सुषमा स्वराज के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार प्रस्ताव, सदन को गुमराह करने का मामला
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सुषमा स्वराज के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार प्रस्ताव, सदन को गुमराह करने का मामला

सूत्रों ने कहा कि सुषमा ने जहां दावा किया था कि उन्होंने बानडुंग सम्मेलन में कोई भाषण नहीं दिया, वहीं विपक्षी दलों ने उनके कथित भाषण को डाउनलोड किया और इसे साक्ष्य के तौर पर संलग्न किया.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की फाइल फोटो.

नई दिल्ली: भारत की विदेश नीति पर कथित तौर पर सदन को गलत सूचना देने के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने शुक्रवार (4 अगस्त) को राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया. यह प्रस्ताव कथित तौर पर ‘‘बानडुंग एशिया अफ्रीका संबंधों पर सम्मेलन और 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाहौर दौरे के बारे में गलत जानकारी देने’’ को लेकर दिये गए हैं.

सूत्रों ने कहा कि सुषमा ने जहां दावा किया था कि उन्होंने बानडुंग सम्मेलन में कोई भाषण नहीं दिया, वहीं विपक्षी दलों ने उनके कथित भाषण को डाउनलोड किया और इसे साक्ष्य के तौर पर संलग्न करेंगे.

दूसरा विशेषाधिकार प्रस्ताव कथित तौर पर ‘‘2015 में मोदी के लाहौर दौरे को लेकर सदन को गलत जानकारी देने को लेकर है, जिसमें दावा किया था कि उसके बाद से कोई आतंकी घटना नहीं हुई.’’ विपक्ष ने हालांकि इससे इत्तेफाक न जताते हुये कहा कि मोदी के दौरे के तत्काल बाद पठानकोट आतंकी हमला हुआ था और पांच और घटनायें भी हुईं.

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