हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को विधानसभा समिति के समक्ष पेश होने के दिए निर्देश
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हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को विधानसभा समिति के समक्ष पेश होने के दिए निर्देश

कोर्ट ने नौकरशाहों को आगाह किया कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही होगी.

अदालत ने कहा, "यदि आप पेश में होने से विफल रहते हैं, प्राधिकारों के बारे में भूल जाइए...

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुख्य सचिव एवं दो अन्य नौकरशाहों को निर्देश दिया कि वे दिल्ली विधानसभा की उन समितियों के समक्ष पेश हों जिन्होंने उन्हें नोटिस भेजा है. अदालत ने नौकरशाहों को आगाह किया कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही होगी. 

  1. दिल्ली हाईकोर्ट ने दो अन्य नौकरशाहों को भी दिया निर्देश
  2. अदालत ने अवमानना की कार्यवाही के प्रति चेताया
  3. कोर्ट ने नौ मार्च को समिति से दण्डात्मक कार्रवाई न करने को कहा था
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न्यायमूर्ति विभू बाखरू ने मुख्य सचिव एवं दो अन्य आईएएस अधिकारियों को आगाह किया कि यदि वे समितियों के समक्ष पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ अदालत , अवमानना की कार्यवाही शुरू कर सकती है. उन्होंने कहा कि वे अधिकारी हैं और उन्हें सभी समितियों के समक्ष पेश होना पड़ेगा. यह आदेश तब दिया गया जब दिल्ली विधानसभा , विधानसभा अध्यक्ष एवं दो समितियों के वकील ने अदालत को यह सूचित किया कि तीनों अधिकारी न तो समिति के समक्ष पेश हो रहे हैं और न ही उनके द्वारा मांगी गयी सूचनाओं पर कोई जवाब दे रहे हैं. 

वकील ने आरोप लगाया कि वे अदालत के पूर्व आदेश का लाभ उठा रहे हैं जिसमें प्राधिकारों को उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रतिबंधित किया गया था. उच्च न्यायालय ने नौ मार्च को समिति से कहा था कि वे आईएएस अधिकारियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई नहीं करें. अदालत ने आज कहा, "यह स्पष्टीकरण दिया जाता है कि याचिकाकर्ता (नौकरशाह) अपने अधिकारों एवं दावों के पूर्वाग्रहों के बिना समितियों की कार्यवाही में भाग लेंगे." 

अदालत ने कहा, "यह इस अदालत का निर्देश है कि आपको पेश होना पड़ेगा. यदि आप पेश में होने से विफल रहते हैं , उनके (अथॉरिटी) के बारे में भूल जाइये, यह अदालत आपके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करेगी."  

अदालत ने इस मामले में जिन दो अन्य अधिकारियों को निर्देश दिये हैं उनमें सहकारी संस्थाओं के पंजीयक जे बी सिंह और दिल्ली शहरी आश्रय कल्याण बोर्ड (डीयूएसआईबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शूरवीर सिंह शामिल हैं. 

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