पिछले सप्ताह केजरीवाल ने सिलिंग मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के साथ बैठक के लिए समय मांगा था.
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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजधानी में चल रहे सीलिंग अभियान का कोई समाधान निकालने के लिए सप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त निगरानी समिति के साथ एक सर्वदलीय बैठक आयोजित करेंगे. एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली सचिवालय में समिति के साथ होने वाली इस बैठक में कांग्रेस और भाजपा के नेताओं को आमंत्रित किया है. पिछले सप्ताह केजरीवाल ने सिलिंग मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के साथ बैठक के लिए समय मांगा था.
अधिकारी ने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री के हाल में किये गये अनुरोध पर समिति के प्रतिनिधि सीलिंग मुद्दे पर बैठक के लिए दिल्ली सचिवालय आयेंगे. मुख्यमंत्री ने इस बैठक में शामिल होने के लिए भाजपा और कांग्रेस को भी आमंत्रित किया है. ’’ केजरीवाल ने इस महीने की शुरूआत में राजधानी में चल रहे सीलिंग अभियान का समाधान निकालने के लिए एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की थी.
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गत 13 मार्च को मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक के दौरान आप और कांग्रेस ने इस बात पर सहमति जताई थी कि वे सिलिंग अभियान के खिलाफ अपने सांसदों के माध्यम से संसद में आवाज उठायेंगे.
मास्टर प्लान में संशोधन
बता दें कि मंत्रालय ने गत तीन फरवरी को मास्टर प्लान में संशोधन प्रस्तावों पर जनता से सात फरवरी तक अपने सुझाव और आपत्तियां देने को कहा था. इस दौरान जनता से 741 सुझाव मिलने के अलावा आरडब्ल्यूए और एनजीओ आदि से 210 मौखिक प्रतिवेदन भी मिले. इनके आधार पर मंत्रालय ने सभी संबद्ध पक्षों से विस्तृत विचार विमर्श कर संशोधन की सिफारिश की है.
उल्लेखनीय है कि आवासीय क्षेत्रों में मिश्रित उपयोग वाली संपत्तियों के आसपास पिछले 12 सालों में किये गये अनधिकृत निर्माण के खिलाफ उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त निगरानी समिति की देखरेख में दिसंबर 2017 में सीलिंग की कार्रवायी शुरु की गयी थी. केन्द्र सरकार ने साल 2006 में दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 में संशोधन कर राजधानी के विभिन्न इलाकों में 2183 गलियों और 355 सड़कों पर आवासीय संपत्तियों के मिश्रित उपयोग की इजाजत दी थी. सितंबर 2006 में संशोधित मास्टर प्लान को सात फरवरी 2007 को अधिसूचित किया गया था.
इनपुट भाषा से भी