जगदीश टाइटलर के खिलाफ मानहानि के आरोप तय
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जगदीश टाइटलर के खिलाफ मानहानि के आरोप तय

कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ सोमवार को दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में पीड़ितों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता की शिकायत पर मानहानि के आरोप तय किए।

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ सोमवार को दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में पीड़ितों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता की शिकायत पर मानहानि के आरोप तय किए।

अदालत ने सीआरपीसी की धारा के तहत टाइटलर को नोटिस जारी करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया उन्होंने आरोप लगाकर वरिष्ठ अधिवक्ता एच एस फुल्का की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया।

फुल्का इस मामले में शिकायतकर्ता हैं।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौरव राव ने कहा, ‘:आपने:----जानबूझकर या किसी कारण से जो आरोप लगाए वो शिकायतकर्ता (फुल्का) की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएंगे और इस प्रकार आईपीसी की धारा 499 के तहत अपराध किया जो धारा 500 के तहत दंडनीय है।’

अदालत ने कहा, ‘आप बताएं कि आपको (टाइटलर को) क्यों न इस अदालत द्वारा उपरोक्त अपराध के लिए दंडित किया जाना चाहिए।’ यह नोटिस टाइटलर के समक्ष पढ़ा गया और इसपर टाइटलर ने खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा कि वह मुकदमे का सामना करेंगे। इसके बाद अदालत ने मामले में साक्ष्य दर्ज करने की तारीख 2 मई को निर्धारित कर दी।

इससे पहले, टाइटलर ने अदालत में दलील दी थी कि मानहानि की शिकायत पर उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए कानूनन स्वीकार्य कोई सबूत नहीं है।

टाइटलर के वकील ने दलील दी थी कि शिकायतकर्ता फुल्का ने कथित मानहानिकारक बयानों के संबंध में याचिका दायर की थी जो कांग्रेस नेता ने सात सितंबर 2004 को एक टेलीविजन समाचार कार्यक्रम के दौरान दिया था और इस मामले में कार्यवाही में काफी अधिक विलंब हुआ।

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