रामजस कॉलेज की घटना को JNU के देशद्रोह मामले से मत मिलाइए : अदालत
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रामजस कॉलेज की घटना को JNU के देशद्रोह मामले से मत मिलाइए : अदालत

 दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी में रामजस कॉलेज में कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारेबाजी को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग पर मंगलवार को एक वकील को चेतावनी दी कि इस घटना को जेएनयू मामले से नहीं जोड़ा जाए जिसमें कुछ छात्रों के खिलाफ देश द्रोह का मामला दर्ज किया गया था. 

अब इस मामले में 14 सितंबर को सुनवाई होगी. (file - प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली:  दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी में रामजस कॉलेज में कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारेबाजी को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग पर मंगलवार को एक वकील को चेतावनी दी कि इस घटना को जेएनयू मामले से नहीं जोड़ा जाए जिसमें कुछ छात्रों के खिलाफ देश द्रोह का मामला दर्ज किया गया था. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की घटना फरवरी 2016 में उस समय चर्चा में आई थी जब जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत उसके कुछ नेताओं को गिरफ्तार किया गया था जबकि रामजस कॉलेज का मामला एबीवीपी और वामपंथी संगठनों एआईएसए तथा एसएफआई से जुड़े छात्रों के बीच नारेबाजी और संघर्ष से जुड़ा है.

क्या कहा कोर्ट ने ?
मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा ने कहा, 'दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी मेरे लिए नजीर नहीं है. यह इस मामले में बाध्यकारी नहीं है, न ही यह सर्वोच्च न्यायालय का फैसला है. जेएनयू का आरोप पत्र इस मामले में प्रासंगिक नहीं है. यह दो अलग मामले हैं. जेएनयू मामले को डीयू के मामले के साथ नहीं मिलाइए.'

अदालत ने यह टिप्पणी वकील विवेक गर्ग को लक्षित कर की थी जिन्होंने रामजस कॉलेज का मुद्दा उठाया था और अदालत से पुलिस को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि वह उन्हें जेएनयू मामले में दायर किए गए आरोप पत्र की प्रति मुहैया कराए. अदालत में हालांकि इस मुद्दे पर जिरह नहीं हो सकी क्योंकि संबंधित पुलिस अधिकारी आज उपलब्ध नहीं हो पाये थे. अब इस मामले में 14 सितंबर को सुनवाई होगी.

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