संसद सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, नहीं पारित हो सका भूमि विधेयक
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संसद सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, नहीं पारित हो सका भूमि विधेयक

लोकसभा एवं राज्यसभा का मौजूदा सत्र आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया जिसमें हाल के वर्षों के दौरान रिकार्ड कामकाज हुआ लेकिन सरकार विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक एवं जीएसटी विधेयकों को विपक्ष के कड़े विरोध के कारण पारित कराने में विफल रही।

संसद सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, नहीं पारित हो सका भूमि विधेयक

नई दिल्ली : लोकसभा एवं राज्यसभा का मौजूदा सत्र आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया जिसमें हाल के वर्षों के दौरान रिकार्ड कामकाज हुआ लेकिन सरकार विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक एवं जीएसटी विधेयकों को विपक्ष के कड़े विरोध के कारण पारित कराने में विफल रही।

संसद का यह सत्र पिछले कुछ सालों के दौरान सबसे अधिक कामकाज वाला सत्र रहा जिसमें लोकसभा ने कामकाज के निर्धारित समय की तुलना में 117 प्रतिशत अधिक और राज्य सभा में 101 प्रतिशत अधिक कामकाज हुआ।

संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा, ‘बजट सत्र के दौरान पारित किये गये विधेयकों की संख्या का जहां तक सवाल है, दोनों सदनों द्वारा 24 विधेयक पारित किये गये जो पिछले पांच सालों में सर्वोत्तम है।’ विपक्ष के भारी विरोध के चलते भूमि अधिग्रहण विधेयक एवं जीएसटी विधेयक पारित नहीं हो पाया। भूमि अधिग्रहण विधेयक को जहां दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजा गया वहीं जीएसटी संबंधित विधेयक स्थायी समिति को भेजा गया।

लोकसभा में 23 फरवरी को शुरू हुआ बजट सत्र का पहला चरण 20 मार्च तक चला और एक महीने के अवकाश के बाद दूसरे चरण की बैठक 20 अप्रैल से शुरू हुई। इस दौरान लोकसभा ने रेल बजट और विभिन्न मंत्रालयों की लेखानुदानों की मांगों को मंजूरी देने के साथ 2015-16 के आम बजट को पारित किया।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बैठक को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में सदन के सुचारू संचालन के लिए सभी दलों के नेताओं को धन्यवाद दिया। बजट सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए जिनमें नागरिकता संशोधन विधेयक, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, मोटरयान संशोधन विधेयक, कोयला खनन (विशेष उपबंध) विधेयक, बीमा विधि (संशोधन विधेयक), किशोर न्याय (बालकों की संरक्षण और देखरेख) विधेयक, भारत और बांग्लादेश के बीच कतिपय राज्य क्षेत्रों के अर्जन और अंतरण को प्रभावी करने के लिए संविधान संशोधन विधेयक तथा काला धन (अप्रकटित विदेशी आय और आस्ति) कर अधिरोपण विधेयक प्रमुख हैं। सदन ने आज अंतिम दिन महत्वपूर्ण व्हिस्ल ब्लोअर विधेयक को भी अपनी मंजूरी प्रदान कर दी।

उधर, राज्यसभा का 23 अप्रैल से शुरू हुआ 235वां सत्र आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया और इस दौरान जहां संविधान संशोधन सहित 12 सरकारी विधेयक पारित किये गये वहीं 35 साल के अंतराल के बाद उच्च सदन में एक निजी विधेयक भी पारित किया गया। सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि 13 बैठकों वाले इस सत्र के दौरान चार ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के जरिये कार्यपालिका की जवाबदेही मांगी गयी।

सदस्यों की इन चर्चाओं में रूचिपूर्ण भागीदारी तथा इस तरह के और अवसरों की मांग ने और अधिक समय उपलब्ध कराये जाने की जरूरत को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव हो पायेगा जब सत्र की अवधि लंबी हो जैसा कि कई वर्ष पहले परंपरा रही थी। सत्र के दौरान 36 साल के अंतराल के बाद विपरीत लिंगी (ट्रांसजेंडर) व्यक्तियों के अधिकारों से संबंधित, द्रमुक के तिरूचि शिवा के निजी विधेयक को पारित किया गया।

गौरतलब है कि उच्च सदन के 234वें सत्र को लोकसभा के बजट सत्र के साथ ही आहूत किया गया था। लेकिन बजट सत्र के पहले चरण के संपन्न होने के बाद अवकाश अवधि में राज्यसभा के 234वें सत्र का सत्रावसान कर दिया गया। इसके बाद 23 अप्रैल से उच्च सदन का नया सत्र आहूत किया गया।

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