'अ डायलॉग विद जेसी' शो में BSNL के सीएमडी ने कहा, 'अगले 6 महीने में 25 हजार गांव में होगी वाई-फाई की व्यवस्था'
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'अ डायलॉग विद जेसी' शो में BSNL के सीएमडी ने कहा, 'अगले 6 महीने में 25 हजार गांव में होगी वाई-फाई की व्यवस्था'

बीएसएनएल के सीएमडी अनुपम श्रीवास्तव और ज़ी रीजनल चैनल्स के सीईओ जगदीश चंद्र

ज़ी मीडिया के ख़ास शो 'अ डायलॉग विद जेसी' में शिरकत करने वाले बीएसएनएल के सीएमडी अनुपम श्रीवास्तव से ज़ी रीजनल चैनल्स के सीईओ जगदीश चंद्र ने सरल, सहज लेकिन प्रभावी और धारदार सवाल किए. जिनका उन्होंने बेबाक जवाब भी दिया. अनुपम श्रीवास्तव इंडियन टेलीकॉम सर्विस के 1981 बैच के अधिकारी हैं, जिन्होंने 15 जनवरी 2015 को बीएसएनएल के सीएमडी का पदभार संभाला. तब से अब तक इन्होंने ना सिर्फ बीएसएनएल के ग्राहकों को बढ़ाया है बल्कि बीएसएनएल के लाभ को भी बढ़ाया है. इन्होंने बीएसएनएल में सर्विस विद स्माइल मुहिम शुरू की. ट्विटर के जरिए ग्राहकों की शिकायत भी सीधे सुनते हैं और उनका समाधान भी करते हैं.

प्रश्न: 1981 में जब आपने टेलीकॉम इंडस्ट्री को ज्वाइन किया तो क्या सोचा था कि एक दिन सीएमडी बन जाएंगे?
उत्तर:
नहीं मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा था. हां, हर माता-पिता की तरह मेरे माता-पिता भी चाहते थे कि मैं जिस डिपार्टमेंट में काम करुं उसके सर्वोच्च पद तक पहुंच सकूं. शायद उन्हीं के आशीर्वाद का नतीजा है कि मैं आज इस मुकाम तक पहुंच सका.

प्रश्न: कभी IAS, IPS में जाने का मन नहीं हुआ?
उत्तर:
मैंने सिविल सर्विस के इग्ज़ाम देने की सोची थी लेकिन किसी ना किसी कारणवश वो पोस्टपोन होते रहे. एक दफा इंदिरा गांधी जी की डेथ हो गई. जिससे इग्ज़ाम पोस्टपोन हो गया और फिर वो दिशा पीछे छूट गई और इंजीनियरिंग की राह पर चल पड़े.

प्रश्न: 35 साल के करियर में सीएमडी के पद तक कैसे पहुंचे?
उत्तर:
जब कॉलेज से निकला तो वो कंप्यूटर युग की शुरुआत हो रही थी. इसलिए इच्छा हुई कि कंप्यूटर के क्षेत्र में कुछ काम किया जाए. इसलिए मैंने शुरुआत ELECTRONICS CORPORATION OF INDIA LIMITED से की. यहां मैंने दो-ढाई साल काम किया. उसके बाद जब इंजीनियरिंग सर्विसेज़ एग्जाम का रिजल्ट आया तो मैंने TELECOMMUNICATION DEPARTMENT JOIN कर लिया. यहां SDO, DIVISION OFFICER से बढ़ते-बढ़ते जिम्बाबवे तक भी पहुंच गया. जिम्बाबवे उस वक्त नया-नया आजाद हुआ था. इसलिए वहां दूरसंचार के क्षेत्र में भी विकास हो रहा था. वहां जाकर हम उन्हें consultancy देते थे मैंने 5 साल तक जिम्बाबवे में काम किया. फिर DOT, DTS फिर BSNL में CMD के पद तक पहुंच गया.

प्रश्न: ये जो सीएमडी का जो पद मिला. वो मैरिट से मिला या फिर Somebody played as Godfather?
उत्तर:
ये जो selection होता है PSEB के जरिये होता है. जब भी कोई इंटरव्यू की बात निकलती थी तो मैं apply जरूर करता था. लेकिन असफल हो जाता था. मैंने 10-12 बार कोशिश की. एक बार जब मैं अजमेर में पदस्थ था तो मैंने सोचा इंटरव्यू देने का कोई फायदा नहीं. यहां शायद उन्हीं का चुनाव होता है जिनकी पहुंच होती है या Godfather होता है. इसी सोच के साथ मैंने अपना आखिरी इंटरव्यू दिया. और ये सोच कर दिया कि चाहें सामने कोई भी बैठा हो मैं खुलकर जवाब दूंगा. इस बार मेरा mobile services के डायरेक्टर के तौर पर selection हो गया. इसके एक साल बाद मैंने फिर सीएमडी के पद के लिए इंटरव्यू दिया और सीएमडी बन गया. So, I can say that merit do play part in this system. हमारे परिवार में ना कोई राजनीति में है, ना कोई लॉयर है ना कोई और पहुंच हैं. Simple middle class family है. इसलिए Godfather कोई नहीं था.

प्रश्न: सीएमडी के तौर पर कितना tenure बाकी है?
उत्तर:
दो साल बाकी हैं.

प्रश्न: अबतक के tenure में BSNL में आपका सबसे बड़ा Contribution क्या है?
उत्तर:
बीएसएनएल की शुरुआत साल 2000 में हुई और 2002 में हमें मोबाइल का लाइसेंस मिल गया. साल 2002 से 2006 तक बीएसएनएल का विकास बड़ी तेजी से हुआ. लोग बीएसएनएल की सिम लेने के लिए लाइन लगाया करते थे. BSNL NO.1 Operator बन गया. लेकिन 2006 के बाद ऐसा वक्त आया कि किन्हीं कारणवश हम equipment procure नहीं कर पाए और प्राइवेट ऑपरेटर हमसे आगे निकल गए. 2012 में procurement का सिलसिला फिर शुरू किया गया. मैंने सीएमडी के तौर पर कमान संभाली और फिर से बीएसएनएल को पटरी पर लाने का काम शुरू कर दिया. अफसरों और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाया और बताने की कोशिश की कि आगे बढ़ना है तो काम करना पड़ेगा. साल 2013-14 में हालात इतने खराब हो गए कि negative में चले गए. operation profit (minus)- 691 करोड़ था. लेकिन अगले ही साल हमने revive करते हुए opertion profit को positive 672 करोड़ रुपए कर लिया. और 2015-16 में बढ़कर 3855 करोड़ तक पहुंच गए. पिछला साल cut throat competetion का रहा. सितंबर में एक नए प्लेयर ने भी मार्केट में कदम रखा पर पिछले साल भी जिस तरह के आंकड़े आ रहे हैं. उम्मीद है कि हम इस साल भी positive ही रहेंगे. इस revival का श्रेय हमारे कर्मचारियों और अफसरों को जाता है जिनके अंदर से आवाज आई कि आगे बढ़ना है. 

प्रश्न: ये चमत्कार कैसे हुआ कि इतने घाटे से आप एकदम मुनाफे में आ गए?
उत्तर:
ज्यादातर मामलों के फेल होने का कारण वक्त पर फैसला नहीं ले पाना है. management committee of BSNL Board के सभी निदेशकों ने इस बात पर जोर दिया कि जो भी फैसला लेना है उसे तुरंत लिया जा सके और जल्द उसे अमल में लाया जाए. competition के युग में अगर थोड़ी सी देरी हो जाती है तो मार्केट आपका इंतजार नहीं करता है आगे बढ़ जाता है. जैसे कि अगर किसी प्राइवेट ऑपरेटर ने नया टैरिफ प्लान लॉन्च किया तो टैरिफ को मैच करते हुए आपको भी अगले ही दिन कुछ नया लाना होगा. उसके अलावा equipments procure करने में भी एक्टिव रहना होगा. टेलीकॉम इंडस्ट्री के equipments complex होते हैं. mobile का अलग, landline का अलग, broadband का अलग यानी comprehensive development की जरुरत पड़ती है. तो बीएसएनएल ने quick decision लेकर उपकरणों की व्यवस्था की और काम शुरू किया. सेल्स और मार्केटिंग में बीएसएनएल का ज्यादा ध्यान नहीं था. तो हमने सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में फोकस किया. नतीजतन हमारी सिम बिकना शुरू हो गई. एक यूनिट होती है जिसे mnp कहते हैं यानी mobile network portibility इस यूनिट से पता लगाया जा सकता है कि कितने नए कस्टमर आपसे जुड़े और कितने आपको छोड़कर गए. 7-8 साल से ये आंकड़ा नेगेटिव था. लेकिन बीते तीन साल में mnp positive हो गई है. government ने हमें ऐसा atmosphere दिया कि हमें कोई निर्णय लेने से पहले किसी से पूछना नहीं पड़ा. अगर वो निर्णय सही है तो किसी ने कोई रोकटोक नहीं लगाई.

प्रश्न: मंत्रालय का कोई interference नहीं रहता था?
उत्तर:
हमारा बोर्ड independent बोर्ड है. हम सारे फैसले खुद लेते हैं. मंत्रालय हमारी performance को closely monitor करता है. मंत्रीजी खुद मीटिंग लेते हैं. और देखते हैं कि performance ऊपर जा रही है या गिर रही है. यानी मॉनिटरिंग का सिलसिला बरकरार है बस रोकटोक नहीं है.

प्रश्न: मनोज सिन्हा सुना है डिसिज़न काफी जल्दी लेते हैं. how you rating as a telecom ministry of this country?
उत्तर:
I think he is one of the best telecom minister of this country. उन्हें समझने में देर नहीं लगती. भारत नेट का प्रोजेक्ट है जो उनकी वजह से ही गांव-गांव पहुंच रहा है. इसके अलावा ऑपटिक्ल फाईबर के केबल को समय रहते पहुंचा दिया गया है, ब्रॉड-बैंड, इंटरनेट की सेवाएं भी चालू हो गईं हैं और सब कुछ उनकी देख-रेख में हुआ है.

प्रश्न: 25,000 गांव को कनेक्ट करने की आप जो योजना बना रहे हैं वो क्या हैं?
उत्तर:
भारत नेट के प्रथम चरण में 1 लाख ग्राम पंचायत कनेक्ट होना प्रस्तावित हैं. जिन ग्रामीण क्षेत्रों में पहले ही ऑपटिक्ल फाईबर पहुंच चुका है उन टेलिफोन एक्सचेंज में ही वाई-फाई लगा कर इंटरनेट कनेक्टिविटी को रूरल एरिया में पहुंचाया जाएगा. इसके अलावा अगले 6 महीने में 25 हजार गांव में वाई-फाई की व्यवस्था करनी है. इतना ही नहीं हमारे HOT SPOT जो लगेंगे वो मोबाईल नेटवर्क से जुड़े रहेंगे.

प्रश्न: रिमोट एरिया में मंत्री जी ने सेटेलाईट सेवा शुरू करवाई है?
उत्तर:
1 जुलाई से BSNL के माध्यम से सेटेलाईट टेलीफोन दिए जाएंगे और दूसरे चरण में सिर्फ वॉयस डेटा ही नहीं बल्कि डेटा सर्विस भी दी जाएंगी जिसका फायदा ट्रैवलिंग के दौरान होगा एयरलाईन्स और शिप में इसके अलावा आप इस सेटेलाइट सर्विस के जरिए इमरजेंसी मैसेज भी दे पाएंगे.

प्रश्न: अगले 2 साल के लिए क्या रोड मैप है?
उत्तर:
टेलिकॉम कंपनी के साथ मिलकर टैरिफ को मैच करते हुए दूरसंचार की सेवाएं देंगे. देश के जिन 10 राज्य में जो लेफ्ट विंग्स एरिया मोबाइल की सेवा नहीं थी ऐसे इलाकों में 2199 टावर लगाकर उन क्षेत्रों में मोबाइल की सेवाएं पहुंचाई जाएंगे. अरूणाचल प्रदेश या बोडोलैंड इलाकों में भी BSNL की मदद से क्रियांवित किया जा रहा है.

प्रश्न: जियो के कारण प्राइस वॉर शुरू हो गया है BSNL इसमें कहां स्टैंड करता है?
उत्तर:
जियो के आने से टैरिफ वॉर छिड़ गया है. आवश्यकता ये है कि हम अपने ग्राहक पर ध्यान दें ये हमारी स्ट्रेटजी है कि हम उपभोक्ताओं को साथ रखें इसके अलावा जो भी टैरिफ आए हम उसको मैच करें बल्कि उससे कम रखें. BSNL का कस्टमर बेस पहले से बढ़ा है, वॉयस और डेटा की सर्विस बढ़ी है.

प्रश्न: 22 जून को टेलिकॉम मिनिस्ट्री ने टेलिकॉम ऑपरेटर की मीटिंग बुलाई है. जियो का प्राइस वॉर सॉर्ट-ऑउट करने के लिए क्या लगता है सोलूशन निकलेगा?
उत्तर:
सरकार ने कमेटी बना दी है जिसमें विचार चल रहा है. सरकार शायद लाइसेंस फीस या स्पेक्ट्रम यूज़ चॉर्ज में थोड़ी कमी करें. इसके अलावा एक लेवल का टैरिफ बना रहे इसकी भी कोशिश हो सकती है.

प्रश्न: बैंक ने जो लोन दिया है टेलिकॉम को कहीं डूब तो नहीं जाएगा क्या लगता है?
उत्तर:
BSNL का जहां तक सवाल है. We are the least debted company in the whole industry. BSNL का डेब्ट सिर्फ 3 हजार 5 सौ करोड़ है. हमारे साथ तो बैंक हमें लोन देने के लिए तत्पर रहते हैं. इसलिए मुझे नहीं लगता कि इसमें घबराने की जरूरत है.

प्रश्न: MTNL और BSNL को मर्ज़ करने की बात हो रही है आप क्या सोचते हैं?
उत्तर:
MTNL और BSNL का मर्जर दोनों के लिए लाभदायक है खासतौर से BSNL का. MTNL पिछले कुछ वर्षों में काफी स्ट्रेस में रहा है वो अपने नेटर्वक में कोई डेवलेपमेंट नहीं कर पाया है उसका डेब्ट लगभग 20,000 करोड़ तक पहुंच चुका है जो मात्र 3,000 करोड़ की टॉप लाईन पर है.

प्रश्न: PM के डिजिटल इंडिया कैपेन में आप का रोल क्या है?
उत्तर: जुलाई 2015 में PM ने डिजिटल इंडिया की शुरूआत की थी इसमें सभी टेलिकॉम कंपनी ने आपना योगदान दिया है. इंडिया में सबसे ज्यादा जरूरी है ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ना इसके लिए भारत नेट के जरिए गांव को जोड़ा जा रहा है. डिजिटल इंडिया के प्रोजेक्ट में BSNL का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है और डिजिटल इंडिया देश को बदलने कि एक तरकीब है, एक मंत्र है जिसमें BSNL अपना पूरा रोल निभा रहा है.

प्रश्न: डीमोनेटाईजेशन का इसमें कोई इमपैक्ट?
उत्तर: शुरू-शुरू में इसका इमपैक्ट पड़ा था जिससे BSNL की एक्टिविटी में थोड़ी सी रूकावट आई थी पर BSNL को इससे फायदा ही हुआ है जहां कैश ट्रांसजैक्शन होता था वहां इलैक्ट्रॉनिक ट्रांसजैक्शन होने लगा इसके अलावा  हमने SBI के साथ मिल कर मोबाइल वॉलेट की शुरूआत की. 2006 और 2012 के बीच में बड़ी तेजी से गिरावट आई थी. पिछले दिनों हमने अपने मोबाइल के क्षेत्र में नए उपकरण लगाएं हैं. लगभग 40 हजार (DTS/BTS) लग चुके हैं. अगले दो वर्षों में इतने ही (DTS/BTS) लगाने जा रहे हैं. माननीय मंत्री जी ने त्वरित सेवा शुरू की है जिस पर कस्टमर अपनी समस्या बता सकता है और उस समस्या का समाधान तुरंत किया जाता है.

प्रश्न: इम्पल़ॉइज का स्पोर्ट मिल रहा है इस कैंपेन में?
उत्तर: इम्पल़ॉइज का पूरा स्पोर्ट है. इम्पल़ॉइज ने कॉनसेप्ट निकाला है सर्विस विद स्माईल. ये इस बात का सूचक है कि हम खुशी खुशी सर्विस देने में भरोसा रखते हैं. इसने लगभग BSNL के 2 लाख इम्पल़ॉइज की मानसिकता में परिवर्तन लाया है.

प्रश्न: How you rating PM of this country?
उत्तर: The best without any doubt....

 

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