'कांग्रेस हड़पना चाहती थी I.N.D.I.A. का नेतृत्व', JDU नेता केसी त्यागी ने बताई अंदर की बात
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'कांग्रेस हड़पना चाहती थी I.N.D.I.A. का नेतृत्व', JDU नेता केसी त्यागी ने बताई अंदर की बात

Bihar Political Crisis: नीतीश कुमार की पार्टी ने साफ कर दिया है कि उन्होंने इंडिया गठबंधन का साथ क्यों छोड़ा? केसी त्यागी ने कांग्रेस पर साजिश करने का आरोप लगाया है.

'कांग्रेस हड़पना चाहती थी I.N.D.I.A. का नेतृत्व', JDU नेता केसी त्यागी ने बताई अंदर की बात

KC Tyagi Big Disclosure: नीतीश कुमार (Nitish Kumar) राज्यपाल को इस्तीफा दे चुके हैं. I.N.D.I.A. से अपना गठबंधन तोड़ चुके हैं. बिहार में नई सरकार बनाने की कवायद भी शुरू हो गई है. इस बीच, जेडीयू के दिग्गज ने नेता केसी त्यागी (KC Tyagi) ने बड़ा खुलासा किया है. केसी त्यागी ने बताया कि कांग्रेस इंडिया गठबंधन का नेतृत्व हड़पना चाहती थी. ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल के जरिए मल्लिकार्जुन खरगे का नाम आगे करके कांग्रेस ने चाल चली थी. हालांकि, खरगे ने बाद में खुद मना कर दिया था कि वो पीएम कैंडिडेट नहीं बनेंगे.

नीतीश ने क्यों तोड़ा गठबंधन?

जेडीयू नेता केसी त्यागी ने बताया कि नीतीश कुमार ने सबको साथ लाकर इंडिया गठबंधन बनाया था. देशभर में घूम-घूमकर सबको साथ लाए. पहले ही तय हो गया था कि इंडिया गठबंधन बिना पीएम कैंडिडेट घोषित किए ही लोकसभा चुनाव लड़ेगा. लेकिन कांग्रेस के मन में खोट था. उन्होंने इंडिया का नेतृत्व हड़पने के लिए खरगे का नाम आगे किया था. माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन में बात नहीं बनने से नीतीश कुमार नाराज थे. कांग्रेस का रवैया उन्हें अखरा था.

कांग्रेस के सामने है अस्तित्व का संकट

केसी त्यागी ने ये भी आरोप लगाया कि कांग्रेस, क्षेत्रीय पार्टियों के नेतृत्व को खत्म करना चाहती है. उन्होंने कहा कि, चाहे ममता बनर्जी की पार्टी हो, समाजवादी पार्टी हो, जेडीयू हो, शरद पवार की पार्टी हो या कोई और, ये सभी पार्टियां कांग्रेस से लड़कर ही बनी हैं. कांग्रेस इस वक्त सर्वावाइल के दौरे में हैं. पिछले दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष बनाने तक के लिए जरूरी सीटें नहीं ला पा रही है. कांग्रेस के सामने अस्तित्व का संकट है. इसलिए वो क्षेत्रीय पार्टियों की लीडरशिप को खत्म करना चाहती है.

2024 चुनाव के पहले नीतीश की पलटी क्यों?

हालांकि, अब ये भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन का पीएम कैंडिडेट बनना चाहते थे. लेकिन जब ऐसा नहीं हो सका और नीतीश को ये भी आशंका थी कि बीजेपी केंद्र में फिर से आ सकती है. इसलिए उन्होंने 2024 के चुनाव के पहले एनडीए के साथ आने का फैसला किया है.

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