वंशानुगत संघर्ष की निरूपम की टिप्पणी से कांग्रेस में कई नाराज
Advertisement

वंशानुगत संघर्ष की निरूपम की टिप्पणी से कांग्रेस में कई नाराज

मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरूपम की पीढ़ीगत संघर्ष के बारे में टिप्पणी से कई नेताओं में नाराजगी है जो राहुल गांधी को पार्टी के अंदर ‘समूह नेता’ के तौर पर पेश करने का प्रयास कर रहे हैं।

वंशानुगत संघर्ष की निरूपम की टिप्पणी से कांग्रेस में कई नाराज

नई दिल्ली : मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरूपम की पीढ़ीगत संघर्ष के बारे में टिप्पणी से कई नेताओं में नाराजगी है जो राहुल गांधी को पार्टी के अंदर ‘समूह नेता’ के तौर पर पेश करने का प्रयास कर रहे हैं।

उनका कहना है कि पिछले वर्ष लोकसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार के बाद इसे फिर से उर्जान्वित करने के प्रयास को नुकसान पहुंचेगा।

पार्टी महासचिव शकील अहमद ने इस तरह के प्रयासों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी कांग्रेस के अंदर समूह नेता नहीं हैं। वह पूरी कांग्रेस के नेता हैं। यह मीडिया में बनाई गई छवि है।’’ अहमद ने कहा कि जो कोई भी सोचता है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष केवल युवाओं को आगे बढ़ा रहे हैं उन्हें जानना चाहिए कि गुजरात के पीसीसी अध्यक्ष (भरत सिंह सोलंकी) और केरल के अध्यक्ष (वी. एम. सुधीरन) की उन्होंने नियुक्ति की जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है जबकि महाराष्ट्र (अशोक चव्हाण) और तेलंगाना (एन. उत्तम कुमार रेड्डी) के अध्यक्ष की उम्र साठ के करीब है।

पार्टी के एक अन्य नेता मनीष तिवारी ने भी निरूपम की टिप्पणी पर नाखुशी जताई कि ‘‘नये राज्य अध्यक्षों’’ को पुराने नेताओं से कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है जिससे कांग्रेस की सांगठनिक मजबूती पर असर पड़ रहा है। निरूपम ने इसे सीधे तौर पर नहीं कहा लेकिन उनका इशारा मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में पीसीसी प्रमुखों को जिस तरीके से गुटबाजी का सामना करना पड़ रहा है, उस तरफ था।

तिवारी ने कहा, ‘‘नेतृत्व एक सतत् प्रक्रिया है। इसमें लोगों का गला नहीं काटा जा सकता। सार्वजनिक जीवन में सम्मान मिलता है मांगा नहीं जाता।’’ इसके अलावा उन्होंने कहा कि ‘‘कोई पुराना गार्ड, नया गार्ड, पिछला गार्ड या अगला गार्ड नहीं है। हर किसी को राजनीति में खुद के लिए स्थान बनाना पड़ता है और उसके लिए कोई कुछ नहीं करता।’’

Trending news