Lok Sabha Elections 2024: 'मिशन 2024' के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने कसी कमर, दोनों पार्टियों में जल्द हो सकती है ओवरहॉलिंग
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Lok Sabha Elections 2024: 'मिशन 2024' के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने कसी कमर, दोनों पार्टियों में जल्द हो सकती है ओवरहॉलिंग

बीजेपी की कोशिश विरोधी खेमे में तोड़फोड़ करके उनको कमजोर करने की होगी. वहीं कांग्रेस पार्टी अपने अंदरकलह को शांत करने का प्रयास करेगी.

कांग्रेस बनाम बीजेपी

Mission 2024: झारखंड में सभी दलों ने अगले साल होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. प्रदेश में मुख्य रूप से तीन पार्टियों (बीजेपी, कांग्रेस और झामुमो) के बीच मुकाबला है. इस वक्त कांग्रेस और राजद के सहयोग से झामुमो की सरकार है और हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं. जबकि बीजेपी विपक्ष में अकेले है. वहीं लोकसभा में बीजेपी का परचम लहरा रहा है. आने वाले चुनावों में बीजेपी ना सिर्फ लोकसभा में पुराना प्रदर्शन दोहराने के लिए दम लगाएगी, बल्कि विधानसभा में भी सत्ता हासिल करने की कोशिश करेगी. 

वहीं सत्तापक्ष की ओर से बीजेपी को हराने के लिए पूरा जोर लगाया जाएगा. सत्ता में सहयोगी कांग्रेस भी अभी से तैयारी शुरू करने वाली है. कांग्रेस सभी प्रदेशों में अंदरूनी कलह से जूझ रही है. झारखंड में भी पार्टी इसी बीमारी से पीड़ित है. अब पार्टी इसका इलाज करने वाली है. जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लेकर एक बार फिर से दिल्ली दरबार में गहमगमी तेज हो गई है. 

सेंट्रल कांग्रेस कमिटी द्वारा झारखंड-बिहार सहित कई राज्यों के संगठन में फेरबदल किया जा सकता है. इस संबंध मे केंद्रीय नेतृत्व तैयारी कर रहा है, जिसके तहत झारखंड प्रभारी व प्रदेश अध्यक्ष का चेहरा बदल सकता है. झारखंड कांग्रेस के आधा दर्जन से ज्यादा नेता प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय और पश्चिम सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा का नाम सबसे आगे चल रहा है. चर्चा तो ये भी है कि सुबोध कांत सहाय को पार्टी महासचिव बनाने की तैयारी में है.

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उधर बीजेपी भी ओवरहॉलिंग करने की तैयारी कर चुकी है. जल्द ही विरोधी खेमे में तोड़फोड़ शुरू की जाएगी. जानकारी के मुताबिक पार्टी से निर्दलीय विधायक सरयू राय को फिर से मनाया जाएगा और उनकी घर वापसी कराई जाएगी. बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर सरयू राय ने नाराज हो गए थे और निर्दलीय चुनाव लड़ा था. बीजेपी की हार में वो बहुत बड़ा कारण बने थे. अब सरयू राय भी फिर से बीजेपी में लौट सकते हैं, क्योंकि वो आरएसएस से जुड़े हैं और कह चुके हैं कि पार्टी छोड़ी है लेकिन विचारधारा नहीं बदली.

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बीजेपी की नजर झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम पर है. लोबिन पार्टी नेतृत्व से लगातार नाराज चल रहे हैं. ऐसे में संभव है कि वो बीजेपी के किसी केंद्रीय नेता के आते ही पार्टी का झंडा थाम लें. जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम यदि बीजेपी में आते हैं, तो पार्टी में आदिवासी नेताओं की कमी पूरी हो जाएगी. संथाल के पुराने नेता सुफल मरांडी पहले ही बीजेपी के साथ हैं. दिसंबर 2022 में सुफल ने झामुमो छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था. 

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