भाजपा ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए बनाई पृथक इकाई
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भाजपा ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए बनाई पृथक इकाई

उत्तर प्रदेश और चुनावी राज्य बिहार को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने आज संगठनात्मक बदलाव किए और पहली बार अन्य पिछड़ी जातियों के लिए पृथक इकाई के गठन की घोषणा की। अन्य पिछड़ा वर्ग राजनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है जिसे भगवा दल अपनी ओर आकषिर्त करने के प्रयास करता रहा है।

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश और चुनावी राज्य बिहार को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने आज संगठनात्मक बदलाव किए और पहली बार अन्य पिछड़ी जातियों के लिए पृथक इकाई के गठन की घोषणा की। अन्य पिछड़ा वर्ग राजनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है जिसे भगवा दल अपनी ओर आकषिर्त करने के प्रयास करता रहा है।

गुजरात से लोकसभा सांसद सीआर पाटिल और दिल्ली आधारित पवन शर्मा बिहार के सह प्रभारी होंगे, जबकि महासचिव भूपेंद्र यादव राज्य के प्रभारी बने रहेंगे। भाजपा ने हाल में केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार को राज्य में चुनावों का प्रभारी बनाया था जहां भगवा दल नीतीश-लालू गठबंधन से कड़ी चुनौती का सामना कर रहा है।

उत्तर प्रदेश के लिए पांच सह प्रभारी नियुक्त किए गए हैं, जबकि महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल के नए प्रभारी होंगे। वह पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी हैं और संगठन के लिहाज से सक्षम व्यक्ति माने जाते हैं। पार्टी उपाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर उत्तर प्रदेश के प्रभारी बने रहेंगे।

यह घोषणा शाह के नेतृत्व में भाजपा पदाधिकारियों की लंबे समय तक चली बैठक के बाद आई जहां संगठनात्मक मोर्चे पर पार्टी द्वारा की गई प्रगति की समीक्षा की गई। भाजपा ने पृथक ओबीसी मोर्चे का भी गठन किया और उत्तर प्रदेश से पिछड़ों के नेता एसपी सिंह बघेल इसके मुखिया होंगे।

बिहार और उत्तर प्रदेश में जाति एक प्रभावशाली कारक है जहां ओबीसी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और भाजपा उन्हें लालू यादव, नीतीश कुमार और मुलायम सिंह यादव जैसे स्थानीय छत्रपों से दूर करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। पुरंदेश्वरी देवी को महिला मोर्चे का प्रभारी बनाया गया है। वह संप्रग सरकार में मंत्री थीं और 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थीं।

आज राज्य प्रभारियों की नियुक्ति के साथ वरिष्ठ पार्टी नेता जेपी नड्डा के संगठन से सरकार में जाने के कारण पैदा हुई रिक्तियों को भी भरा गया और तीन नए महासचिवों तथा उतने ही उपाध्यक्षों और चार सचिवों के कार्य का बंटवारा भी किया गया।

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