उरी हमले के बाद सीमा सुरक्षा पर बड़ा फैसला; बार्डर पर होगी लेजर वॉल, फेंसिंग होगी हाईटेक
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उरी हमले के बाद सीमा सुरक्षा पर बड़ा फैसला; बार्डर पर होगी लेजर वॉल, फेंसिंग होगी हाईटेक

जम्‍मू-कश्‍मीर के उरी में बीते दिनों सैन्‍य शिविर पर आतंकी हमले के बाद सीमा सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने सोमवार बड़ा फैसला किया है। उरी हमले की पृष्ठभूमि में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा सुरक्षा हाईटेक बनाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को कड़े निर्देश दिए हैं।

उरी हमले के बाद सीमा सुरक्षा पर बड़ा फैसला; बार्डर पर होगी लेजर वॉल, फेंसिंग होगी हाईटेक

नई दिल्‍ली : जम्‍मू-कश्‍मीर के उरी में बीते दिनों सैन्‍य शिविर पर आतंकी हमले के बाद सीमा सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने सोमवार बड़ा फैसला किया है। उरी हमले की पृष्ठभूमि में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा सुरक्षा हाईटेक बनाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को कड़े निर्देश दिए हैं।

जानकारी के अनुसार, उरी हमले के बाद सीमा की सुरक्षा पर गृह मंत्रालय ने आज बड़ा फैसला किया। जिसके तहत बार्डर पर लेजर वॉल लगाई जाएगी और फेंसिंग को और अधिक हाईटेक किया जाएगा। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मधुकर गुप्‍ता की रिपोर्ट लागू करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि सीमा सुरक्षा के लिए समिति गठित की गई थी। श्री सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के साथ हुईं बैठक में पूर्व केंद्रीय गृह सचिव मधुकर गुप्ता समिति की सिफारिशों को लागू करने को कहा है। पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद श्री गुप्ता की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया गया था।  

जानकारी के अनुसार, सीमा के पास इलेक्‍ट्रो ऑप्टिक सेंसर लगाए जाएंगे। घुसपैठ रोकने के लिए माइक्रो एयरोस्‍टेट बैलून लगाए जाएंगे। सीमा पर जहां फेंसिंग नहीं है, वहां लेजर वॉल खड़े किए जाएंगे। इसके अलावा, फेंसिंग न होने वालों स्‍थानों पर इलेक्‍ट्रोनिक सर्विलांस किया जाएगा। साथ ही, सीमा के पास जो नदियां हैं, वहां सेंसर लगेंगे।

बताया जाता है कि उरी में 18 सितंबर को हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादी नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान से आए थे। इस हमले में 18 सैनिक शहीद हुए थे। सूत्रों ने बताया कि समिति ने भारत-पाक सीमा के पास के कई इलाकों में खामियां और कमियां गिनाई और उन्हें दूर करने के सुझाव दिए। समिति ने सुझाव दिया कि लेजर वॉल जैसी वैज्ञानिक विधियों को घुसपैठ संभावित कई क्षेत्रों में नहीं लगाया जा सका है। जहां दुर्गम क्षेत्रों या छोटी नदियों के कारण बाड़ लगाने का काम भी नहीं हो सका है। समिति ने पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे चार राज्यों के लिए अलग-अलग सिफारिशें की क्योंकि हर राज्य की अलग समस्याएं और अलग भौगोलिक आकार हैं।

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