आतंकी पनाहगाहों के सफाए के लिए पाकिस्तान को करना होगा और काम: अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी
Advertisement

आतंकी पनाहगाहों के सफाए के लिए पाकिस्तान को करना होगा और काम: अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी

अमेरिका ने बुधवार को कहा कि यह बात स्पष्ट है कि पाकिस्तान को आतंकवाद की शरणस्थलियों का सफाया करने और अपनी धरती से संचालित होने वाले ‘घरेलू संगठनों’ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की दिशा में अधिक काम करने की जरूरत है। ये वे संगठन हैं, जो भारत के साथ उसके संबंधों और अफगानिस्तान की शांति एवं स्थिरता को प्रभावित कर रहे हैं।

फोटो सौजन्‍य: एएनआई ट्वीटर

नई दिल्‍ली : अमेरिका ने बुधवार को कहा कि यह बात स्पष्ट है कि पाकिस्तान को आतंकवाद की शरणस्थलियों का सफाया करने और अपनी धरती से संचालित होने वाले ‘घरेलू संगठनों’ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की दिशा में अधिक काम करने की जरूरत है। ये वे संगठन हैं, जो भारत के साथ उसके संबंधों और अफगानिस्तान की शांति एवं स्थिरता को प्रभावित कर रहे हैं। तीन दिन की भारत यात्रा पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि उन्होंने हक्कानी नेटवर्क और लश्कर ए तोएबा जैसे संगठनों के खिलाफ कड़ा कदम उठाने के मुद्दे पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ चर्चा की है।

अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने बुधवार को कहा कि कोई देश आतंकवाद और उग्रवादियों से अकेले नहीं लड़ सकता है। हमें हिंसक चरमपंथियों के मूल कारणों पर हमला करने की जरूरत है और इसके कारणों के कई स्‍वरूपों को समझने के लिए हमें कठिन मेहनत करनी होगी। यह स्पष्ट है कि आतंकी पनाहगाहों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए पाकिस्तान को काम करना बाकी है।

आईआईटी-दिल्ली में एक सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दाएश, अल कायदा, लश्कर ए तोएबा और जैश ए मुहम्मद जैसे आतंकी संगठनों का मुकाबला कोई देश अकेले नहीं कर सकता। कैरी ने कहा कि हम इस पर काम कर रहे हैं। मैं इस मुद्दे पर बहुत मेहनत करता रहा हूं। मैंने नवाज शरीफ से कई मुलाकातें की हैं। हमने पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्से में आतंकी शरणस्थलियों के मुद्दे पर और हक्कानी नेटवर्क एवं लश्कर ए तैयबा से प्रभावी ढंग से निपटने के मुद्दे पर बात की है। उन्होंने कहा कि यह बात स्पष्ट है कि पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों में लिप्त अपने घरेलू संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए काम करना है। पाकिस्तान को उन बुरे तत्वों के सफाए में हमारी मदद करनी होगी, जो न सिर्फ भारत और पाकिस्तान के संबंध पर असर डाल रहे हैं बल्कि अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता हासिल करने की हमारी योग्यता को भी प्रभावित कर रहे हैं। केरी ने कहा कि पाकिस्तान ने हालिया महीनों में इस प्रक्रिया को तेज किया है।

जॉन केरी ने कहा कि ध्रुवीकरण कहीं भी हो, अच्छा नहीं होता है। यह असहिष्णुता और शासन के प्रति हताशा को दर्शाता है। उन्‍होंने जाति और नस्ल का भेदभाव किए बिना हमें सभी नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करना होगा और आवाज उठाने पर जेल भेजे जाने के डर के बगैर उन्हें शांति से प्रदर्शन करने की अनुमति देनी होगी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता हासिल करने के बारे में पूछे जाने पर केरी ने कहा कि इसके लिए मार्ग है लेकिन जटिल है।

उन्‍होंने कहा कि भारत आज एक स्‍थापित शक्ति है। राष्‍ट्रपति ओबामा और पीएम मोदी के बीच बेहतर आपसी निजी रिश्‍ता स्‍थापित हुआ है। यह साझा उद्देश्‍य और विजन पर आधारित है। ओबामा और मोदी के बीच बेहतर एवं मजबूत समझ विकसित हुआ है और हम पीएम की ओर से उठाए जा रहे कदमों को लेकर उत्‍साहित हैं।

 

Trending news