दिल्ली में हड़ताल पर ऑटो-टैक्सी, हजारों यात्रियों को हुई परेशानी
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दिल्ली में हड़ताल पर ऑटो-टैक्सी, हजारों यात्रियों को हुई परेशानी

एप आधारित टैक्सी सेवाओं के विरोध में शहर की ऑटो और टैक्सी यूनियनों ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इससे हजारों यात्रियों का परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

दिल्ली में हड़ताल पर ऑटो-टैक्सी, हजारों यात्रियों को हुई परेशानी

नई दिल्ली : एप आधारित टैक्सी सेवाओं के विरोध में शहर की ऑटो और टैक्सी यूनियनों ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इससे हजारों यात्रियों का परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ऑटो और टैक्सी की बीस यूनियनों ने मिलकर संयुक्त कार्य समिति बनाई है। इसी समिति ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया था। समिति ने दावा किया कि हड़ताल के समर्थन में करीब 85,000 ऑटो और 15,000 काली-पीली टैक्सियां राजधानी की सड़कों से नदारद हैं। दिल्ली सरकार ने इस हड़ताल को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया है और कहा है कि एप आधारित कैब सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने का फैसला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है, इसलिए इस मामले में केंद्र सरकार को ही कुछ करना चाहिए।

हड़ताल के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कनॉट प्लेस, रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी जैसे स्थानों पर यात्रियों को आवागमन के साधन नहीं मिल रहे हैं। ऑल दिल्ली ऑटो-टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन (एडीएटीटीसीयू) के अध्यक्ष किशन वर्मा ने कहा कि ऑटो और टैक्सी के चालक एप आधारित सेवाओं का विरोध कर रहे हैं। वर्मा ने कहा कि उबर और ओला के पास दिल्ली में टैक्सी चलाने का परमिट नहीं है फिर भी हमारी रोजी-रोटी छीनने के लिए सरकार उन्हें अपनी गाड़ियां चलाने दे रही है। दिल्ली ऑटोरिक्शा संघ और दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा कि दिल्ली सरकार और केजरीवाल से बातचीत नहीं की जाएगी और अब शासन को ‘ऑटो तथा टैक्सी चालकों’ की ताकत का पता चलेगा। यह संभवत: पहली बार है कि प्रमुख राजनीतिक पार्टियों भाजपा और कांग्रेस से जुड़ी शहर की यूनियनों ने एकजुट होकर हड़ताल का आह्वान किया है।

आरएसएस समर्थित यूनियनों के प्रमुख सोनी ने कहा कि सरकार ने हमें कई बार आश्वासन दिया था कि वह एप आधारित टैक्सी सेवाओं के खिलाफ कार्रवाई करेगी लेकिन उसने अभी तक अपना वादा पूर नहीं किया है। दिल्ली सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा है कि उन्होंने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर उबर के सर्वर पर रोक लगाने की मांग की है। प्रवक्ता ने कहा कि ओला और उबर का दिल्ली में संचालन गैरकानूनी है क्योंकि उनके पास अपनी टैक्सियां चलाने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग का परमिट नहीं है। हमने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर उबर के सर्वर पर रोक लगाने की मांग की थी लेकिन केंद्र सरकार ने कहा कि वह ऐसा नहीं कर सकती है क्योंकि कंपनी का प्रमुख सर्वर अमेरिका में है। उन्होंने आगे कहा कि सम-विषम के दूसरे चरण में मुख्यमंत्री ने सर्ज प्राइसिंग (व्यस्त समय में भाड़े में वृद्धि) की शिकायतों पर इन एप आधारित कैब सेवाओं को कार्रवाई का सामना करने की भी चेतावनी दी थी।

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