केरल बाढ़: SC में दायर की गई याचिका, राहत और बचाव कार्यों का मांगा ब्यौरा
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केरल बाढ़: SC में दायर की गई याचिका, राहत और बचाव कार्यों का मांगा ब्यौरा

सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए पुनर्वास कार्यक्रम के उचित क्रियान्वयन और न्यायिक निगरानी की मांग की गयी है. 

याचिका में कहा गया है कि केंद्र देश के नागरिकों के जीवन की रक्षा से पीछे नहीं हट सकता है.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए पुनर्वास कार्यक्रम के उचित क्रियान्वयन और न्यायिक निगरानी की मांग की गयी है. केरल के रहने वाले अधिवक्ता सिजी एंटनी ने अपनी याचिका में केंद्र की ओर से उठाये गए कदमों की जानकारी मांगी है. उन्होंने साथ ही जानना चाहा कि क्या संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित अन्य एजेंसियों ने आपात स्थिति से निपटने के लिए किसी तरह की मदद की पेशकश की है या नहीं. याचिका में कहा गया है कि केंद्र देश के नागरिकों के जीवन की रक्षा से पीछे नहीं हट सकता है. उसमें साथ ही कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से किसी तरह का अनुरोध नहीं किया जाने पर भी केंद्र को खुद से हस्तक्षेप करते हुए ‘नागरिकों एवं अन्य लोगों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा’ करनी चाहिए.

अधिवक्ता प्रशांत पद्मनाभन की ओर से दायर याचिका में किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने की केंद्र और राज्य सरकारों की तैयारी के बारे में भी जानकारी देने का आग्रह किया गया है. केरल में आई विनाशकारी बाढ़ में आठ अगस्त से अब तक 223 लोगों की जान गयी है.  इस कारण दस लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. 

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केरल की बाढ़ राष्ट्रीय आपदा नहीं बल्कि 'गंभीर प्रकृति की आपदा' घोषित
केंद्र सरकार ने केरल की विनाशकारी बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं करके 'गंभीर प्रकृति की आपदा' घोषित किया है. राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार को एक बयान में कहा कि केरल में बाढ़ की तीव्रता व परिमाण को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इसे गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित किया है.

केरल में आई बाढ़ और भूस्खलन की प्रबलता को देखते हुए यह सभी व्यवहारिक उद्देश्यों के लिए गंभीर प्रकृति की एक आपदा है. केरल सदी की सबसे भयावह बाढ़ का सामना कर रहा है, जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग विस्थापित व बेघर हो गए हैं. केरल में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 216 लोगों की मौत हुई है जबकि 7. 24 लाख विस्थापित लोगों ने 5,645 राहत शिविरों में शरण ले रखी है. नायडू व महाजन ने कहा है कि उन्होंने अपने एक महीने का वेतन केरल में राहत व पुनर्वास के लिए दान करने का फैसला किया है और उन्होंने सभी सांसदों से भी एक महीने का वेतन दान करने की अपील की है.

नायडू व महाजन ने यह भी कहा कि सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस) के तहत एक सांसद देश के किसी भी हिस्से में गंभीर प्रकृति की आपदा में प्रभावित जिले के लिए अधिकतम एक करोड़ रुपये के कार्य की सिफारिश कर सकता है.

इनपुट भाषा से भी 

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