Delhi coaching centres: अपना सपना, मनी-मनी.. कोचिंग सेंटर्स के 'ब्लैक बिजनेस' का स्टिंग ऑपरेशन
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Delhi coaching centres: अपना सपना, मनी-मनी.. कोचिंग सेंटर्स के 'ब्लैक बिजनेस' का स्टिंग ऑपरेशन

Delhi coaching centres: रियल कोटा फैक्ट्री के जरिये हमने कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले कोचिंग इंस्टीट्यूट्स की गैरकानूनी नीतियों के खिलाफ बाकायदा एक मुहिम चलाई थी. जिसके बाद सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले इंस्टीट्यूट्स के लिए नियम कायदे जारी किये थे. लेकिन क्या कोचिंग इंस्टीट्यूट्स उनका पालन कर रहे हैं.

Delhi coaching centres: अपना सपना, मनी-मनी.. कोचिंग सेंटर्स के 'ब्लैक बिजनेस' का स्टिंग ऑपरेशन

Delhi coaching centres: रियल कोटा फैक्ट्री के जरिये हमने कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले कोचिंग इंस्टीट्यूट्स की गैरकानूनी नीतियों के खिलाफ बाकायदा एक मुहिम चलाई थी. जिसके बाद सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले इंस्टीट्यूट्स के लिए नियम कायदे जारी किये थे. लेकिन क्या कोचिंग इंस्टीट्यूट्स उनका पालन कर रहे हैं. इसका पता लगाने के लिए ज़ी न्यूज़ की अंडरकवर रिपोर्टिंग टीम ने दिल्ली में तीन बड़े नामी कोचिंग सेंटर्स का रियलिटी चेक किया है. ज़ी न्यूज़ के खुफिया कैमरे पर कोचिंग सेंटर्स का जो सच सामने आया है..वो बेहद हैरान कर देने वाला है.

कोचिंग सेंटर्स की मनमानी

सरकार ने जो Guidelines प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले Coaching Centres के लिए बनाईं गईं थीं. इन नियमों को तय करते समय सरकार का कहना था कि नई गाइडलाइंस का मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले ऐसे कोचिंग सेंटर्स की मनमानी पर नकेल कसना है. लेकिन क्या ऐसा हो पाया है? इसका पता लगाने के लिए Zee News ने देश के तीन नामी कोचिंग सेंटर्स का स्टिंग किया है और इस स्टिंग ऑपरेशन में जो खुलासा हुआ है वो हैरान कर देने वाला है.

उड़ा रहे नियमों की धज्जियां

सरकारी नियम है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले कोचिंग सेंटर्स 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों को Admission नहीं दे सकते. लेकिन कोचिंग इंस्टीट्यूट 16 साल से कम उम्र के छात्रों का एडमिशन ले रहे हैं. सरकारी नियम है कि कोई भी छात्र Tenth Class पास करने के बाद ही कोचिंग सेंटर में Admission ले सकता है. लेकिन कोचिंग इंस्टीट्यूट नौंवी क्लास के बच्चों को भी एडमिशन दे रहे हैं.

छात्रों का डमी एडमिशन

स्कूल की Classes के समय छात्रों की Coaching Class नहीं होनी चाहिए. लेकिन कोचिंग इंस्टीट्यूट्स अभी भी अपने छात्रों का डमी एडमिशन करवा रहे हैं. और ये बात हम सिर्फ दावों और आरोपों के आधार पर नहीं कर रहे. अपने दावे को साबित करने के लिए अब हम एक-एक करके आपको दिल्ली के तीन कोचिंग इंस्टीट्यूट्स का स्टिंग ऑपरेशन आपको दिखाएंगे. जिसकी शुरुआत हम देश के नामी Allen Institute से करेंगे. जो NEET और IIT-JEE की कोचिंग करवाता है. लेकिन भारत सरकार के नियम और कानूनों की धज्जियां भी उड़ाता है.

इसी हकीकत का पर्दाफाश करने के लिए Zee News की अंडरकवर रिपोर्टिंग टीम दिल्ली के लाजपत नगर में एलन इंस्टीट्यूट पहुंची. जहां इंस्टीट्यूट के एग्जीक्यूटिव से हमने अभिभावक बनकर बातचीत शुरु की.

हमारा सबसे पहला सवाल था- क्या एलन इंस्टीट्यूट में नौंवी क्लास के छात्रों को कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स की तैयारी करवाई जाती है?

एलन एग्जीक्यूटिव - एडमिशन के लिए पता करना है ?
रिपोर्टर - हां, हां
एलन एग्जीक्यूटिव - कौन सी क्लास के लिए ?

रिपोर्टर- Basically, ये मेरे भाई हैं. ये बिहार सिवान से आए हैं इनके दो बच्चे हैं . एक बच्चा आठवीं पास करके नौंवीं में जाएगा और एक बच्चा दसवीं पास करके ग्यारहवीं में जाएगा. उन दोनों के लिए बात करनी है. आपके पास क्या ऑप्शन है ?

एलन एग्जीक्यूटिव- एक बच्चा आपका 9th में जा रहा है

रिपोर्टर - आठवीं पास करके 9th में जा रहा है.

सरकारी नियम है कि कोई भी कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स कोचिंग इंस्टीट्यूट. दसवीं पास से कम किसी बच्चे का एडमिशन नहीं ले सकते. हमें लगा कि नौंवी क्लास वाले बच्चे का एडमिशन लेने से एलन इंस्टीट्यूट मना कर देगा. लेकिन Zee News के खुफिया कैमरे पर एलन इंस्टीट्यूट के एग्जीक्यूटिव ने सबसे पहले नौंवी क्लास के बच्चे को ही एडमिशन का ऑफर कर दिया.

एलन एग्जीक्यूटिव - पहले मैं 9th के लिए बता देता हूं. 9th में हमारे दो तरह के प्रोग्राम चलते हैं. एक होता है फाउंडेशन कोर्स. फाउंडेशन कोर्स Focus करता है आपके स्कूल के Syllabus पर और कुछ Basic Level Competition का होता है, तो इस केस में आपके पास दो Option है. Batch दो तरीके से चलते हैं. एक चलता है Evening में, जिसमें हफ्ते में बच्चों को 3 दिन आना होता है. Tuesday से Friday के बीच में इसमें आपको Timing रहेगा शाम को 4:00 बजे से लेकर 8:00 तक..

Zee News के खुफिया कैमरे पर एलन इंस्टीट्यूट ने सच कबूल कर लिया..और सच ये है कि एलन इंस्टीट्यूट में सरकारी नियमों के खिलाफ जाकर नौंवी क्लास के बच्चों को कोचिंग दी जा रही है?

अब हमारा दूसरा सवाल ये था कि..

क्या एलन इंस्टीट्यूट, अपने छात्रों का स्कूलों में डमी एडमिशन करवाता है?

हमने एलन इंस्टीट्यूट के एग्जिक्यूटिव से इस बारे में बातचीत शुरु की..

रिपोर्टर- क्या कोई एडमिशन का सिस्टम है आपके यहां ?
एलन एग्जीक्यूटिव- मतलब कि कैसे ?

रिपोर्टर- स्कूलिंग तो कहीं से करना पड़ेगा, कहीं ना कहीं से ना
एलन एग्जीक्यूटिव - स्कूलिंग के लिए आप देख सकते हो

रिपोर्टर- मैडम, दिल्ली में एडमिशन इतना आसान कहां होता है
एलन एग्जीक्यूटिव- सर, मैं एक काम कर सकती हूं मेरे पास एक स्कूल है समर फील्ड

रिपोर्टर- समर बिला ?
एलन एग्जीक्यूटिव- समर फील्ड. इसमें आपका एडमिशन हो जाएगा 9th के लिए भी हो जाएगा और 11th के लिए भी हो जाएगा.

ज़ी न्यूज़ के खुफिया कैमरे पर एलन इंस्टीट्यूट के स्टाफ ने माना कि अगर बच्चे का एडमिशन उनके इंस्टीट्यूट में होता है तो उस बच्चे का स्कूल में डमी स्टूडेंट के तौर पर एडमिशन करवा दिया जाएगा.

एलन एग्जीक्यूटिव - इसमें क्या रहेगा, हमारे प्रोग्राम शुरू है स्कूल इंटीग्रेटेड प्रोग्राम शुरू है, आप इस पर भी फोकस कर सकते हो
रिपोर्टर- इसमें क्या होता है मैम ?

एलन एग्जीक्यूटिव - इसमें यह होता है कि बच्चों को कहीं भी एडिशनल यहां आने की जरूरत नहीं है, स्कूल टाइमिंग में ही अपना कंपटीशन लेवल भी कर कर रहा है.
रिपोर्टर- वह कैसे होगा ? क्योंकि एडमिशन यहां करेंगे, टीचर तो यहां के होंगे ?

एलन एग्जीक्यूटिव - सर, एलन का टाइअप हुआ है स्कूल से. एलन के साथ टाइअप हुआ है. उसमें क्या होगा कि हमारे कोर्स की जो फीस है वह तो हम लेंगे. स्कूल की फीस आपकी मुझे लगता है 11th की 9100 पर महीना जाएगा, 9100 पर महीना.
रिपोर्टर- अच्छा स्कूल का फीस

एलन एग्जीक्यूटिव- स्कूल का फीस देना पड़ेगा, इसमें स्कूल में बच्चे का एडमिशन हो जाएगा. वह क्लासेस भी चलता रहेगा.

यानी एलन इंस्टीट्यूट स्कूलों में डमी एडमिशन भी करवा देता है. और स्कूल में जाए बिना स्कूल में अटेंडेंस की पूरी जिम्मेदारी भी लेता है...

रिपोर्टर- और यह डमी स्टूडेंट का क्या रहेगा ?
एलन एग्जीक्यूटिव- डमी स्टूडेंट का रहेगा की वीक में चार से पांच दिन आएगा.

रिपोर्टर- यहां पर केंद्र पर 8:30 सुबह के शाम के 3:30 बजे तक.
एलन एग्जीक्यूटिव- हां जी.

रिपोर्टर- और स्कूलिंग के लिए कोई स्कूल ?
एलन एग्जीक्यूटिव- स्कूलिंग के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है कोई एक्स्ट्रा ट्यूशन की जरूरत नहीं है. बच्चा यहां पर पढेगा और सेल्फ स्टडी करेगा.

रिपोर्टर- और स्कूलिंग में जहां आप लोग एडमिशन कराएंगे, वहां पर एग्जाम देने जाना होगा?
एलन एग्जीक्यूटिव- वहां पर सिर्फ फाइनल में जाना पड़ेगा, 11th में कहीं नहीं जाना है.

यानी स्कूल में बच्चे का नाम भी लिखवा दिया जाएगा. बच्चे को स्कूल जाना भी नहीं है. नौंवी या ग्यारहवीं के तो कोई एग्जाम ही नहीं देने हैं. दसवीं या बारहवीं में भी सिर्फ फाइनल बोर्ड एग्जाम देने होंगे.

अब सवाल ये था कि आखिर वो कौन से स्कूल हैं जहां एलन इंस्टीट्यूट्स डमी एडमिशन करवा रहा है?

इस सवाल का जवाब मिला हमें एलन इंस्टीट्यूट के डिप्टी मैनेजर आनंद कुमार यादव से. जिन्होंने बताया कि वो दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल में भी अपने इंस्टीट्यूट के बच्चों का डमी एडमिशन करवाते हैं.

आनंद कुमार यादव, डिप्टी मैनेजर, Allen Institute- ये DPPS स्कूल है, दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल, वहां भी आपका करवा देंगे, क्योंकि वहां क्या होता है की दिल्ली पुलिस के लोगों का ट्रांसफर होता है तो सीटें खाली हो जाती हैं, तो वहां आप एडमिशन करवा लोगे, लेकिन फीस का पैरामीटर दिल्ली के स्कूलों में लगभग लगभग यही रहेगा.

रिपोर्टर - तो सर वहां क्लास करना होगा ?

आनंद कुमार यादव, डिप्टी मैनेजर, Allen Institute - कहां पर ?
आनंद कुमार यादव, डिप्टी मैनेजर, Allen Institute - दिल्ली, जो स्कूल बोल रहे हैं
आनंद कुमार यादव, डिप्टी मैनेजर, Allen Institute - नहीं लेकिन वो तो कॉर्डिनेशन, बच्चा एग्जाम तो लिखेगा ही, टेस्ट तो लिखेगा ही, वो तो रेगुलर होते हैं. मेरी बेटी यहां है वो कर रही है, मेरा बेटा भी वहीं था तो जब हम लोग पढ़ाते हैं, तो हमारा रिजल्ट से मतलब होता है, स्कूल को अगर Excellent Result मिलता है, तो उसे ज्यादा दिक्कत नहीं होती है अटेंडेंस होती रहती है

रिपोर्टर - फिर भी सर अटेंडेंस का लफड़ा रहता है ना ?
आनंद कुमार यादव, डिप्टी मैनेजर, Allen Institute - वहां पर टीचर लगा देते हैं (अटेंडेंस), खेल रिजल्ट का होता है, बच्चा रिजल्ट ला रहा है ना, कुछ स्कूल कहते हैं तो कोई प्रोग्राम है तो बच्चा चला जायेगा ना, Daily तो जायेगा नहीं.

दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल, ये तो सिर्फ एक नाम है. एलन इंस्टीट्यूट के दर्जनों स्कूलों से टाइअप हैं और अकेले दिल्ली में ही हर साल सैकड़ों बच्चों का डमी एडमिशन अकेले एलन इंस्टीट्यूट करवाता है.

रिपोर्टर- सर आपके यहां बच्चों को एनवायरमेंट मिल जाता होगा ना, क्योंकि ऐसा नहीं कि मेरा बच्चा अकेले बैठकर पढ़ रहा है डमी में

इरशाद अहमद, असिस्टेंट मैनेजर, एलन इंस्टीट्यूट- तीन, साढ़े तीन सौ बच्चा है कहां है आप

रिपोर्टर - डमी में ?

इरशाद अहमद, असिस्टेंट मैनेजर, एलन इंस्टीट्यूट - डमी में

सोचिये.. एलन इंस्टीट्यूट जो कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स की तैयारी करने वाले हर बच्चे की पसंद होता है. वो सरकारी नियम कानूनों की धज्जियां उड़ा रहा है. ज़ी न्यूज़ के खुफिया कैमरे पर एलन इंस्टीट्यूट का काला सच रिकॉर्ड हुआ है. लेकिन शिक्षा को व्यापार बना देने वाला एलन इंस्टीट्यूट अकेला नहीं है.

Allen कोचिंग इंस्टिट्यूट का सच आपके सामने है. ज़ी न्यूज़ के स्टिंग में जो खुलासे हुए हैं. उसका सार आपको बताते हैं.

-Allen Institute 9वीं क्लास के बच्चों को भी एडमिशन दे रहा है. जो नियमों के खिलाफ है
-Allen Institute अपने छात्रों का प्राइवेट स्कूलों में डमी एडमिशन करवाता है, जो कि गैरकानूनी है.
-Allen Institute की दिल्ली के कई प्राइवेट स्कूलों से सांठ-गांठ है, जहां Institute के छात्रों की कोचिंग क्लासेज चलती हैं.

लेकिन कोचिंग बिजनेस की आड़ में गैरकानूनी धंधा करने वाला Allen Institute अकेला नहीं है. अब आपको Bansal Institute लेकर चलते हैं. देश का ये नामी कोचिंग सेंटर भी Allen की राह पर चल रहा है. दिल्ली में चल रहे बंसल कोचिंग सेंटर का सच..अब आपको दिखाते हैं.

बंसल कोचिंग इंस्टिट्यूट की टैग लाइन है, it's your Gateway to Excellence. संस्थान का दावा है कि इनके देशभर में कोचिंग सेंटर हैं. दिल्ली स्थित सेंटर पर 8वीं क्लास के बाद बच्चों को एडमिशन देने का दावा किया गया है. जोकि भारत सरकार के जारी किये गये नए नियमों मुताबिक गैरकानूनी है. इसलिए बंसल इंस्टिट्यूट की सच्चाई जानने के लिए Zee News की टीम दिल्ली के प्रीत विहार स्थित बंसल के सेंटर पहुंची. यहां हमारी मुलाकात कोचिंग सेंटर की मैनेजर मधु शर्मा से हुई. यहां भी हमारा पहला सवाल यही था.

क्या बंसल कोचिंग सेंटर में नौवीं क्लास के बच्चों को कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स की तैयारी कराई जाती है?

रिपोर्टर- मैडम मैं यहां नोएडा में ही रहता हूं यह मेरे भाई हैं उनके दोनों बच्चे बिहार में एक बच्चा अभी आठवीं से 9वीं में जाएगा और एक बच्चा दसवीं से 11वीं में जाएगा. थोड़ा बहुत अगर पैसा है तो हर कोई अपने बच्चों को अच्छा Education देना चाहता है इसके Regarding क्या-क्या Opetion आपके पास हैं ?

मधु शर्मा, मैनेजर बंसल कोचिंग सेंटर- पहले आप यह बताइए की School कौन सा Plan कर रहे हैं

रिपोर्टर- Ma'am हमें यहां कुछ नहीं पता

मधु शर्मा, मैनेजर बंसल कोचिंग सेंटर- अच्छा आपको कुछ नहीं पता यहां

मधु शर्मा, मैनेजर बंसल कोचिंग सेंटर- एक आपका 9th में और एक 11th में दो बच्चों की आप बात कर रहे हैं बजट का कोई आपको इशू ?

रिपोर्टर- नहीं कोई इशू नहीं है..अब यह तो नहीं की 10-20 लाख रुपए खर्च करें

मधु शर्मा, मैनेजर बंसल कोचिंग सेंटर- नहीं नहीं ऐसा नहीं है

बंसल कोचिंग सेंटर में किसी बच्चे को एडमिशन देने से पहले उसके पेरेंट्स की जेब को चेक किया जाता है, कि कौन कितने लाख रुपये खर्च कर सकता है. जब हमने कहा कि खर्च का कोई इश्यू नहीं है, तब बात आगे शुरू हुई.

रिपोर्टर- लेकिन दो-तीन ढाई लाख रुपये हम खर्च कर सकते हैं

मधु शर्मा, मैनेजर बंसल कोचिंग सेंटर- एक काम करते हैं इसमें आपको हम विवेकानंद का ऑफर बता देते हैं, थोड़ा सा मैं आपको बता देता हूं. विवेकानंद स्कूल है आपने इसका नाम सुना होगा विवेकानंद स्कूल बहुत सारे Branch हैं इसके E-Block में है और नियर है.

रिपोर्टर- आसपास ही है

मधु शर्मा, मैनेजर बंसल कोचिंग सेंटर- Walking Distance मान लीजिए, इसमें आप दोनों बच्चों का कर सकते हैं. 9th वाला 9th में जाएगा जो नॉर्मल होता है, सुबह स्कूल जाएगा शाम में कोचिंग करेंगे. इसमें क्या होता है Normal Routine होता है बच्चा सुबह स्कूल गया 9 में ठीक है घर आया खाना खाया 9th के लिए कोचिंग हमारे पास Available है. यह तो है 9th के लिए

बंसल कोचिंग सेंटर 9वीं क्लास के बच्चों को कोचिंग कराने के लिए तैयार है, जोकि गैरकानूनी है.लेकिन बंसल कोचिंग सेंटर में हमें नई व्यवस्था का पता चला. हमें बताया गया कि डमी क्लास कुछ बच्चों को रास नहीं आती. इसका ऑप्शन हमें SIP बताया गया है. SIP यानी स्कूल इंटिग्रेटिड प्रोग्राम.

मधु शर्मा, मैनेजर बंसल कोचिंग सेंटर- 11th के लिए इसके दो तरीके हैं या तो आप बच्चे को मॉर्निंग में स्कूल भेजेंगे, फिर शाम में उसको IIT की तैयारी के लिए भेजेंगे. जोकि Normally करते हैं. दूसरा Option है Dummy, Dummy में क्या होता है बच्चा स्कूल नहीं जाता है दूसरे Option में बच्चे का Routine नहीं बन पाता है मेरे पास जितने भी Dummy के बच्चे हैं सब परेशान है बहुत कम बच्चे हैं. वह उस Routine को Manage नहीं कर पा रहे हैं. देखिए, कहीं ना कहीं बच्चा उठ रहा है ठंड हो रहा है. बारिश हो रही है स्कूल तो जाना नहीं है. अपना आराम से सो कर उठ लो. एक तीसरा Option है विवेकानंद के लिए है इसमें क्या है कि बच्चा स्कूल जाएगा Normally इसमें जो आप IIT करना चाह रहे हैं. JEE करना चाह रहे हैं वह क्लास स्कूल में ही होगी, वह हमारे Iitians जाकर लेंगे

रिपोर्टर- यही की Teacher जाकर लेंगे

मधु शर्मा, मैनेजर बंसल कोचिंग सेंटर- हां जी. इससे क्या होगा कि आपके दोनों बच्चे स्कूल में हो गए बजट बहुत ज्यादा नहीं है, बिल्कुल भी नहीं है Normal Budget है. 11th वाले का तो बहुत ही कम Budget है. अगर आप बाहर जाएंगे Coaching Classes में जाएंगे वहां जो 11वीं की Fees है लगभग 2 साल की करीब दो लाख है. लेकिन आप हमारे Through जाते हैं तो 1,40000 है 2 साल की.

रिपोर्टर- एक लाख चालीस हजार

मधु शर्मा, मैनेजर बंसल कोचिंग सेंटर- हां, 2 साल की यह कुछ भी नहीं है 70,000 हज़ार ले रहा है 1 साल की. Clear है Quality आपको वही मिलेगी Faculty हमारी Change नहीं होते हैं हमारी पूरी टीम कोटा से है. यह आपके आसपास के किसी भी केंद्र में यह Facility नहीं मिल सकती है.

हमें बताया गया कि किस तरह SIP के जरिये कोचिंग सेंटर के फैकल्टी स्कूल में कॉम्पिटेटिव एग्जाम की तैयारी कराएंगी. लेकिन हमारा अगला सवाल था कि स्कूल के बच्चों के साथ किस तरह क्लास मैनेज होगी. इसे लेकर भी बंसल इंस्टिट्यूट के पास पूरा प्लान है.

मधु शर्मा, मैनेजर बंसल कोचिंग सेंटर- Class एक ही होगा. स्कूल के भी बच्चे जो IIT की Coaching करना चाहते हैं. स्कूल के बच्चे अलग से जैसे स्कूल के भी 5-6 बच्चे उनके निकले IIT करनी है तो स्कूल उनको अलग से क्लास Provide करेगा. हमारे यहां से अलग से होगा उनका Combine batch स्कूल से एकदम अलग होगा बिल्कुल..आपकी हम Meeting करेंगे स्कूल में उनके Principal Incharge से ऐसा नहीं है बहुत बड़ा प्लान है हमारा. अब देखिए यहां पर इतने सारे center है यहां पर अगर हमारे center को entry मिली है वहां पर तो हमारी टीम में कुछ तो होगा सर.

रिपोर्टर- आपका Tie up हुआ होगा उनसे ?

मधु शर्मा, मैनेजर बंसल कोचिंग सेंटर- Definitely हर किसी का नहीं हो सकता.

रिपोर्टर- अगर Dummy के तौर पर करें तो Dummy वही ना जिसमें बच्चा स्कूल नहीं जाएगा

मधु शर्मा, मैनेजर बंसल कोचिंग सेंटर- हां, उसमें क्या होगा Class तो हमारी Evening में ही होगी, बच्चा स्कूल जाता है हमारा जो Batch चलेगा शाम के चार बजे से चलता है

रिपोर्टर- चार बजे से कब तक

मधु शर्मा, मैनेजर बंसल कोचिंग सेंटर- Four टू Eight pm

रिपोर्टर- चार से आठ. अगर Dummy का होता है तो आप लोग कहीं एडमिशन करवा देंगे

मधु शर्मा, मैनेजर बंसल कोचिंग सेंटर- हां, Everything is available पर Dummy के लिए हम Suggest नहीं करेंगे.

बंसल कोचिंग सेंटर का ज्यादा Focus SIP यानी स्कूल इंटिग्रेडिट प्रोग्राम पर है. ताकि कभी सेंटर पर छापा पड़े भी तो इनका गैरकानूनी धंधे का खुलासा ना हो सके. लेकिन Zee News के खुफिया कैमरे पर कोचिंग सेंटर की मैनेजर सब कबूल कर रही हैं.

आपने बंसल कोचिंग सेंटर का सच देखा, जिसमें कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं. Zee News के स्टिंग में मुख्यतौर पर तीन अहम बातें निकलकर सामने आई हैं.

Allen की तरह बंसल कोचिंग सेंटर भी 9वीं क्लास के बच्चों को कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स की कोचिंग दे रहा है.

बंसल कोचिंग सेंटर, कोचिंग के लिए बच्चों का Dummy स्कूल में Admission कराने का दावा करता है.

बंसल कोचिंग सेंटर, कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए SIP यानी School Integrated Program पर फोकस करता है.

लेकिन ऐसा नहीं है कि दिल्ली में यही दो कोचिंग सेंटर नियमों का ताक पर रखकर ऐसा कर रहे हैं. दिल्ली के प्रीत विहार में ही नारायणा कोचिंग सेंटर भी है. यहां का सच भी कम चौंकाने वाला नहीं है. किस तरह नारायणा कोचिंग सेंटर में 13 से 14 वर्ष के बच्चों को कोचिंग दी जाती है. अब आप ये देखिये..

भारत में कोचिंग का कारोबार बहुत बड़ा हो चुका है, कोचिंग सेंटर्स चलाने वालों की कमाई करोड़ों में है. इस वजह से कोचिंग सेंटर नियमों को ताक पर रखकर एडमिशन देने से भी नहीं चूक रहे. और इनमें नारायणा कोचिंग सेंटर का नाम भी शामिल है.

Zee News की SIT टीम प्रीत विहार स्थित नारायणा कोचिंग सेंटर पहुंची. नए सरकारी नियमों की यहां से संचालकों को पूरी जानकारी है. कि 10वीं क्लास से छोटी क्लास के बच्चों को एडमिशन नहीं दिया जा सकता. लेकिन जानकारी होने के बाद भी नियमों की धज्जियां उड़ाने में नारायणा कोचिंग सेंटर पीछे नहीं है.

रिपोर्टर- अभी तो बिहार में ख़बर भी छपी थी की

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- 16 साल से नीचे
रिपोर्टर- हां कोचिंग

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- ऐसा कुछ भी नहीं है दिल्ली में नहीं है.

रिपोर्टर- यहां तो कुछ ऐसा नहीं है ना

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- नहीं ऐसा यहां कुछ भी नहीं है एक Guideline दिया था समझ गए. उसको implement नहीं किया था. जब आप लागू करेंगे तब पता चलेगा ना लागू करेगा नहीं, कौन अपने बच्चों के करियर के साथ खिलवाड़ करेगा.

रिपोर्टर- यह हुआ क्या है ?

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- यह हर तीन-तीन साल पर Government यह Decisions लेता है कोई भी Implement नहीं होता, कुछ भी नहीं होता है.

नारायणा कोचिंग सेंटर संचालकों को नियमों का पता है, फिर भी छोटी क्लास के बच्चों को एडमिशन देने के लिए तैयार दिखे. यहां हमें बताया गया कि किस तरह नॉन अटैंडिंग बेस पर कोचिंग कराई जायेगी. यानी बच्चे का एडमिशन तो स्कूल में कराया जायेगा, लेकिन बच्चे को स्कूल नहीं जाना पड़ेगा. एक तरह से नारायणा कोचिंग सेंटर में भी डमी स्कूल का Concept चल रहा है.

रिपोर्टर- इनका बच्चा अभी 8वीं क्लास में है बिहार में ही पढ़ रहा है इस बार 9वीं में जाएगा, तो अभी से ही Base मजबूत हो जाए

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- तो 9th के लिए आपको क्या करना है आप खुद से किसी स्कूल में जाएंगे या मेरी तरफ से जाएंगे

रिपोर्टर- आप बताइए मैडम जो अच्छा हो ?

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- देखिए हमारे तरफ से जाएंगे तो हमारा Non Attending Base पर होता है, बच्चा स्कूल नहीं जाएगा ठीक है बच्चा स्कूल नहीं जाता है लेकिन हमारी तरफ से coaching मिल जाएगी. लेकिन 9th और 10th के बच्चों को घर पर मत रखिएगा इससे बेहतर है कि आप यहां पर आप किसी स्कूल में डाल दीजिए. स्कूल आप देख लीजिए कोचिंग हम कर देंगे हमारे जो Non Attending है.

रिपोर्टर- क्या Non Attending क्या है ?

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- Non Attending मतलब बच्चा स्कूल नहीं जाता है.सुबह से शाम तक बच्चा हमारे पास ही रहता है.

रिपोर्टर- हां, ठीक है.

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- लेकिन वह 11th और 12th से होता है 9th और 10th के लिए हम लोग बच्चा सुबह से शाम तक रखते नहीं है शाम के समय जब क्लासेज होंगे इस समय आएंगे, अगर आप उसमें Comfortable हैं तब हमारी तरफ से कोई दिक्कत नहीं है स्कूल में हम ही लोग Admission कराएंगे Test में Board के समय जाना होगा.

रिपोर्टर- ठीक है

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- ये Non Attending Base पर है. हमारे पास जो क्लास का Timing होगा बच्चा उसी टाइम हमारे साथ क्लास कर लेगा

रिपोर्टर- तो Admission कहां होगा ?

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- स्कूल में Admission हम करा देंगे..

रिपोर्टर- कहां पर कराएंगे ?

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- नरेला के Side में होगा.. मैं Confirm कर देती हूं.9th के लिए Admission ले रहे हैं कि नहीं अगर आप Intersted हैं तो मैं बात करूं

रिपोर्टर- नहीं, Interested हैं

अगर अभिभावक तैयार होते हैं, तो बिना देर कर कोचिंग सेंटर डमी स्कूल में एडमिशन कराने को तैयार हैं. इसके बाद कोचिंग देकर खुद नोट छापते हैं. इससे इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोचिंग लेने वाला बच्चा 13-14 साल का है. और उसे कोचिंग देना गैरकानूनी है.

रिपोर्टर- Non Attending में 11वीं-12वीं के लिए Admission कहां करते है आप लोग ?

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- इसी स्कूल में कराते है

रिपोर्टर- अच्छा नरेला में..वहां स्कूल तो नहीं जाना पड़ता है ना.

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- नहीं नहीं

रिपोर्टर- क्योंकि बच्चा तो कोचिंग के पास रहेगा ना अपना घर लेकर...

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- सुबह से लेकर शाम तक बच्चा हमारे पास रहता है...हम कोचिंग कराते है.और 9th 10th के लिए पढ़ाई तो हम सारी कराएंगे. उसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन बच्चा पूरे दिन घर पर रहेगा शाम में जब क्लास होगा हफ्ते में 3 दिन उस टाइम आ जाएंगे..

रिपोर्टर- कवर तो सब कर लेते होंगे ना ?

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- कवर तो हम सब कर लेते है. chemistry, math.. science, Mental mental ability और SST कराते है English और हिन्दी बच्चा खुद से कर लेता है..

रिपोर्टर- क्योंकि ma'am बच्चे का थोड़ा ध्यान रखना होगा कुल 13/14 साल का बच्चा है. अभी आठवीं क्लास का बच्चा है..

जॉय सीमा, मैनेजर, नारायणा कोचिंग सेंटर- रखना पड़ेगा Definitely .

नारायणा कोचिंग सेंटर मैनेजर को पता है, 16 साल तक के बच्चे को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नहीं कराई जा सकती. लेकिन कोचिंग सेंटर्स के लिए बच्चे नोट छापने की मशीन बन चुके हैं. जिनकी मानसिक स्थिति को दरकिनार कर कोचिंग सेंटर्स पर पैसा कूट रहे हैं.

DNA हमेशा देशहित से जुड़ी खबरों को उठाता है और जनहित से जुड़े खुलासे करता है. Operation Coaching का मकसद भी यही है. देश में जिस तरह से कोचिंग सेंटर्स लूट का अड्डा बन चुके हैं. वो किसी से छिपा नहीं है. लेकिन इन कोचिंग सेंटर्स की पहुंच इतनी ऊपर तक है कि वो खुलेआम कानून और नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं और उनपर कोई एक्शन भी नहीं होता. Operation Coaching के जरिये आप ये देख चुके हैं. लेकिन Operation Coaching पर जब हमने CBSE से सवाल किया तो CBSE की प्रवक्ता रमा शर्मा ने फोन पर जवाब दिया कि हमारे सारे अधिकारी परीक्षाओं के आयोजन में व्यस्त हैं. और इतने कम वक्त में हम जवाब नहीं दे सकते.

CBSE के इस जवाब से दो बातें लगती हैं या तो CBSE को इससे कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता कि कोचिंग इंस्टीट्यूट्स कैसे सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. या फिर CBSE को इस मामले की गंभीरता का अंदाजा नहीं है. लेकिन Zee News इसकी गंभीरता को जानता भी है और समझता भी है. इसलिए DNA में आज हमने सरकार..सिस्टम और समाज की आंखें खोल देने वाला ये खुलासा किया है. अब देखना ये है कि शिक्षा को बिजनेस बना देने वाले कोचिंग इंस्टीट्यूट्स पर कोई एक्शन होता भी है या नहीं.

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