Bengal Violence: बंगाल की चीख दिल्ली तक सुनाई देगी! सड़कों पर उतरे सभी वकील
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Bengal Violence: बंगाल की चीख दिल्ली तक सुनाई देगी! सड़कों पर उतरे सभी वकील

Lawyers On The Streets: कई वकील बंगाल में हुई हिंसा (Bengal Violence) के खिलाफ दिल्ली की सड़कों पर उतर आए हैं. बंगाल के लिए उठाई जा रही न्याय की आवाज अब दिल्ली के गलियारों में गूंज रही है. 

Bengal Violence: बंगाल की चीख दिल्ली तक सुनाई देगी! सड़कों पर उतरे सभी वकील

Protest Over Bengal Violence: बंगाल हिंसा पर विरोध जताने के लिए कई वकील दिल्ली की सड़कों पर उतरे. इसके चलते शुक्रवार को कई एडवोकेट (Advocate) हाथ में फाइलों की जगह बैनर लिए नजर आए. न्याय की लड़ाई अब राष्ट्रीय स्तर पर लड़ी जाएगी. लोगों का कहना है कि भारत न्याय (Justice) के लिए लड़ेगा, भारत बंगाल के लिए लड़ेगा.

शांतिपूर्ण कैंडल मार्च निकाला

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर राज्य के प्रभावित लोगों के संघर्ष और लड़ाई को उजागर करने के लिए सभी अधिवक्ताओं/वकीलों ने राष्ट्रीय राजधानी में शांतिपूर्ण कैंडल मार्च (Candle March) निकाला और पटियाला हाउस कोर्ट के पास एकत्रित हुए. बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है, जिसकी आवाज दिल्ली में सुनाई दी. बता दें कि सभी वकील लॉयर्स फॉर जस्टिस बैनर के तहत राजधानी में एकत्रित हुए.  

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क्या कहते हैं वकील?

वकीलों का कहना है कि जिस तरह की अवस्था बंगाल में बन गई है उसके चलते वहां राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) लागू होना चाहिए. केंद्र सरकार को खुद इस मामले की जांच करनी चाहिए. बंगाल के पीड़ितों को डराया-धमकाया जा रहा है. ये लड़ाई वकीलों ने जस्टिस के लिए शुरू की है. बंगाल में जिस तरह पॉलिटिकल मर्डर (Political Murder) हो रहे हैं वो सही नहीं हैं. लोगों को वोट के नाम पर जलाया जा रहा है, महिलाओं का रेप किया जा रहा है और कुछ को जान से मारा जा रहा है. ये गलत है और खुद प्रधानमंत्री को इस मामले को देखना चाहिए. सभी वकील राजधानी दिल्ली में भारी संख्या में पटियाला कोर्ट (Patiala Court) के बाहर खड़े हुए. यहां उन्होंने बंगाल में हुई हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई.

लॉयर्स फॉर जस्टिस ने लगाए कई आरोप

लॉयर्स फॉर जस्टिस (Lawyers for Justice) ने आरोप लगाया कि 2018 के बाद से पश्चिम बंगाल में कुछ समुदायों से जुड़े विशेष समूहों और व्यक्तियों के खिलाफ लक्षित अभूतपूर्व राज्य-प्रायोजित हिंसा देखी गई है. 2 मई 2021 के बाद (राज्य विधान सभा चुनाव के परिणाम घोषित किए गए) अभूतपूर्व आतंक, अराजकता और हिंसा का शासन गुंडों और असामाजिक लोगों द्वारा सक्रिय रूप से सत्ताधारी सरकार और राजनीतिक दल द्वारा समर्थित था. पश्चिम बंगाल में सैकड़ों-हजारों को उनके घरों से निकाल दिया गया. कई लोगों की हत्या के अलावा बेटियों और माताओं के साथ बलात्कार किया गया. लाखों घरों में आग लगा दी, तोड़फोड़ और लूटपाट की. पश्चिम बंगाल में भीषण अपराध (Crimes) हुए हैं जो आज तक कम नहीं हुए.

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वकीलों की मांग 'इंसाफ'

इसी हिंसा के चलते सभी वकील (Lawyer) राजधानी दिल्ली में एकत्रित हुए और इंडिया गेट (India Gate) पर हाथों में बैनर लिए मार्च किया ताकि इंसाफ को बंगाल में दबाया ना जा सके. वोट के चलते जिन लोगों के साथ अपराध हुआ उन्हें न्याय मिले. वकील कहते हैं कि केंद्र सरकार इस मामले को संगीन रूप से देखे और खुद इस मामले की जांच (Investigation) करे वरना बंगला में हिंसा ना कम हुई है और ना होगी. शुक्रवार को राजधानी दिल्ली से जो आवाज उठी है वो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को जरूर सुनाई देगी.

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