फिर बढ़ाया जा सकता है सोनिया गांधी का कार्यकाल
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फिर बढ़ाया जा सकता है सोनिया गांधी का कार्यकाल

कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक मंगलवार को यहां होगी, जिसमें पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के कार्यकाल को बढ़ाने को लेकर फैसला किया जाएगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार, सोनिया गांधी का कार्यकाल एक से तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। वहीं, इस बैठक के दौरान भूमि विधेयक तथा दो मुख्यमंत्रियों समेत भाजपा नेताओं के गलत कामों आदि मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने के के बारे में विचार विमर्श किया जाएगा। पार्टी ने भूमि विधेयक पर मोदी सरकार को कदम वापस खींचने के लिए मजबूर किया था।

फिर बढ़ाया जा सकता है सोनिया गांधी का कार्यकाल

नई दिल्ली : कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक मंगलवार को यहां होगी, जिसमें पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के कार्यकाल को बढ़ाने को लेकर फैसला किया जाएगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार, सोनिया गांधी का कार्यकाल एक से तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। वहीं, इस बैठक के दौरान भूमि विधेयक तथा दो मुख्यमंत्रियों समेत भाजपा नेताओं के गलत कामों आदि मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने के के बारे में विचार विमर्श किया जाएगा। पार्टी ने भूमि विधेयक पर मोदी सरकार को कदम वापस खींचने के लिए मजबूर किया था।

पार्टी के सू़त्रों ने बताया कि पिछले 18 साल से कांग्रेस का नेतृत्व कर रही सोनिया का मौजूदा कार्यकाल इस दिसंबर में समाप्त हो रहा है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि जनवरी 2013 में पार्टी उपाध्यक्ष बनाए गए राहुल गांधी पार्टी प्रमुख का जिम्मा लेने को अभी तैयार नहीं हैं। इस बात की भी चर्चा है कि बिहार चुनाव से पहले नेतृत्व में बदलाव से प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि पार्टी के संविधान में संशोधन कर इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यकाल को घटाने तथा संगठनात्मक चुनाव जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।

कुछ माह पहले अवकाश मना कर राहुल के लौटने के बाद से पार्टी में इस बात को लेकर चर्चा बढ़ गयी थी कि उन्हें शीर्ष पद पर लाया जा सकता है। बहरहाल, कांग्रेस के केन्द्रीय चुनाव प्राधिकार ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव को एकाएक रद्द कर दिया जो सितंबर-अक्‍टूबर में होने निर्धारित थे। एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सोनिया का कार्यकाल एक साल बढ़ाने का प्रस्ताव सीडब्ल्यूसी बैठक में पेश किया जा सकता है और उसे मंजूरी दी जाएगी। सीडब्ल्यूसी पार्टी की निर्णय करने वाली सर्वोच्च निकाय है। अगले संगठनात्मक चुनाव का कार्यक्रम अगले साल किसी समय तय किया जा सकता है। इन चुनावों में राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है।

गौर हो कि यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब कुछ ही दिन पहले सरकार ने चौतरफा विरोध को भांपते हुए भूमि संबन्धी अध्यादेश को फिर से जारी नहीं करने का निर्णय किया और इसे चौथी बार अधिसूचित नहीं किया गया। पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा था कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा होगी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार पर ललित मोदी विवाद को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज एवं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा व्यापमं घोटाले को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग को लेकर फिर से हमला किये जाने की संभावना है। संसद के भीतर एवं बाहर विपक्ष के साथ भाजपा जिस तरह टकराव की राजनीति का सहारा ले रही है, उसका कांग्रेस नेता काफी मुखरता से विरोध करते आये हैं। पार्टी पाकिस्तान को लेकर सरकार की विदेश नीति के तौर तरीकों से भी प्रसन्न नहीं है।

बता दें कि कांग्रेस ने दिसंबर 2010 में अपने पूर्ण अधिवेशन में अपने अध्यक्ष के कार्यकाल को तीन से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया था। इस बात की संभावना है कि इस कार्यकाल को घटाकर फिर से तीन वर्ष किया जा सकता है। कांग्रेस को दिसंबर तक अपना अध्यक्ष चुनना है क्योंकि तब तक सोनिया गांधी का मौजूदा कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। पार्टी सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी को अपनी मां से बागडोर संभालने की उम्मीद है लेकिन वे अभी यह जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं हैं।

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