दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को बताया कि वह 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में 21 दिसंबर को फैसला सुनाएगी. इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) राज्यसभा सांसद कनिमोझी जमानत पर रिहा हैं.
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नई दिल्लीः दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को बताया कि वह 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में 21 दिसंबर को फैसला सुनाएगी. इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) राज्यसभा सांसद कनिमोझी जमानत पर रिहा हैं. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ.पी.सैनी 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से संबद्ध दो अलग-अलग मामलों पर सुनवाई कर रहे हैं. एक मामले की जांच सीबीआई जबकि दूसरे का प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है.
अदालत में इस मामले पर अंतिम जिरह 26 अप्रैल को समाप्त हो गई थी. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मुताबिक, डी.राजा दूरसंचार कंपनियों को 2जी मोबाइल एयर वेव्ज और लाइसेंसों के आवंटन को लेकर पक्षपाती थे, जिससे राजस्व को भारी नुकसान हुआ है. सीबीआई के आरोपपत्र के मुताबिक, स्वान टेलीकॉम को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के बदले डीबी समूह से कलाइगनर टीवी को 22 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए.
I am not a judge, I am a law abiding citizen, I faced trial & have faith in the judiciary; A. Raja, one of the accused in 2G scam case on being asked about his expectations about verdict pronouncement on 21 December. pic.twitter.com/hLrWOTTttZ
— ANI (@ANI) December 5, 2017
इस मामले में एक आरोपी पूर्व संचार मंत्री और डीएमके नेता ए राजा से जब 21 दिसंबर को फैसला आने पर प्रतिक्रिया देने का कहा गया तो उन्होंने कहा कि, 'मै जज नहीं हूं, मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं, कोर्ट की कार्रवाई का समाना कर रहा हूं, न्यायपालिका पर भरोसा है'
ईडी ने धनशोधन (मनी लांड्रिंग) के संबंध में एक अलग मामला दर्ज किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि राजा, कनिमोझी, डीएमके सुप्रीमो एम.करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल और अन्य के खिलाफ षडयंत्र रचने का आरोप लगाया गया, जिसके बदले 200 करोड़ रुपये बतौर घूस दिए गए.
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अदालत 2जी मामले में एस्सार और लूप के खिलाफ 21 दिसंबर को फैसला सुनाएगा. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि एस्सार समूह के प्रमोटर्स स्पेक्ट्रम के वास्तविक निवेशक और लाभार्थी थे, जबकि लाइसेंस लूप टेलीकॉम को जारी किए गए. एस्सार और लूप के प्रमोटर्स पर स्पेक्ट्रम लाइसेंस हासिल करने के लिए सरकार के साथ धोखाधड़ी करने को लेकर मुकदमा चल रहा है. हालांकि, सभी आरोपियों ने इन आरोपों से इनकार कर दिया है.