चक्रवात ओखी: मौत के भंवर से बचकर आए मछुआरे, सुनाई आपबीती
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चक्रवात ओखी: मौत के भंवर से बचकर आए मछुआरे, सुनाई आपबीती

समीप के पुंथारा के एक मछुआरे स्टीफन ने कहा कि पहली बार बचाव के लिए आयी एक नौका की नजर उनपर नहीं पड़ी और वह बेबसी से बस देखते और चिल्लाते रह गए.

भीषण चक्रवात ओखी के असर के बाद कोझीकोड में समुद्री किनारे पर निगरानी करता एक पुलिस. (PTI/2 Dec, 2017)

तिरुवनंतपुरम: केरल के मछुआरे समुद्र की तूफानी लहरों से पहली बार नहीं गुजरे हैं, लेकिन भीषण चक्रवात ओखी से इस बार उनका ऐसा सामना हुआ कि कई अब तक सदमे में हैं. बिना पानी और भोजन के अशांत समुद्र में फंसे बेबस मछुआरों की नजर मदद की राह देख रही थी. इसके बाद कई मछुआरों को सुरक्षित तट पर लाया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया. लहरों के बीच साक्षात मौत को देखकर कई मछुआरे अब तक सदमे से उबर नहीं पाए हैं. समीप के पुंथारा के एक मछुआरे स्टीफन ने कहा कि पहली बार बचाव के लिए आयी एक नौका की नजर उनपर नहीं पड़ी और वह बेबसी से बस देखते और चिल्लाते रह गए.

सरकारी चिकित्सा कॉलेज अस्पताल में यहां उपचार करा रहे स्टीफन ने कहा, ‘‘पहली बार हमने इतनी खतरनाक लहरों और अशांत समुद्र का सामना किया. सौभाग्य से बचाव वाली नौका वापस आयी और हमें बचाया गया.’’ नींदाकारा के एक और मछुआरे टाइटस ने कहा कि उन्होंने समुद्र का जैसा खतरनाक रूप देखा, वैसा तो फिल्मों में भी नहीं देखा था. उन्होंने कहा कि तूफानी हवाएं उन्हें समुद्र में फेंकने पर उतारू थीं और वह बचाव टीम के आने तक नौका के एक हिस्से को किसी तरह पकड़ कर जान बचा रहे थे.

केरल, लक्षद्वीप तट के पास से 531 मछुआरे बचाए गए 
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार (2 दिसंबर) को कहा कि चक्रवात ओखी के कारण केरल और लक्षद्वीप तट के पास समुद्र में फंसे 531 मछुआरों को बचाया गया. विजयन ने कहा कि केरल से अब तक 393 लोगों को बचाया गया है. राज्य सरकार ने तूफान में मारे गए लोगों के परिजन को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है.

विजयन ने संवाददाताओं से कहा कि बचाए गए 132 मछुआरे राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम के, 66 कोझिकोड के, 55 कोल्लम के, 40 त्रिसूर के और 100 कन्याकुमारी के हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा 138 मछुआरों को लक्षद्वीप द्वीपसमूह से बचाया गया. विजयन ने कहा कि 10 लाख रुपये का मुआवजा मत्स्य विभाग द्वारा चार लाख रुपये की वित्तीय सहायता के अतिरिक्त होगा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लक्षद्वीप के 10 द्वीपों में 31 राहत शिविर खोले गए हैं. अब तक 1047 लोगों को राहत शिविरों तक पहुंचाया गया.

समुद्र की स्थिति पर तटरक्षक ने जारी किया परामर्श
मंगलुरु में चक्रवात ओखी की वजह से समुद्र की स्थिति अशांत रहने की आशंका के मद्देनजर मछुआरों, पर्यटकों और तटीय आबादी को अगले 48 घंटे तक समुद्र से दूर रहने की सलाह दी गई है. तटरक्षक के परामर्श में कहा गया है कि समुद्र में जाने से पहले टेलीविजन, रेडियो, अखबारों और स्मार्ट फोन के एप्लीकेशनों पर मौसम और समुद्र की स्थिति के बारे में जानकारी ले लेना चाहिए.

परामर्श के मुताबिक, वाणिज्यिक पोतों को भी सतर्क रहना चाहिए और ओखी चक्रवात के रास्ते से बचना चाहिए. विभिन्न नौसैनिक और तटरक्षक पोत तथा विमान खोज एवं बचाव सेवाएं देने के लिए समुद्र में गश्त पर हैं. परामर्श में यह भी कहा गया है कि वाणिज्यिक पोतों एवं मछली पकड़ने वाली नौकाओं को जरूरत पड़ने पर एक दूसरे की मदद करनी चाहिए ताकि लोगों की जान बचाई जा सके.

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