केजरीवाल ने आरोप लगाया कि ऐसी अफवाहें हैं कि केंद्र सरकार के इशारे पर उपराज्यपाल सीसीटीवी परियोजना के क्रियान्वयन में 'रुकावट पैदा' रहे हैं.
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नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार की सीसीटीवी कैमरा परियोजना के क्रियान्वयन में हस्तक्षेप करने की मांग की. इससे दो दिन पहले उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस परियोजना की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक पैनल का गठन किया था. पत्र में केजरीवाल ने मोदी से मुलाकात का आग्रह किया और सीसीटीवी कैमरा लगाने के संबंध में बैजल को निर्देश देने की बात कही. इसके लिए उन्होंने तर्क दिया कि यह महिला सुरक्षा से जुड़ा हुआ मुद्दा है और इस पर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए.
गुरुवार को आप सरकार ने उपराज्यपाल द्वारा गठित समिति को यह कहते हुए 'अमान्य' करार दिया था कि सीसीटीवी लगाने का काम सरकार का है और बैजल से शहर में बढ़ रहे अपराधों पर लगाम लगाने को कहा. मुख्यमंत्री ने पत्र में आरोप लगाया कि यह समिति सीसीटीवी परियोजना को 'रोकने' के लिए बनाई गई और कहा कि उपराज्यपाल मुद्दे पर 'राजनीति' कर रहे हैं.
केजरीवाल ने साधा एलजी और केंद्र पर निशाना
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि ऐसी अफवाहें हैं कि केंद्र सरकार के इशारे पर उपराज्यपाल सीसीटीवी परियोजना के क्रियान्वयन में 'रुकावट पैदा' रहे हैं. पत्र में उन्होंने कहा, 'सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू ही होने वाली थी जिसके लिए बजट पास हुआ था. परियोजना से जुड़ी सभी आपत्तियां दूर हो गई थीं. कैबिनेट ने भी इसके लिए हामी भर दी थी ... केंद्र की कंपनी बीईएल के साथ करार हो चुका था. ‘लेकिन आपके उपराज्यपाल ने अचानक रुकावट पैदा कर दी.
'बिना सूचित किए समिति गठित कर दी'
केजरीवाल ने कहा, 'उन्होंने बिना हमें सूचित किए सीसीटीवी परियोजना पर एक समिति गठित कर दी. यह समिति उस समय क्यों बनाई गई जब प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी और सीसीटीवी कैमरा लगाने का काम शुरू होने वाला था ? अब यह समिति क्या करेगी ?’ उन्होंने आरोप लगाया कि हमें बताए बिना उपराज्यपाल का समिति गठित करना दिखाता है कि उनके इरादे नेक नहीं हैं. पत्र में उन्होंने आरोप लगाया , 'लोग मानते हैं कि केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को अच्छा काम नहीं करने देना चाहती है. ”
(इनपुट - भाषा)