AAP सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 'नहीं चाहते कि दिल्ली प्रशासन में गतिरोध जारी रहे'
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AAP सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 'नहीं चाहते कि दिल्ली प्रशासन में गतिरोध जारी रहे'

दिल्ली सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा कि वह जानना चाहती है कि शीर्ष अदालत की संविधान पीठ के चार जुलाई के फैसले को देखते हुए प्रशासन में वह कहां खड़ी होती है.

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह चाहती है कि राष्ट्रीय राजधानी के शासन से संबंधित उसकी याचिकाओं पर जल्द सुनवाई हो क्योंकि वह ‘प्रशासन में गतिरोध बना देखना’ नहीं चाहती.

दिल्ली सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा कि वह जानना चाहती है कि शीर्ष अदालत की संविधान पीठ के चार जुलाई के फैसले को देखते हुए प्रशासन में वह कहां खड़ी होती है.

न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि वह समस्या समझती है लेकिन चुनावी मुद्दों जैसे कई अत्यावश्यक मामले सुनवाई के लिए सामने आते हैं जिसके कारण नियमित सूची के मामलों पर विचार नहीं हो पाता.

पीठ ने कहा,‘हम समझते हैं कि नियमित सूची के मामलों को भी सुनवाई के लिए रखा जाए क्योंकि लोगों ने कई वर्षों तक अपने मामले का इंतजार किया है. हमें सबकुछ देखना होता है.’

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि अदालत को इस मामले को सुनने तथा खत्म करने के लिए समय तय करना चाहिए.

उन्होंने कहा,‘हम नहीं चाहते कि प्रशासन में गतिरोध जारी रहे. हम जानना चाहते हैं कि इस मुद्दे पर संविधान पीठ के फैसले के बाद प्रशासन के संबंध में फिलहाल हम कहां खड़े हैं.’

पीठ ने लंबित मामलों में दलीलें सुनने के लिए 10 और 11 अक्टूबर की तारीख तय की.

 

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