आम आदमी पार्टी के लिए काम करता रहूंगा : योगेंद्र यादव
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आम आदमी पार्टी के लिए काम करता रहूंगा : योगेंद्र यादव

आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की कमेटी से बाहर किए जाने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि वह आप छोड़कर कहीं नहीं जा रहे और पार्टी के लिए काम करना जारी रखेंगे।

आम आदमी पार्टी के लिए काम करता रहूंगा : योगेंद्र यादव

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की कमेटी से बाहर किए जाने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि वह आप छोड़कर कहीं नहीं जा रहे और पार्टी के लिए काम करना जारी रखेंगे।

यादव ने कहा कि पिछले एक महीने से वह किसानों से जुड़ी समस्याओं पर काम कर रहे हैं और भूमि अधिग्रहण कानून में किए गए संशोधनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। बहरहाल, सूत्रों ने कहा कि भले ही पार्टी ने उन्हें नई भूमिका देने का वादा किया हो पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ऐसे किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई।

यादव ने कहा, ‘मेरे भविष्य की भूमिका के बारे में यही कहूंगा कि पार्टी मेरे लिए जो भी फैसला करेगी, वह मैं करूंगा। पिछले लगभग एक महीने से मैं जय किसान अभियान में शामिल रहा हूं। यह अभियान भूमि अधिग्रहण अध्यादेश जैसे मुद्दों पर पार्टी का आंदोलन है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं गहन रूप से शामिल होना चाहता हूं और मैं व्यक्तिगत तौर पर यात्रा करने और किसानों की समस्या समझने का वक्त चाह रहा था।’

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने कहा था कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को नई जिम्मेदारियां दी जाएंगी। पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘कल और अब तक इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई। इन दोनों नेताओं की भूमिका पर कोई स्पष्टता नहीं है।’

यादव ने कहा कि पिछले तीन-चार दिनों से उन्हें कई ई-मेल और संदेश आ रहे थे जिसमें पार्टी कार्यकर्ता अपना समर्थन जताने के साथ-साथ मौजूदा संकट पर दुख भी जाहिर कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘आप’ में आंतरिक लोकतंत्र का उनका प्रयास खत्म नहीं हुआ है और यह जारी रहेगा।

आप नेता ने कहा, ‘मैं उन सब से कहता रहा हूं कि मौलिक सिद्धांतों की हमारी खोज जारी रहेगी। ये मौलिक सिद्धांत हैं - देश के साथ-साथ संगठन में स्वराज, आंतरिक लोकतंत्र, निष्ठा के उच्चतम मानक बनाए रखना और कार्यकर्ताओं की आवाज सुनना।’ उन्होंने कहा, ‘हम मुद्दे को उठाना जारी रखेंगे। उम्मीद खोने की जरूरत नहीं है। समिति से एक-दो लोगों को हटाना संगठन में उम्मीद खोने का कारण नहीं होना चाहिए।’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह मौजूदा वाकये से दुखी हैं, यादव ने कहा, ‘यदि मेरे और प्रशांत जैसे लोग..यदि हमारे जाने से एक ऐसी स्थिति बनती है जिसमें हम मुद्दों के प्रति ज्यादा सजग होते हैं तो हमारे जाने का उद्देश्य पूरा होगा।’

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