संसद का बजट सत्र कल से, अध्यादेशों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
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संसद का बजट सत्र कल से, अध्यादेशों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष

सोमवार से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र के काफी हंगामेदार रहने की उम्मीद है जिसमें नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को ऊपरी सदन में अध्यादेशों के स्थान पर छह विधेयकों को पारित कराना सुनिश्चित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

संसद का बजट सत्र कल से, अध्यादेशों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष

नई दिल्ली : सोमवार से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र के काफी हंगामेदार रहने की उम्मीद है जिसमें नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को ऊपरी सदन में अध्यादेशों के स्थान पर छह विधेयकों को पारित कराना सुनिश्चित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी पराजय के बाद कई विपक्षी दलों ने वस्तुत: ‘अध्यादेश राज’ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और विशेष तौर पर भूमि कानून में बदलाव के खिलाफ उनका रूख सख्त है।

तीन महीने चलने वाले संसद सत्र के दौरान सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी। पिछले कुछ समय में कुछ भाजपा नेताओं, संघ परिवार के सदस्यों के विवादास्पद बयानों और मुद्रास्फीति समेत कई मुद्दों पर सरकार पर निशाना साधने के लिए विपक्षी दलों के पास कई विषय हैं।

सरकार ने जहां विभिन्न माध्यमों से विपक्षी नेताओं के साथ चर्चा की है, वहीं ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि विपक्ष ने उसे कोई राहत दी हो। संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने रविवार को दोपहर में संसद के दोनों सदनों के विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है ताकि संसद के बजट सत्र से पहले आपसी चर्चा की जा सके।

संसद के बजट सत्र के 23 फरवरी से शुरू होने से एक दिन पहले पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश गौतमबुद्ध नगर जिले के चाउरोली गांव में किसान महापंचायक को संबोधित करेंगे और भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर केंद्र सरकार पर निशाना साधेंगे। विभिन्न किसान संगठनों के साथ गांधीवादी अन्ना हजारे का जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने का कार्यक्रम है।

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने भी भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के खिलाफ हो रहे हजारे के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने की इच्छा जतायी है।

विवादास्पद भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर विरोध तेज करते हुए कांग्रेस ने 25 फरवरी को जंतर मंतर पर धरना देने का फैसला किया है जिसमें राहुल गांधी के शामिल होने की उम्मीद है।

अध्यादेश के जरिये भूमि कानून में बदलाव को ब्रिटिश राज के 1852 के कानून से भी बदतर करार देते हुए जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा था कि उनकी पार्टी निश्चित तौर पर संसद में इस मुद्दे को उठायेगी और इसका पुरजोर विरोध करेगी।

किसान रैली से किसान आंदोलन के पश्चिमी उत्तरप्रदेश में फैलने की उम्मीद व्यक्त करते हुए उत्तरप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि जब तक मोदी सरकार भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को वापस नहीं लेती, आने वाला बजट सत्र विरोध से भरा होगा।

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