भारत के इस राज्‍य में दो से ज्‍यादा बच्‍चे वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी
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भारत के इस राज्‍य में दो से ज्‍यादा बच्‍चे वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

असम विधानसभा की तरफ से हाल ही में पास किया गया एक विधेयक लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. इस विधेयक के तहत यदि राज्‍य सरकार का कोई कर्मचारी अपने माता-पिता या दिव्‍यांग भाई-बहनों की देखभाल नहीं करता है तो उसके मासिक वेतन से 10 फीसदी रकम की कटौती की जाएगी.

भारत के इस राज्‍य में दो से ज्‍यादा बच्‍चे वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

गुवाहाटी : असम विधानसभा की तरफ से हाल ही में पास किया गया एक विधेयक लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. इस विधेयक के तहत यदि राज्‍य सरकार का कोई कर्मचारी अपने माता-पिता या दिव्‍यांग भाई-बहनों की देखभाल नहीं करता है तो उसके मासिक वेतन से 10 फीसदी रकम की कटौती की जाएगी. वेतन से काटी गई रकम को उस कर्मचारी के अभिभावकों या भाई-बहनों को उनकी देखभाल के लिए दी जाएगी. अब सरकार की तरफ से एक और विधेयक पास किया गया है. इस विधेयक के बाद सरकारी नौकरी पाने और स्‍थानीय चुनाव में खड़े होने के लिए लोगों को नए बदलाव का सामना करना पड़ेगा.

असम में नए नियम के तहत जिनके दो से अधिक बच्‍चे हैं, वे स्‍थानीय निकाय चुनाव (नगर पालिका व क्षेत्र पंचायत) लड़ने और सरकारी नौकरी पाने के लिए मान्‍य नहीं होंगे. यह बदलाव असम सरकार की नई जनसंख्या नीति के तहत किया गया है. असम विधान सभा में शुक्रवार (15 सितंबर) को लंबी बहस के बाद इस कानून को पारित किया गया है.

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असम सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने संबंधित विधेयक को विधानसभा में पेश करते हुए कहा कि राज्य की सेवा शर्तों को जल्द ही नए कानून के हिसाब से बदला जाएगा. राज्‍य सरकार के इस विधेयक के पारित होने के बाद असम के सभी सरकारी कर्मचारियों पर 'दो बच्चों' की नीति लागू हो जाएगी.

आपको बता दें कि फिलहाल असम में सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली सरकारी है. यहां बीजेपी पहली बार सत्‍ता में आई है. मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने सदन में कहा कि राज्य की नई जनसंख्‍या नीति जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने को ध्‍यान में रखकर बनाई गई है. उन्‍होंने कहा कि इससे लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य का भी ध्‍यान रखा जा सकेगा.

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उन्‍होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार से मांग करेगी कि विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए भी ऐसा कानून बनया जाए, जिससे जिनके दो बच्चों से ज्यादा हों वो विधायक का चुनाव नहीं लड़ सकें. आपको बता दें कि इससे पहले राज्‍य विधानसभा में माता-पिता या दिव्‍यांग भाई-बहनों की देखभाल नहीं करने संबंधित विधेयक पारित किया गया था. इस विधेयक के तहत यदि राज्‍य सरकार का कोई कर्मचारी अपने अभिभावकों की देखभाल नहीं करता है तो उसके वेतन से 10 फीसदी रकम की कटौती की जाएगी.

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