ईवीएम में छेड़छाड़ को लेकर फिर आमने-सामने हुए केजरीवाल और चुनाव आयोग
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ईवीएम में छेड़छाड़ को लेकर फिर आमने-सामने हुए केजरीवाल और चुनाव आयोग

इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और चुनाव आयोग के बीच तकरार थमती नहीं दिख रही है. केजरीवाल ने सोमवार को चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहा कि अगर चुनाव आयोग के पास डाटा डिकोड करने का तंत्र उपलब्ध नहीं है तो उनके विशेषज्ञ 72 घंटे में ऐसा कर सकते हैं. चुनाव आयोग ने ईवीएम पर सवाल उठाने पर रविवार को केजरीवाल को नसीहत देते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को अपनी हार पर मंथन करना चाहिए न कि ईवीएम पर सवाल उठाना चाहिए. 

केजरीवाल ने कहा-हमारे विशेषज्ञ 72 घंटे में बता देंगे कि ईवीएम के साथ छेड़खानी हुई या नहीं. फाइल फोटो

नई दिल्ली : इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और चुनाव आयोग के बीच तकरार थमती नहीं दिख रही है. केजरीवाल ने सोमवार को चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहा कि अगर चुनाव आयोग के पास डाटा डिकोड करने का तंत्र उपलब्ध नहीं है तो उनके विशेषज्ञ 72 घंटे में ऐसा कर सकते हैं. चुनाव आयोग ने ईवीएम पर सवाल उठाने पर रविवार को केजरीवाल को नसीहत देते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को अपनी हार पर मंथन करना चाहिए न कि ईवीएम पर सवाल उठाना चाहिए. 

अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने ईवीएम में ‘बड़े पैमाने पर छेड़छाड़’ किए जाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली के राजौरी गार्डन विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराने के लिए उत्तर प्रदेश से वीवीपीएटी मशीनें लायी जा रही हैं.

चुनाव आयोग ने खारिज किया आरोप

निर्वाचन आयोग का कहना है कि उत्तर प्रदेश चुनावों में इस्तेमाल किसी भी ईवीएम को मध्य प्रदेश के उपचुनावों के लिए नहीं भेजा गया. आयोग ने दिल्ली के मुख्यमंत्री तथा आप नेता केजरीवाल के आरोपों को आधारहीन बताते हुए उन्हें खारिज कर दिया.

आयोग ने एक बयान में कहा, ‘कानून के मुताबिक वीवीपीएटी मशीनों को चुनाव याचिका के मकसद से स्ट्रांग रूम में रखना जरूरी नहीं है और उन्हें किसी भी अन्य चुनाव में इस्तेमाल किया जा सकता है.’ आयोग ने केजरीवाल का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि एक राजनीतिक दल के नेता ने संवाददाता सम्मेलन में बेबुनियाद टिप्पणियां की हैं और निराधार आरोप लगाये हैं.

केजरीवाल ने मध्य प्रदेश के भिंड में गड़बड़ी वाले ईवीएम के सॉफ्टवेयर से जुड़ा डाटा सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा है कि अगर चुनाव आयोग के पास डाटा डिकोड करने का तंत्र उपलब्ध नहीं है तो उनके विशेषज्ञ 72 घंटे में ऐसा कर सकते हैं।

और पढ़ें : चुनाव आयोग की केजरीवाल को नसीहत, कहा-पंजाब के नतीजों पर मंथन करें, ईवीएम पर दोष मढ़ना ठीक नहीं

चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल खड़े करते हुये केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में आयोग की इस दलील को नकार दिया कि ईवीएम में एक बार साफ्टवेयर लगाने के बाद ना तो इसे पढ़ा जा सकता है और ना ही इस पर कुछ लिखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर आयोग के पास ईवीएम के सॉफ्टवेयर को डीकोड करने का तंत्र नहीं है तो वह अपने विशेषज्ञों की टीम से गड़बड़ पायी गयी मशीनों का सॉफ्टवेयर 72 घंटे में डीकोड करके आयोग को इसकी रिपोर्ट दे सकते हैं।

केजरीवाल ने आयोग को पत्र लिख कर यह प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि आयोग गड़बड़ी वाली मशीनों के सॉफ्टवेयर को डीकोड करने का तंत्र नहीं होने की लाचारी बता कर इन्हें चुनाव प्रक्रिया से अलग कर देता है। उन्होंने दलील दी कि ईवीएम में छेड़छाड़ के पुख्ता सबूत मिलने के बाद चुनाव प्रक्रिया को गंभीर आशंकाओं के घेरे से बचाने के लिए उन्होंने अपने सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों की सेवाएं देने की पहल की है।

भिंड में गड़बड़ी वाली मशीन का यूपी चुनाव में हुआ इस्तेमाल 

केजरीवाल ने दावा किया कि मध्य प्रदेश में ईवीएम की गड़बड़ी मिलने के दो दिन बाद कुछ और सबूत मिले हैं जो समूची चुनाव व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हैं। इसमें चौंकाने वाली बात पता चली है कि भिंड में गड़बड़ी वाली मशीन का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल किया गया था। इसके अलावा ट्रायल के दौरान इस मशीन में वोट डालने के बाद वीवीपैट मशीन की पर्ची पर उत्तर प्रदेश की गोविंदपुरी सीट से प्रत्याशी सत्यदेव पचौरी का नाम छपा है।

उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई मशीनों को मध्य प्रदेश में उपचुनाव में इस्तेमाल के लिए भेजने को कानून का उल्लंघन बताया। केजरीवाल ने कहा कि कानून के मुताबिक एक बार इस्तेमाल हो चुकी मशीन का डाटा 45 दिन तक बरकरार रखना अनिवार्य है।

केजरीवाल ने सवाल किया कि चुनाव आयोग के सामने ऐसी क्या मजबूरी थी कि 11 मार्च को उत्तर प्रदेश का चुनाव परिणाम घोषित होने के 45 दिन के भीतर उन्हीं मशीनों को दोबारा इस्तेमाल के लिए भेज दिया गया।

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