एनवायरमेंट प्रोटेक्शन कंट्रोल अथारिटी (ईपीसीए) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की स्थिति को लेकर विचार के लिए पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के साथ बैठक की.
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में हुई बारिश के बाद शुक्रवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ, हालांकि अधिकारियों ने चेताया है कि अगले कुछ दिनों में प्रदूषण 'खतरनाक स्तर' पर पहुंच सकता है. उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एनवायरमेंट प्रोटेक्शन कंट्रोल अथारिटी (ईपीसीए) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की स्थिति को लेकर विचार के लिए पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के साथ बैठक की.
ईपीसीए के एक सदस्य ने कहा कि बैठक में स्थिति का जायजा लिया गया और यह तय किया गया कि शहर के जिन हिस्सों में हवा की गुणवत्ता खराब से बेहद खराब है वहां विशेष ध्यान दिया जाए. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दिल्ली का कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 276 दर्ज किया गया. यह खराब की श्रेणी में आता है.
एक्यूआई में 0 से लेकर 50 के बीच को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’ और 201 से 300 के बीच को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ माना जाता है.
बुधवार और बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी की दर्ज की गई थी. प्रदूषण से निपटने के लिए और कड़े कदम उठाने की योजना बना रहे अधिकारियों को इसने चिंता में डाल दिया है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली के कुछ हिस्सों में गुरुवार को हुई बारिश से वायु की गुणवत्ता में सुधार हुआ क्योंकि इसने हवा से प्रदूषक कणों को साफ किया. उन्होंने चेताया कि अगले कुछ दिनों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो सकती है, विशेषकर पीएम 2.5 जो खतरनाक स्तर पर पहुंच सकता है.
(इनपुट - भाषा)