियों के साथ बीते सोमवार (11 जून) से उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना देकर मांग कर रहे हैं कि उपराज्यपाल आईएएस अधिकारियों को हड़ताल खत्म करने का निर्देश दें और घर तक राशन आपूर्ति योजना को मंजूरी दें.

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उधर, केजरीवाल की शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बातचीत हुई और उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी की स्थिति के बारे में अवगत कराया. ठाकरे के मीडिया सलाहकार हर्षल प्रधान ने कहा कि केजरीवाल ने ठाकरे से बातचीत की. उन्होंने कहा, ‘उद्धवजी का मानना है कि दिल्ली में चुनी हुई सरकार को बिना किसी अड़चन के काम करने देना चाहिए.’ प्रधान ने यह भी कहा कि हालांकि इसका ये मतलब नहीं है कि शिवसेना केजरीवाल और आप का समर्थन कर रही है.

बहरहाल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में इस अराजकता और अव्यवस्था को सुलझाने के लिए पहल करने की बजाय आंखे मूंद ली हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में अराजकता से जनता परेशान हैं.

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'दिल्ली के मुख्यमंत्री उपराज्यपाल कार्यालय में धरने पर बैठे हैं. बीजेपी मुख्यमंत्री कार्यालय में धरने पर बैठी है. दिल्ली के नौकरशाह संवाददाता सम्मेलन संबोधित कर रहे हैं.' उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में इस अराजकता और अव्यवस्था को सुलझाने के लिए पहल करने की बजाय आंखे मूंद ली हैं. गांधी ने कहा कि दिल्ली में जो नाटक चल रहा है उससे जनता परेशान है.

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