राज्‍यसभा में गूंजा बुलंदशहर गैंगरेप, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
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राज्‍यसभा में गूंजा बुलंदशहर गैंगरेप, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

राज्यसभा में बुधवार को विपक्षी सदस्यों ने उत्तरप्रदेश में बलात्कार की घटनाओं, खास कर बुलंदशहर जिले में एक मां और बेटी के साथ हुए सामूहिक बलात्कार का मुद्दा उठाया और सरकार से दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की।

नई दिल्ली : राज्यसभा में बुधवार को विपक्षी सदस्यों ने उत्तरप्रदेश में बलात्कार की घटनाओं, खास कर बुलंदशहर जिले में एक मां और बेटी के साथ हुए सामूहिक बलात्कार का मुद्दा उठाया और सरकार से दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की।

हालांकि बसपा और कांग्रेस सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने और राज्य सरकार पर कानून व्यवस्था की ओर समुचित ध्यान न देने का आरोप लगाए जाने पर समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। बैठक शुरू होने पर बसपा प्रमुख मायावती ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं और खासकर उत्तर प्रदेश में तो आए दिन इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि हाल ही में बुलंदशहर में मां और बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। उससे पहले शामली से एक छात्रा का अपहरण किया गया और इस घटना से पहले एक शिक्षिका को दिन दहाड़े उठा लिया गया। मायावती ने राज्य में कानून व्यवस्था ठप हो जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हैं और पुलिस प्रशासन अपराधों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहा है। कांग्रेस की रजनी पाटिल ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और अन्य अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई है। सदन को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और चर्चा कर कोई समाधान निकालना चाहिए।

रजनी ने कहा कि नोएडा से कानपुर जा रहे एक परिवार की महिलाएं बुलंदशहर में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुईं। मां और बेटी के साथ बरती गई क्रूरता दिल दहला देने वाली है। सपा की जया बच्चन ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कांग्रेस अब घड़ियाली आंसू बहा रही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार तथा अपराध अत्यंत गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है जिसका किसी भी कीमत पर राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। जया ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कई दिनों पहले नोटिस दिया था लेकिन उनका नोटिस स्वीकार ही नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कह रही हूं कि देश के कौन से हिस्से में ऐसी घटनाएं हो रही हैं। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार तथा अपराध अत्यंत गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है। मैं चाहती हूं कि इस पर तत्काल चर्चा हो और कोई समाधान निकाला जाए। मैं इसका राजनीतिकरण नहीं चाहती। इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस की अंबिका सोनी ने कहा कि इस घटना को लेकर राजनीति तो उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री कर रहे हैं।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ऐसी जघन्य घटना चाहे उत्तर प्रदेश में हो या देश के किसी अन्य हिस्से में हो, इसकी कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। नकवी ने कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है और उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले में कठोर कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि हम महिला सुरक्षा पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। कृपया नोटिस दीजिये, हम चर्चा करेंगे। इस पर जया बच्चन ने कहा कि आपको कानून कठोरता से लागू करना चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके। वरना यह सिलसिला चलता रहेगा। महिलाओं के खिलाफ बलात्कार, हिंसा, अपराध के बारे में हर दिन कहीं न कहीं से खबर आती है।

कांग्रेस सदस्यों के यह मुद्दा उठाते रहने पर उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि यह मुद्दा अत्यंत, अत्यंत गंभीर है और इसमें कोई शक नहीं है। हर सदस्य चर्चा करना चाहता है। इसमें कोई समस्या नहीं है, कृपया नोटिस दीजिये। माकपा के तपन कुमार सेन ने कहा कि इस मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा के लिए कुछ दिन पहले नोटिस दिया गया था जो सभापति के कार्यालय में लंबित है। कुरियन ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ ज्यादती पर चर्चा की जा सकती है। सरकार भी चर्चा के लिए तैयार है। सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि जया बच्चन ने एक माह पहले इस मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा के लिए नियम 176 के तहत नोटिस दिया था। कुरियन ने कहा कि वह देखेंगे और अगर ऐसा कोई नोटिस हुआ तो वह चर्चा कराएंगे।

अग्रवाल ने कहा कि बुलंद शहर की घटना के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्काल कार्रवाई की जिसकी पूरे देश ने सराहना की है। अगर इस मुद्दे पर राजनीति की जाती है तो हम भी राजनीति करेंगे। बसपा के सतीशचंद्र मिश्र ने कहा कि घटना का मुख्य आरोपी तो अब तक गिरफ्तार नहीं हुआ है। कुरियन ने कहा कि अगर सदस्य महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं तो नोटिस दें। उन्होंने सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने का अनुरोध किया। इसके बाद सदस्यों ने लोक महत्व से जुड़े विभिन्न मुद्दे शून्यकाल के तहत उठाए।

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